82% पूरा हुआ अयोध्या श्री राम मंदिर का निर्माण कार्य Ayodhya Ram Mnadir Nirman

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Ayodhya Ram Mnadir Nirman : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अयोध्या (Ayodhya) में भगवान श्री रामलला (Shri Ramlala) के दर्शन के लिए प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु पहुंच रहे है। प्राण प्रतिष्ठा के पश्चात से अब तक ढाई करोड़ श्रद्धालुओं ने भगवान श्री राम के दर्शन किए हैं। इसके अतिरिक्त पांच लाख से अधिक वीआईपी, वीवीआईपी और तीन हजार विदेशी श्रद्धालु भी दर्शन करने पहुंच चुके है। इस वर्ष के बीते आठ महीने में अयोध्या में ढाई करोड़ श्रद्धालु पहुंच चुके हैं।

Ayodhya Ram Mnadir Nirman
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बता दें कि रामलला के दिव्य स्वरूप को देखने के लिए विदेशों से भी श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। लगभग तीन हजार विदेशी श्रद्धालुओं ने रामलला के दर्शन किए हैं। इनमें अमेरिका, ब्रिटेन, नेपाल, श्रीलंका सहित कई अन्य देशों के लोग सम्मिलित हैं।

आपको बता दें कि श्रावण मास में अयोध्या के राम दरबार में तकरीबन 35 लाख श्रद्धालुओं ने अपनी हाजिरी लगाई थी। रामलला के दिव्य स्वरूप को देखने और उनके आशीर्वाद के लिए लालायित भक्तों में देश के साथ अमेरिका, श्रीलंका और नेपाल के भक्त कतारबद्ध दिखाई दिए थे।

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अब हम बात करते हैं श्री राम लला के निर्माणाधीन मंदिर की तो आपको हम बता दें कि बीते वित्तीय वर्ष में रामलला को 363 करोड़ का दान मिला है। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि अस्थायी निर्माण व स्थायी निर्माण पर बीते साल 776 करोड रुपये खर्च हुए हैं। इसमें 540 करोड़ केवल मंदिर निर्माण पर खर्च किए गए। शेष राशि अन्य मद में खर्च हुई।

उन्होंने बताया कि एक अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 के वित्तीय वर्ष में मंदिर निर्माण पर 670 करोड़ और खर्च होने की संभावना है। इसके अतिरिक्त 180 करोड़ रुपये अन्य मदों में खर्च हो सकते हैं। आगामी वित्तीय वर्ष में 850 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया गया है।

Ayodhya Ram Mnadir Nirman
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इसके अतिरिक्त आपको हम बता दें कि रामलला की मूर्ति के लिए तीन मूर्तिकारों का चयन हुआ था। तीनों मूर्तिकारों ने अलग-अलग मूर्ति बनाई थी। इसमें से एक मूर्तिकार की मूर्ति का चयन हुआ था, जो गर्भगृह में स्थापित है। तीनों मूर्तिकारों को मूर्ति निर्माण के लिए 75-75 लाख की धनराशि 18 प्रतिशत जीएसटी लगाकर दी गई है।

यह भी बता दें कि डेढ़ किलोमीटर लंबे श्रीराम जन्मभूमि पथ पर अब भक्तों की सुविधा के लिए स्थायी जर्मन हैंगर लगाने की सहमति बैठक में मिल गई है। मार्च से लेकर सितंबर तक गर्मी व बरसात की अधिकता रहती है। तय हुआ की भक्तों को इससे बचाने के लिए स्थाई रूप से जर्मन हैंगर लगाया जाए। और यह कार्य अक्टूबर से आरंभ कर दिया जाएगा।

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बता दें कि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के अनुसार प्रथम तल पर संगमरमर का राम दरबार स्थापित किया जाना है, परंतु इससे पहले टाइटेनियम से निर्मित राम दरबार की स्थापना पर चर्चा हुई थी। टाइटेनियम से निर्मित राम दरबार ट्रस्ट को समर्पित कर दिया गया है। अब संगमरमर के राम दरबार की स्थापना होनी है, इसलिए बैठक में निर्णय हुआ है कि मंदिर में उत्सव मूर्ति भी होती है। टाइटेनियम से निर्मित राम दरबार को उत्सव मूर्ति के रूप में स्थापित किया जाएगा। इस पर सहमति बन गई है। टाइटेनियम से निर्मित राम दरबार की ऊंचाई करीब डेढ़ फीट और चौड़ाई एक फिट है।

मंदिर निर्माण कार्य की जानकारी देने हेतु बता दें कि राम मंदिर निर्माण को समय से पूरा करने के लिए 300 मजदूर बढ़ाए जा रहे हैं। राम मंदिर में लगभग 1 हजार 500 कारीगर कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त एक हजार अतिरिक्त श्रमिकों की आवश्यकता बताई गई थी। जो राजस्थान से कारीगर मंगवाए गए हैं।

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इसके अतिरिक्त राम मंदिर के चारों ओर निर्माणाधीन आयताकार परकोटा का निर्माण चल रहा है। यहां श्रमिकों की संख्या बढ़ने के पश्चात इस निर्माण की गति मिलेगी। अनुमान के अनुसार इस परकोटे में लगभग 9 लाख घन फुट बंशी पहाड़पुर के पिंक सैंड स्टोन को लगाया जाना है। राजस्थान की ही खदानों से आवश्यक पत्थरों के उपलब्ध होने के पश्चात इनकी तराशी का काम भी सिरोही जिलों की कार्यशालाओं में चल रहा है। राम मंदिर के उत्तर दिशा का खाली प्रांगण में भारी मात्रा में तराशे पत्थरों की लाट से पूरा स्थान भर गया है। इसके कारण पत्थरों को मणि पर्वत के निकट तीर्थ क्षेत्र पुरम भेजा जा रहा है।

राममंदिर निर्माण का कार्य 82 प्रतिशत पूरा हो चुका है। 161 फीट ऊंचे तीन मंजिला राममंदिर के भूतल व प्रथम तल का काम पूरा हो चुका है। जबकि दूसरे तल का काम 75 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। राममंदिर निर्माण पर अब तक एक हजार करोड़ खर्च हो चुके हैं। जबकि मंदिर समेत अन्य प्रकल्पों में अब तक 1800 करोड़ खर्च होने की जानकारी मिली है। मंदिर समेत सभी प्रकल्पों के निर्माण पर 2500 करोड़ से अधिक खर्च होने का अनुमान है।

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राममंदिर के प्रथम तल की फिनिशिंग का काम लगभग अंतिम चरण में है। जबकि प्रथम तल पर जाने के लिए भूतल के वीआईपी मार्ग के पास से सीढ़ी भी बना दी गई है। प्रथम तल पर ही राम दरबार की स्थापना की जानी है। जबकि दूसरे तल के स्तंभ खड़े किए जा रहे हैं। 19़ 5 फीट ऊंचे दूसरे तल में अब तक 15 फीट की ऊंचाई तक स्तंभ जोड़े जा चुके हैं। मंदिर के अतिरिक्त मंदिर परिसर में परकोटे का निर्माण चल रहा है। परकोटे में छह मंदिर भी बनेंगे। इसमें देवी भगवती, भगवान सूर्य, गणेश, हनुमान, मां अन्नपूर्णा के मंदिर बनेंगे। परिसर में शेषावतार मंदिर का भी निर्माण नए सिरे से किया जा रहा है।

इसके अतिरिक्त परिसर में ही सप्त मंडपम की स्थापना की जा रही है। इसमें ऋषियों समेत रामायण कालीन सात पात्रों के मंदिर बनेंगे। महर्षि वाल्मीकि, अगस्त्य, वशिष्ठ, तुलसी दास, शबरी, निषादराज व अहिल्या के मंदिर का निर्माण यहां किया जाएगा। इसके अतिरिक्त परिसर में रिटेनिंग वॉल, एसटीपी, पॉवर प्लांट, सड़कों का निर्माण, संग्रहालय, गेस्ट हाउस का भी निर्माण कार्य चल रहा है।

Ram Temple Construction UPdate
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श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की भवन निर्माण समिति की समीक्षा बैठक के निष्कर्ष के अनुसार आम श्रद्धालुओं को कुबेर टीला में कुबेरेश्वर महादेव के दर्शन के साथ परिसर के सौन्दर्य को निहारने के लिए अभी लंबी प्रतीक्षा करनी होगी। तीर्थ क्षेत्र की योजना के अनुसार यहां सितम्बर 2024 से श्रद्धालुओं को दर्शन की सुविधा देने का निर्णय लिया गया था, मुख्य मार्ग भी बनकर तैयार है, परंतु एप्रोच रोड के निर्माण के अवरोधों को यथाशीघ्र दूर करना संभव नहीं है। इसके चलते कुबेर टीला दर्शन योजना को दिसम्बर 2024 तक विस्तार दे दिया गया है।

अभी रामायणकालीन चार ऋषियों महर्षि अगस्त्य, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र व महर्षि वाल्मीकि के अलावा माता शबरी, देवी अहिल्या व निषादराज के मंदिरों का निर्माण चल रहा है। इसके साथ शेषावतार मंदिर का निर्माण भी आरंभ हो गया है।

Ayodhya Ram Mnadir Nirman
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इन निर्माण कार्यों के चलते एप्रोच रोड के निर्माण में स्वाभाविक रूप से देरी होगी। उन्होंने बताया कि कुबेर टीला पर प्रतिदिन एक हजार श्रद्धालुओं को दर्शन कराने के लिए पास जारी करने का निर्णय लिया गया है परंतु अब दिसम्बर से पहले यहां दर्शन संभव नहीं है।

श्रीरामजन्मभूमि परिसर में स्थित तीर्थ यात्री सुविधा केंद्र (पीएफसी) के बेसमेंट में सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल का निर्माण कार्य चल रहा है। इसका निर्माण अपोलो हॉस्पिटल इंटरप्राइजेज लिमिटेड के प्रमोटर ग्रुप की संस्था के प्रोजेक्ट ‘सुरक्षा’ के अंतर्गत किया जा रहा है। अपोलो की यह संस्था वर्ष के 365 दिन और 24 घंटे निः शुल्क अपनी सेवाएं देगी। यह संस्था छह बेड एक्यूट केयर यूनिट भी स्थापित करेगी। पूरी तरह से उन्नत दो कार्डियक लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस भी उपलब्ध कराया जाएगा जिससे इमरजेंसी में मरीज को हायर सेंटर भेजकर उसके प्राणों की रक्षा की जा सके।

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यह भी बता दें कि श्रीरामजन्मभूमि परिसर में यात्री सुविधा केंद्र (पीएफसी) का निर्माण पूरा कर 15 अगस्त को हैंडओवर करने की योजना भी विलंबित हो गई है। इस विलंब का मुख्य कारण निर्माणाधीन चार डोम (गुम्बद) है। दर्शनार्थियों की भीड़ के कारण गुम्बद के निर्माण में देरी हो गई है। फिलहाल हैंडओवर के लिए सितम्बर की तिथि निर्धारित की गई है। दूसरी ओर पीएफसी में प्रथम व द्वितीय तल को मिला कर कुल दो हजार श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था हो गई है और फर्नीचर भी लग चुका है। इसके अतिरिक्त यहां चार अलग-अलग लिफ्ट भी लगाई गई हैं।

मित्रों यदि दी हुई श्री राम मंदिर निर्माण की जानकारी आपको पसंद आई हो तो कमेंट बाॅक्स में जय श्री राम अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।

अधिक जानकारी के लिए विडियो देखें:-

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