अयोध्या की सबसे बड़ी विकास परियोजना पर कार्य आरम्भ
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Ayodhya Parikrama Marg : पांच जिलों से होकर गुजरने वाले 84 कोसी परिक्रमा पथ को विकसित करने की प्रक्रिया तेज हो गई है। जैसा की आप जानते होंगे और यदि नहीं जानते तो बता दें की वर्ष 2021 में केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गड़करी द्वारा अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित कर दिया गया है। और अब 275 किमी की अयोध्या चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग नेशनल हाइवे बनेगा। जिससे देश और विदेश के पर्यटक अयोध्या में 84 कोसी परिक्रमा फोरलेन मार्ग से कर सकेंगे।
जानकारी के लिए बता दें की अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा मार्ग कुल 275.35 किलोमीटर तक फैला हुआ है। जिसमें की अयोध्या, अम्बेडकर नगर, बाराबंकी, बस्ती और गोंडा सहित उत्तर प्रदेश के पांच जिले सम्मिलित हैं। यही नहीं राष्ट्रीय राजमार्ग बनने से गोंडा, रायबरेली, अयोध्या, सुलतानपुर के लोग भी अब इससे सीधे जुड़ जाएंगे।
अयोध्या के इस 84 कोसी परिक्रमा मार्ग की मान्यता की जानकारी के लिए बता दें की हिन्दुओं में विशेष मान्यता है अयोध्या की 84 कोसी य़़ात्रा करने से 84 लाख योनियों में भटकने से मुक्ति मिल जाती है। बता दें की राजा दशरथ की अयोध्या 84 कोस में फैली थी। इसके अतिरिक्त भगवान राम से जुड़े पौराणिक स्थल भी इसी 84 कोस परिक्रमा मार्ग पर हैं। अयोध्या से 20 किमी उत्तर स्थित बस्ती जिले के मखौड़ा धाम से इस परिक्रमा यात्रा का आरंभ होता है। मार्ग में कुल 21 पड़ाव पड़ते हैं।
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जानकारी के लिए बता दें की अयोध्या कुल में तीन प्रकार की परिक्रमा होती हैं। जिसमें – 5 कोस (15 किमी),14 कोस (42 किमी), और 84 कोस परिक्रमाएं सम्मिलित हैं और यह सभी भगवान राम से जुड़ी हुई हैं। वाल्मीकि रामायण के बाल कांड में उल्लेख है कि अयोध्या को पहले कोशलदेश के नाम से जाना जाता था, जो आरंभ में 48 कोस में विस्तारित था, तत्पश्चात में इसे 84 कोस तक बढ़ा दिया गया था।
84 कोस परिक्रमा कोशलदेश की परिक्रमा है जो अयोध्या से जुड़े सभी महत्वपूर्ण स्थानों को छूती है।14 कोस परिक्रमा उस समय के मुख्य अयोध्या नगर के लिए है, और 5 कोस परिक्रमा उस आंतरिक चक्र की परिक्रमा करती है जिसके भीतर राम के राज्य का केंद्र स्थित था।
वर्तमान में, चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग की स्थिति बहुत खराब है। परिक्रमा करने वाले लोगों को नाव से नदी पार करना पड़ती है। 84 कोसी परिक्रमा मार्ग पर अलियाबाद, नियामत गंज, बारिन बाग, सहित विभिन्न कस्बे आते हैं।
84 कोसी परिक्रमा मार्ग पर पड़ने वाले पड़ावों की जानकारी के लिए बता दें कि परिक्रमा मार्ग के महत्वपूर्ण पड़ावों में महादेव घाट, भगनरामपुर सूर्यकुंड, सीताकुंड, जनमेजय कुंड, अमानीगंज, रुदौली, बेलखरा, टिकैत नगर, दुलारेबाग, पारसपुर, उत्तर भवानी, ताराबगंज और बीयर मंदिर हैं। मार्ग के अधिकांश स्थान रामायण की घटनाओं या पात्रों से जुड़े हुए हैं।
बता दें की यह 84 कोसी परिक्रमा मार्ग 227-बी नेशनल हाईवे के नाम से जाना जायेगा। लगभग 275 किलोमीटर लम्बे इस मार्ग का संरेखण 45 मीटर चौड़ा होगा तथा यह मार्ग चार लेन का बनेगा। मार्ग पर पड़ने वाले प्रमुख धार्मिक, सांस्कृतिक, पौराणिक व पर्यटन के स्थलों की झांकी दर्शायी जायेगी। मार्ग के आस-पास पड़ने वाले पौराणिक व धार्मिक स्थलों को संपर्क मार्ग से जोड़ा जायेगा।
यही नहीं, राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में विकसित किये जाने वाले इस 84 कोसी परिक्रमा मार्ग के किनारे रामायणकालीन वृक्षों का रोपण किया जायेगा तथा रामायणकालीन कथाओं का चित्रण करने वाली व तत्कालीन ऋषिओं, मुनियों की झांकियों व तत्समय की घटनाओं का सुन्दर व मनोहारी चित्रण किया जायेगा, साथ-ही-साथ इसे रोजगार सृजन के द्दष्टिकोण से भी उपयोगी बनाया जायेगा।
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इसके अतिरिक्त सभी जिलों के जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि मार्ग के किनारे कोई अतिक्रमण न किया जाय। एवं इस मार्ग के किनारे बहुत स्थान आरक्षित रखी जायेगी, जिसे भविष्य में और विकसित किया जा सकेगा।
अब यदि इस परियोजना की वर्तमान परिस्थिति की जानकारी दें तो आपको बता दें की अयोध्या 84 कोसी परिक्रमा मार्ग के लिए पीडब्ल्यूडी की एनएच विंग ने सर्वे कार्य कर दिया है। इस मार्ग से पौराणिक महत्व के 51 तीर्थ स्थल परिक्रमा मार्ग जुड़ेंगे।
सबसे महत्वपूर्ण की इस परिक्रमा पथ के लिए 11 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी कर दी गई है। अयोध्या की इस सबसे बड़ी परियोजना पर शीघ्र कार्य आरंभ होने की आशा है।
आवंटित की गई 11 करोड़ रुपये की धनराशि परिक्रमा पथ की भुमि क्रय के लिए है। परिक्रमा के आरंभिक स्थल बस्ती के मखौड़ा से जिले के सारपुर, सारपुर से गोसाईगंज, गोसाईगंज से बीकापुर और बीकापुर से पटरंगा के मध्य बनने वाले परिक्रमा मार्ग का टेंडर जारी कर दिया गया है। 84 कोसी परिक्रमा पथ बस्ती जिले के मखौड़ा धाम से आरंभ होती है। यह अयोध्या, अंबेडकर नगर, बाराबंकी, गोंडा जिले के विभिन्न स्थलों से होते हुए फिर मखौड़ा धाम में समाप्त होती है।
भूमि एवं अध्याप्ति अधिकारी के अनुसार भूमि क्रय करने की कार्रवाई आरंभ की जा चुकी है। इसके लिए लगभग 11 करोड़ रुपये का आवंटन प्राप्त हुआ है। भूमि के लिए नोटिस भेजी जा रही है।
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84 कोसी परिक्रमा मार्ग के निर्माण के लिए दो तिहाई भाग का टेंडर जारी कर दिया गया है। इस भाग को 18 से 24 माह में पूरा करने की तिथि तय की गई है। परिक्रमा पथ का निर्माण छह पैकेज में किया जाएगा। निर्माण सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय करा रहा है। पैकेज संख्या तीन अयोध्या जिले के गोसाईगंज से बीकापुर के बीच भूमि क्रय के लिए औपचारिक कार्रवाई पूरी हो गई। अब अमौनी और मीतनपुर गांवों के किसानों से भूमि क्रय की आरंभ होगी। किसानों को भूमि अध्याप्ति विभाग से नोटिस भेजा जा रहा है। क्षतिपूर्ति के रूप में उन्हें आंकलित धनराशि दी जाएगी।
पहले पैकेज में मखौड़ा धाम से 84 कोसी परिक्रमा की आरंभ होती है। यहीं से निर्माण भी आरंभ किया जाएगा। मखौड़ा धाम व छावनी से महूघाट, रामबाग व सांड़पुर से सरयू नदी पार कर अंबेडकरनगर के शृंगी ऋषि के आश्रम तक के परिक्रमा मार्ग का टेंडर हो चुका है।
वर्तमान में अयोध्या, अम्बेडकरनगर, गोंडा, बाराबंकी और बस्ती से गुजरने वाला यह परिक्रमा मार्ग करीब 233 किमी लंबा है। इस परिक्रमा को श्रद्धालु एक माह में पूरा करते हैं। परंतु केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से बनाए जाने वाला परिक्रमा मार्ग 275 किमी लंबा होगा। इस नए मार्ग से पुरानी परिक्रमा मार्ग पर स्थित न केवल सभी तीर्थस्थल जोड़े जाएंगे, अपितु पुराने परिक्रमा मार्गों को भी ठीक किया जाएगा। एवं इसके लिए सड़क के 45 मीटर की चौड़ाई में भूमि ली जाएगी।
अब यदि इस परियोजना की लागत की जानकारी दें तो आपको बता दें की अयोध्या 84 कोसी परिक्रमा मार्ग के निर्माण के लिए कुल लागत 7400 करोड़ रुपये होगी जिसमें से भूमि अधिग्रहण और यूटिलिटी शिफ्टिंग व सिविल निर्माण की लागत सम्मिलित है।
महत्वपूर्ण है कि 84 कोसी परिक्रमा मार्ग के फोरलेन रोड बनने से इसे न केवल अयोध्या के पुरातन गौरव की पुनर्स्थापना के लिए बढ़ाया गया बड़ा कदम माना जाएगा अपितु यह आध्यात्मिक पर्यटन क्षेत्र को संबल भी प्रदान करेगा। जो अयोध्या के आध्यात्मिक छवि को आधुनिकता से मिलाकर एक नवीन अध्याय भी लिखेगा।
मित्रों यदि दी हुई अयोध्या के 84 कोसी परिक्रमा मार्ग परियोजना की जानकारी की जानकारी आपको पसंद आई हो तो कमेंट बाॅक्स में जय श्री राम अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।
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