अयोध्या श्री राम मंदिर के तीव्र निर्माण के लिए लगी 500 लोगों की फ़ौज
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सदियों पश्चात भगवान राम लला अपने मंदिर में पुनः विराजमान होने वाले हैं और करोड़ों भक्तों की मनोकामना पूर्ण होने वाली है।
जैसा की हम सभी जानते हैं कि वर्तमान समय में अयोध्याजी की पावन धरा पर भगवान श्री राम चंद्र के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य हो रहा है जोकी केवल अयोध्या ही नहीं अपितु समस्त भारतवर्ष तथा समस्त सनातनीयों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक विकासकार्य है, तथा इसके साथ ही अयोध्या भी वर्तमान काल के अपने अब तक के सबसे बड़े परिवर्तन की साक्षी बन रही है।
श्री राम मंदिर निर्माण की जानकारी के लिए बता दें की के पहले फेज का काम पूरा हो गया है। भूमि के 50 फीट गहराई में कांक्रीट की आधारशिला रखी जा चुकी है। बीते दिनों 400 फुट लंबा 300 फुट चौड़ा और 50 फुट गहरे भूखंड में चट्टान की भराई की गई थी, जिसका उपयोग मंदिर की आधार के तौर पर किया गया है। मंदिर हजारों वर्ष तक सुरक्षित रहें इसके लिए ट्रस्ट और इंजीनियर प्रयासरत हैं। भारत के इतिहास में इतने बड़े भूखंड में इतनी बड़ी आधार कभी नहीं भरी गई है। मंदिर ट्रस्ट के अनुसार रंग महल के बैरियर पर वर्तमान स्तर से लगभग 14 मीटर गहराई तक एक बहुत विशाल क्षेत्र में चट्टान ढाली गई। देश का कोई इंजीनियर नहीं कह सकता कि स्वतंत्र भारत में ऐसी कोई चट्टान भूमि में डाली गई है। यह चट्टान मंदिर की नींव का काम करेगी। चट्टान लगभग एक लाख पचासी हजार घन मीटर क्षेत्र में डाली गई है। जिसके ऊपर राफ्टिंग का कार्य हुआ है।
अधिक जानकारी के लिए बता दें की यहाँ पर दो शिफ्टों में 24 घंटे काम जारी है। रॉफ्ट की ढलाई का काम रात में ही किया जाता है, क्योंकि रॉफ्ट की परत को सुखाने के लिए रात का तापमान अनुकूल होता है। रॉफ्ट की ढलाई के लिए गूम मिक्सर मशीन लगाई गई है। दो टाॅवर क्रेन भी इस काम में लगे हैं। साथ ही 40 इंजीनियरों सहित लगभग 250 मजदूर राममंदिर निर्माण कार्य में लगे हुए हैं। जब राममंदिर का गर्भगृह आकार लेगा तो मजदूरों की संख्या और भी बढ़ाई जाएगी। तथा राम मंदिर जिस 2.77 एकड़ भूमि पर बन रहा है, उस स्थान पर बेस बनाने का काम पूरा हो गया है।
बता दें की 30 ब्लॉकों में ढाली गई रॉफ्ट की शटरिंग अब कुछ ही दिनों के पश्चात इंजीनियरों के दिशा-निर्देशन में खोली जाएगी। जिसके पश्चात फरवरी माह से राममंदिर की प्लिंथ का निर्माण आरंभ हो जाएगा। प्लिंथ लगभग 22 फीट ऊंची होगी। तथा प्लिंथ में लगभग ग्रेनाइट के 26 हजार पत्थर लगेंगे। जिसमें से अब तक 10 हजार पत्थर अयोध्या आ भी चुके हैं। प्लिंथ के ब्लॉक अलग-अलग आकार के होंगे। कहीं दो गुणे चार तो कहीं पांच गुणे तीन व कहीं-कहीं 10 फीट के पत्थर के ब्लॉक भी लगाए जाएंगे।
यही नहीं आपको बता दें की राममंदिर का परकोटा लगभग 60 फीट का होगा। मंदिर स्थल के पूर्वी छोर को सरयू नदी की बाढ़ से बचाने के लिए रिटेनिंग वॉल का निर्माण किया जाएगा। रिटेनिंग वॉल भूमि में 40 फीट गहराई तक जाएगी। तथा 350 फीट लंबा व 250 फीटा चौड़ा प्रदक्षिणा मार्ग भी होगा। परकोटे में भारतीय संस्कृति, धार्मिकता को दर्शाती तरह-तरह की नक्काशी भी की जाएगी जो राममंदिर परिसर की भव्यता बढ़ाएगी। तथा परकोटे में माता सीता, लक्ष्मण, गणेश सहित अन्य देवी-देवताओं के छह मंदिर भी होंगे। तथा सबसे महत्वपूर्ण की मंदिर की पश्चिम दिशा में रिटेनिंग वॉल का निर्माण कार्य चल रहा है। मंदिर से 25 मीटर की दूरी पर तीन ओर से रिटेनिंग वॉल का निर्माण किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त आपको बता दें की सबसे पहले राममंदिर का गर्भगृह होगा फिर गृह मंडप होगा जो कि पूरी तरह से पैक रहेगा। जबकि कीर्तन मंडप, नृत्य मंडप व रंगमंडप का क्षेत्र खुला होगा। प्रथम तल पर रामदरबार विराजित होंगे। मंदिर के दूसरे तल पर क्या होना है इसको लेकर अभी ट्रस्ट मंथन करने में जुटा हुआ है।
बता दें कि राम मंदिर का गर्भगृह 10.50 मीटर लंबा होगा। जिसमें रामलला की चल मूर्ति प्रतिष्ठापित की जाएगी। सुग्रीव किला से सीधा रास्ता राममंदिर के गर्भगृह तक पहुंचेगा। मंदिर तीन मंजिला होगा जिसमें कुल 400 खंभे होंगे। मंदिर का प्रवेश द्वार पूर्व दिशा में होगा। रामलला के दर्शन के लिए 32 सीढ़ियां चढ़ना होगा। तीन मंजिला मंदिर में लगभग 4.50 लाख घनफुट पत्थर लगेंगे। जिनकी आपूर्ति आरंभ हो चुकी है। अब तक लगभग 20 प्रतिशत पत्थरों की आपूर्ति हो चुकी है। ये पत्थर सीधे राजस्थान से तराशकर लाए जा रहे हैं। इसके लिए वहां तीन कार्यशाला चल रही है। अयोध्या की कार्यशाला में भी पत्थरों पर नक्काशी का काम करने में कारीगर जुटे हुए हैं।
इसपर अधिक जानकारी के लिए बता दें की देश-विदेश में हर खूबी के पत्थराें पर शिल्पकला से धाक जमाने वाले मारवाड़ के हुनरमंद हाथाें से अयाेध्या के श्रीराम मंदिर निर्माण में बेजाेड़ शिल्प का नायाब नमूना उकेरा जा रहा है। देशवासियाें के लिए सबसे पावनभूमि की धरा पर 100 एकड़ में बनने वाले भव्यतम मंदिर में नींव के ऊपर दीवाराें से लेकर शिखर तक में सजने वाला पत्थर सिराेही के पिंडवाड़ा-आबूराेड की 3 कार्यशालाओं में तैयार हाे रहा है। हर परिस्थिति में वर्ष 2023 तक यह पत्थर अपनी नक्काशी से तराशकर भेजने है, इसके लिए 500 से अधिक शिल्पकाराें की पूरी फाैज छैनी-हथाैड़ी और मशीनाें से आकार देने में जुटी हुई है।
इन तराशे गए पत्थराें की खेप को अयाेध्या भेजा जा रहा है तथा कुल 500 ट्रक पत्थर यहां से जाना है। अब तक 70 ट्रकाें में पत्थराें के ब्लाॅक पहुंच भी चुके हैं। जन-जन की आस्था के प्रमुख आराध्य भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण में मारवाड़ की शिल्पकला के इतिहास में नया अध्याय जाेड़ने के लिए यह कार्यशालाएं दिन-रात जाग रही है।
ये मंदिर विश्व के अन्य मंदिराें से भिन्न हाे इसके लिए हर कारीगरी काे एक्सपर्ट द्वारा पूरी मेहनत के साथ तैयार किया जा रहा है। मंदिर के उद्घाटन की टाइमलाइन वर्ष 2023 कर देने के पश्चात इन कार्यशालाओं में मशीनाें की संख्या भी बढ़ा दी गई है। प्रत्येक कार्यशाला में 10-10 नई मशीनाें का ऑर्डर देकर उनकाे स्थापित करने के लिए स्ट्रक्चर भी तैयार कर दिया गया है।
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बता दें की इस कार्यशाला की स्थापना वर्ष 1996 में राम मंदिर निर्माण के जनक व विहिप के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री अशाेक सिंघल ने किया गया था। लंबी कानूनी लड़ाई के पश्चात इसका काम कुछ समय तक बंद रहा, परंतु अब वापस से दिन-रात कार्य कराने से तीव्र गति पकड़ चुका है।
महत्वपूर्ण है कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार राममंदिर के दूसरे चरण के अन्तर्गत चल रहे रॉफ्ट का काम समाप्त हो चुका है। तथा संभावना है कि फरवरी माह से राममंदिर के 16 फिट ऊंचे प्लिंथ निर्माण का कार्य आरंभ कर दिया जाएगा। तथा प्लिंथ में भी कहीं भी लोहे का प्रयोग नहीं किया जाएगा। इंजीनियरिंग फिल्ड प्रणाली से ही प्लिंथ के पत्थरों को भी जोड़ने का काम इंजीनियर करेंगे।
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दिसंबर 2023 तक राम मंदिर का प्रथम तल बनकर तैयार हो जाएगा, इसके लिए टाइम लाइन के अनुसार ही कार्य किया जा रहा है। ट्रस्ट का दावा है कि 2023 तक रामलला अपने गर्भगृह में बैठ जाएंगे। एवं तब मंदिर में 2 लाख लोग प्रतिदिन में दर्शन कर सकेंगे।
मंदिर की ऊंचाई 161 फीट होगी। पूरे मंदिर में कहीं भी लोहे का प्रयोग नहीं होगा। केवल पत्थरों से बनने वाले इस मंदिर की आयु 1000 वर्ष से अधिक होगी। जनवरी के पश्चात से पत्थर लगाने का काम आरंभ हो जाएगा।
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