PM मोदी की वाराणसी में अब होगा नई काशी का उदय
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काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का निर्माण तो तीव्र गति से संचालित है ही परंतु अब वाराणसी की एक और अति महत्वाकांक्षी परियोजना अर्थात नई काशी में भी सुखद जानकारी सामने आई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पूरे उत्तर प्रदेश में अब छह नगरों में माडल टाउन बसाने की योजना है जिसका दायित्व विकास प्राधिकरणों को दिया गया है। इस योजना को आकार देने के लिए पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाले वाराणसी विकास प्राधिकरण को भी चुना गया है। अर्थात इसमें वाराणसी भी सम्मिलित है।
सबसे पहले आपको बता दें की यह टाउन प्लानिंग स्कीम क्या है।
तो बता दें की इस टाउन प्लानिंग स्कीम में ढांचागत निर्माण जैसे कि, रोड, बिजली, पानी समेत अन्य बुनियादी सुविधाएं विकासित की जाएगी। तथा प्लाट, ग्रुप हाउसिंग, पार्क, कमर्शियल क्षेत्र, मॉल, होटल, स्टेडियम, पॉवर हाउस, स्कूल, कॉलेज के अतिरिक्त अन्य सुविधाएं भी विकसित होंगी। इसके अतिरिक्त सीवेज व पेयजल सिस्टम समेत उच्च कोटि की अन्य मूलभूत सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य नगर में बढ़ रहे जनसंख्या भार को कम करना होता है ताकि नगरवासीयों का जीवनयापन सुगम के साथ उच्च कोटि का हो। तथा इस कार्य के लिए सरकार मुख्य नगर से थोड़ा हटकर किसी स्थान विशेष को विकसित करती है एवं वर्तमान की इस टाइन प्लानिंग स्कीम को विकसित करने के लिए इस बार लैंड पूलिंग के माध्यम को अपनाने की योजना है।
आपको लैंड पूलिंग स्कीम की अधिक जानकारी के लिए बता दें की लैंड पूलिंग स्कीम के अंतर्गत किसी भी परियोजना के लिए स्थान विशेष की भूमि का अधिग्रहण अथवा क्रय नहीं किया जाता है अपितु आवश्यक भूमि को भू स्वामीयों से क्रय किये बिना वहाँ पर आधारभूत संरचना को विकसित कर दिया जाता है। जिससे कि सरकार के ऊपर भूमि क्रय करने के लिए आवश्यक धन की बचत होती है और समय भी बचता है। किसी प्रोजेक्ट के लिए ली गई भूमि के बदले तय समझौते के अनुसार उन किसानों को विशेष छूट व लाभ मिलता है।
सरल शब्दों में कहें तो इसमें किसान ही भूमि के स्वामी रहेंगे और विकास प्राधिकरण टाउनशिप को विकसित करेगा। शेष कार्य बिल्डर की तरह स्वयं किसान ही करेंगे।
अब बात यदि वाराणसी की नई काशी करें तो आपको बता दें की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर वाराणसी विकास प्राधिकरण ने प्रस्तावित योजनाओं को आकार देने की कार्ययोजना आरंभ कर दी है। यही नहीं इस बार परियोजना में न केवल वाराणसी अपितु वाराणसी रिंग रोड किनारे चंदौली जिले को भी लाभ मिलने वाला है।
नई काशी परियोजना की अधिक जानकारी के लिए बता दें की इसके लिए बनारस व चंदौली जिले में ड्रोन से सर्वे भी कराया गया है। बनारस में रिंग रोड किनारे ऐढे़, व रोहनिया ट्रांसपोर्ट नगर, तथा चंदौली का आलमपुर, सरेसर, धूस-घास, मुस्तफापुर, बरसतिया व रेवसा प्रमुख रूप से सम्मिलित हैैं। नवीन टाउन प्लानिंग स्कीम अर्थात टीपीएस के अंतर्गत विकास प्राधिकरण ने 350 हेक्टेयर भूमि का छह माह पहले कराए ड्रोन सर्वे में चंदौली के छह गांवों में 400 किसान चिन्हित किए हैं।
योजना को आकार देने के लिए पहले भी चंदौली जिले के नियमताबाद ब्लाक के किसानों के साथ बैठक हुई थी। तब सरेसर, मुस्तफापुर, आलमपुर, धूस-घास, रेवसा व बरसतिया गांव के 20 किसानों के समक्ष वीडीए ने टीपीएस योजना के बारे में विस्तार से बताते हुए प्रस्ताव दिया तो लगभग सभी किसानों ने इसमें सहमति जताई थी।
पंचायत चुनाव से पहले के प्रधानों के समक्ष 20 किसानों ने भूमि देने पर सहमति जताई थी। हालांकि, उन्होंने इसका अंतिम निर्णय पंचायत चुनाव के पश्चात लेने को कहा था। किसानों की इसी बैठक से वीडीए अत्यंत आशान्वित है।
बता दें की भूमि अधिग्रहण की लंबी प्रक्रिया और अड़चनों के चलते अब नई काशी को विकसित करने के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) की योजना पर काम किया जाएगा। हालांकि कई गांवों के अधिकतर किसानों से भूमि देने पर सहमति दी है। परंतु, 300 एकड़ के लिए 11 गांवों के किसानों से भूमि लेना विकास प्राधिकरण के सामने बड़ी चुनौती है।
सभी सुविधाओं से लैस और सुव्यवस्थित शहर की परिकल्पना को साकार करने वाली न्यू काशी अथवा नई काशी के लिए रिंग रोड किनारे ऐढे़ में 309 हेक्टेयर जमीन वीडीए ने चिह्नित कर शासन को भेजी है। यदि भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा तो करीब 800 करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है। इसलिए अब लैंड पुलिंग स्कीम के साथ परियोजना को आगे बढ़ाने पर कार्य संचालित है। जिसमें कि जोनल प्लान के अनुसार से ही लैंड पूलिंग के माध्यम से भूमि विकसित की जाएगी। जिसमें कि किसानों से भूमि लेकर सुविधाएं विकसित की जाएंगी। वर्तमान में नई काशी के लिए जोनल प्लान तैयार कराया जा रहा है। इसी आधार पर लैंड पूल कर सुविधाएं विकसित होंगी। जोनल प्लान के अंतर्गत इसमें इंडस्ट्रियल, कामर्शियल, रेजीडेंसियल क्षेत्र चिह्नित किए जाएंगे और इसी अनुरूप से विकास कराया जाएगा। सभी सुविधाओं को व्यवस्थित तरीके से विकसित करने की योजना है। इसमें भूमि का स्वामित्व किसान के पास ही रहेगा। सुविधाएं विकसित होने के कारण इन भूमि का अच्छा मूल्य भी मिलेगा। इसके अतिरिक्त नगरीय सुविधाओं के लिए वीडीए प्राइवेट कंपनियों की भी सहायता लेगा।
अब यदि इस नई काशी परियोजना में आए महत्वपूर्ण परिवर्तन व वर्तमान परिस्थिति की जानकारी दें तो आपको बता दें की वाराणसी की सबसे महत्काँक्षी परियोजना अपने सुखद मोड़ पर है। क्योंकि नई काशी को बसाने की योजना साकार होती दिख रही है। बता दें की चंदौली के छह गांवों में प्रस्तावित पहली टाउनशिप के लिए किसानों की मौखिक सहमति मिल गई है। अब वीडीए इन किसानों से लिखित सहमति लेकर प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करेगा।
पिछले दिनों वीडीए के अधिकारियों और लगभग 1800 किसानों के साथ विभिन्न गांवों में हुई बैठकों का परिणाम सकारात्मक आने के पश्चात यह आशा जगी है। लैंड पुलिंग स्कीम के अंतर्गत किसानों के साथ अब तक हुई बातचीत सफल रही है। चंदौली के छह गांवों (सरेसर, अलीनगर, मुस्तफाबाद, धूसखास, रेवता, मुस्तफापुर) में लगभग 300 हेक्टेयर में टाउनशिप बसाने का खाका तैयार कर लिया गया है। अहमदाबाद की कंसल्टेंट फर्म ने पिछले साल टाउनशिप के लिए ड्रोन सर्वे भी कराया था।
दूसरी ओर वाराणसी में रिंग रोड किनारे ऐढ़े गाँव तथा मोहनसराय में प्रस्तावित ट्रांसपोर्ट नगर में टाउनशिप बसाने की तैयारी की जा रही है। ट्रांसपोर्ट नगर के लिए मिल्की चक, करनाडांडी, सरायमोहाना, बैरवन गांव के 1194 किसान प्रभावित हैं। अब तक 781 किसान 45 हेक्टेयर भूमि देने के लिए सहमत हैं और उनमें से 771 किसानों ने 34.41 करोड़ मुआवजा भी ले लिया है। जोकी नई काशी परियोजना में उपयुक्त है।
अधिक जानकारी के लिए बता दें की नई काशी के अंतर्गत रामनगर व पीडीडीयू नगर में टाउनशिप का खाका खींचा जा रहा है। रामनगर व पीडीडीयू नगर को मिलाकर सैटेलाइट टाउनशिप का निर्माण होगा। हाईवे ट्रैंग्युलर में गंगापार रामनगर और उसके आगे पीडीडीयू नगर को मिलाकर सैटेलाइट टाउन बनाया जाएगा।
टाउनशिप में आधुनिक सुविधाएं दी जाएंगी। हालांकि अभी वीडीए ने टाउनशिप पर खर्च संबंधी रिपोर्ट तैयार नहीं की है। किसानों से लिखित सहमति मिलने के पश्चात प्रोजेक्ट रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।
अधिक जानकारी के लिए ये विडियो देखें-
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