PM मोदी की काशी को मिली वाराणसी के पहले एक्सप्रेसवे की सौगात
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार विकास परियोजनाओं पर लगातार कार्य कर रही है। इसी क्रम में अब वाराणसी से कोलकाता के बीच 600 किमी लंबे नए एक्सप्रेस-वे का निर्माण भी किया जाएगा।
जिस प्रकार से उत्तर प्रदेश अब एक्सप्रेसवे प्रदेश के रूप स्थापित हुआ है और कई एक्सप्रेसवे पर कार्य संचालित है। उसी प्रकार से केंद्र सरकार के नेतृत्व मे अब बिहार में भी सड़क यातायात को गति प्रदान करने के लिए कई परियोजनाओं का उपहार मिल रहा है। इसी क्रम में बिहार से एक अच्छी खबर आ रही हैं। नवीन जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस-वे का निर्माण करने जा रही हैं।
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बता दें की यह नवीन वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेस-वे पूरी तरह से ग्रीन फिल्ड होगा अर्थात यह मार्ग किसी पुरानी सड़क को चौड़ा करके नहीं बनाया जाना है अपितु इस एक्सप्रेसवे के लिए भूमि अधिग्रहण करके इसका निर्माण किया जाएगा तथा यह वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेसवे बिहार के चार जिलों से होकर गुजरेगा।
आइए पहले आपको इस नवीन वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेसवे रूट की जानकारी देते हैं। तो बता दें की यह एक्सप्रेस-वे बिहार के कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद और गया होकर के जाएगी।
इस नवीन वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेसवे की सबसे बड़ी बात यह है की इसका निर्माण आठ लेन के मार्ग के रूप में किया जाएगा। अर्थात वर्तमान के पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से भी अधिक चौड़ा होगा।
बता दें की वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस-वे करीब 600 किलोमीटर लंबा होगा। इसके निर्माण होने से उत्तर प्रदेश से बिहार, झारखंड और बंगाल के बीच तेज कनेक्टिविटी मिलेगी। लोगों का आवागवन सुगम हो जायेगा। साथ ही साथ समय की भी बचत होगा।
वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेसवे के अंतर्गत बिहार की अधिक जानकारी के लिए बता दें की यह सड़क उत्तर प्रदेश के वाराणसी व चंदौली के पश्चात बिहार के कैमूर में 52 किमी, रोहतास में 36 किमी, औरंगाबाद में 38 किमी और गया में 33 किमी में गुजरेगा। तथा इसके लिए बिहार में लगभग 1757 हेक्टेयर की भूमि अधिग्रहण की जायेगी। एवं इसको लेकर विभाग के स्तर पर तैयारी की जा रही हैं।
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बता दें की काशी-कोलकाता नवीन एक्सप्रेसवे बिहार में लगभग 159 किमी तक होगी जो कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद और गया होकर बंगाल में प्रवेश करेगी। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से चंदौली, भभुआ, सासाराम, औरंगाबाद, बोकारो, रांची एवं पुरुलिया को अच्छी कनेक्टिविटी मिलेगी। यहां बता दें कि बिहार से होकर पटना कोलकाता और गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे भी प्रस्तावित है।
बता दें की वाराणसी से कोलकाता तक बनने वाली एक्सप्रेसवे बिहार के कैमूर के पांच अंचलों के 93 मौजे से गुजरेगी। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकारण (एनएचएआई) की ओर से बीते पांच जनवरी को भू-अर्जन के लिए संबंधित अंचलों से राजस्व ग्राम, रैयत, उनकी दखल कब्जा, लगान, रसीद, चक या सर्वे खतियान से जुड़ी सत्यापित रिपोर्ट मांगी है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारी के अनुसार एक्सप्रेस-वे से जुड़ने वाले गांव की सत्यापन के पश्चात उनका पूरा विवरण मंत्रालय के भूमि राशि पोर्टल पर अपलोड किए जाएंगे। ताकि दावा-आपत्ति के बाद भारत सरकार की ओर से राजपत्र में गजट प्रकाशन कराया जा सके। इसकी प्रति सूबे के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के निदेशक को भी भेजी गई है।
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भारत माला परियोजना के अंतर्गत यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के वाराणसी से आरंभ होगी। बिहार के पश्चात झारखंड पहुंचेगी। यहां रांची होते हुए पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता पहुंचेगी। इस तरह चार राज्यों को यह एक्सप्रेसवे जोड़ेगी।
जानकारी के लिए बता दें की भारतमाला परियोजना के दूसरे फेज के अंतर्गत बिहार को यह नवीन एक्सप्रेसवे मिलने वाला है। तथा भारतमाला परियोजना के द्वितीय चरण में कुल 4000 किलोमीटर सड़क निर्माण होना है। जिसमें कि वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेसवे भी सम्मिलित है इसकी लंबाई लगभग 600 किलोमीटर होगी। इसके बनने से वाराणसी से कोलकाता का यात्रा लगभग छह से साढ़े छह घंटे में तय किया जा सकेगा। वर्तमान में इस यात्रा में लगभग 12 से 13 घंटे लगते हैं। इस एक्सप्रेसवे का पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जुड़ाव होने के कारण कोलकाता से दिल्ली की यात्रा भी सरल हो जायेगी।
बता दें की केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सड़क निर्माण की कार्ययोजना पर कार्य आरंभ कर दिया है। इस परियोजना के लिए बिहार में वन विभाग की भूमि को छोड़ कर लगभग 1757 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जायेगा। प्रस्तावित भूमि के लिए संबंधित अंचलों के अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गयी है। गांवों का सत्यापन करके रिपोर्ट एनएचएआइ को भेज दी जायेगी।
जानकारी के लिए बता दें की केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भारत माला प्रोजेक्ट के अंतर्गत बिहार में सड़कों का जाल बिछाने के लिए लगातार कई प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी दिखा रहे हैं। जानकारी के लिए बता दें कि गाजीपुर-आरा-पटना एक्सप्रेसवे और वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे को आरा रिंग रोड से जोड़ने के अतिरिक्त दानापुर-बिहटा, बिहटा, कोईलवर फोरलेन का निर्माण भी हो रहा है। इसके साथ-साथ कोईलवर आरा और आरा-बक्सर फोरलेन का निर्माण जून 2022 तक कर लेने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
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महत्वपूर्ण है कि देश की दो, बौद्धिक और कभी आर्थिक राजधानी रहे काशी (वाराणसी) और कोलकाता सीधे तौर पर एक्सप्रेसवे से जुड़ेंगे। इन दो महानगरों के बीच बनने वाली एक्सप्रेस वे वाराणसी-कोलकाता-वाया रांची होगी। इसकी रूपरेखा तैयार की जा चुकी है। भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई भी आरंभ कर दी गई है। हालांकि यह अभी आरंभिक स्तर पर है।
मित्रों यदि आपको वीडियो में दी हुई वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेसवे परियोजना की जानकारी पसंद आई हो तो अपने गाँव अथवा जिले का नाम कमेंट बाॅक्स में अवश्य लिखें।
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