जम्मू माता वैष्णो देवी के भक्तों की मिली बड़ी सौगात
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माता वैष्णोदेवी (Mata Vaishno Devi) से जम्मू प्रसिद्ध है तथा ऋषि कश्यप व शंकराचार्य से कश्मीर, नित्य अपने पुरातन वैभव की ओर अग्रसर भारत के मुकुट से जुड़ा एक ऐसा समाचार आया है जो मातारानी के भक्तों के लिए एक बड़ा सौगात सिद्ध होगा।
मित्रों हम सभी जानते हैं कि भारतवर्ष में जम्मू कश्मीर की क्या महत्ता है तथा यह स्थान सदियों से सनातन धर्म का केंद्र भी रहा है। परंतु स्वतंत्रता के पश्चात से कश्मीर को केवल लूटा गया तोड़ा गया और इसके वास्तविक पहचान को मिटाने का पूरा प्रयास हुआ। तथा 1990 के पश्चात काश्मीर से हिंदूओं मिटाने के पश्चात तो यह सभी कृत्य और बढ़े एवं इसपर रोक टोक लगाने वाला भी कोई नहीं था। परंतु अब यह सभी बातें पुरानी हो चुकी हैं। क्योंकि अब वर्तमान सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण कश्मीर का वास्तविक वैभव तो लौट ही रहा है तथा कश्मीर के साथ ही साथ अब जम्मू में भी विकास कार्यों ने गति पकड़ ली है।
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि जम्मू माता वैष्णोदेवी के मंदिर के लिए सुप्रसिद्व है तथा प्रतिदिन हजारों से लेकर लाखों श्रद्धालु व दर्शनार्थी माता वैष्णो देवी के दर्शन एवं जम्मू घूमने आदि के लिए आते हैं। जम्मू के त्रिकुटा पर्वत पर विराजमान माता वैष्णो देवी की महिमा ही कुछ ऐसी है, कि उनके दर्शन व मनोकामना पूर्ति हेतु दर्शनार्थी एक बार नहीं वहां बार बार आना चाहते हैं।
इन्हीं सब महत्ता व आस्था को ध्यान में रखते हुए माता वैष्णो देवी के निकट की पहाड़ी पर शंकराचार्य जी के मंदिर का मार्ग प्रशस्त हो चुका है।
जानकारी के लिए बता दें कि वैष्णो देवी तीर्थयात्रियों के आधार शिविर, रियासी जिले के कटरा नगर के पूर्वी भाग में एक पहाड़ी के ऊपर स्थित शंकराचार्य जी के मंदिर (Shankaracharya Temple Jammu) के शीघ्र पुनर्विकास के लिए विभिन्न हलकों से लगातार मांग की जा रही थी। जो अब फलिभूत हुई है।
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अधिक जानकारी के लिए बता दें कि वर्ष 1990 में कटड़ा में वैष्णो देवी की पहाड़ी के ठीक सामने एक अन्य पहाड़ी पर शंकराचार्य मंदिर बनाने के लिए भवन का शिलान्यास हुआ था। उसके पश्चात इसका निर्माण कार्य आरंभ भी हुआ, परंतु विवाद के चलते कार्य अधर में लटक गया। परंतु अब स्थानीय लोगों को साथ लेकर श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड मंदिर निर्माण के लिए सक्रिय हो गया है।
श्राइन बोर्ड के चेयरमैन और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के निर्देश पर लगभग 32 वर्ष से अटके मंदिर निर्माण कार्य को पूरा किया जाना है। खंडहर में परिवर्तित हो चुके भवन के जीर्णोद्धार के साथ भव्य शिवलिंग की स्थापना की जानी है। श्रद्धालुओं के लिए मंदिर मार्ग को पक्का किया जाएगा और भवन में बिजली-पानी इत्यादि की सुविधा भी प्रदान की जानी है।
यदि आप इस स्थान से अनभिज्ञ हैं तो आपको बता दें कि कटड़ा बस स्टैंड से शंकराचार्य मंदिर के भवन परिसर की दूरी लगभग तीन किलोमीटर है। बस स्टैंड से माता वैष्णो देवी के पुराने रास्ते पर लगभग आधा किलोमीटर चलने के पश्चात हंसाली गांव से पहाड़ी मार्ग आरंभ होता है। कच्चे मार्ग से होते हुए लगभग 2.5 किलोमीटर का यात्रा तय कर निर्माणाधीन मंदिर तक पहुंचा जा सकता है। इस स्थल से माता वैष्णो देवी का पर्वत ठिक सामने है। वहीं वैष्णो माता मार्ग पर बाणगंगा से कुछ ऊपर जाने पर भी निर्माणाधीन शंकराचार्य मंदिर दिखता है।
बता दें कि श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रमेश कुमार ने बीते शनिवार को अन्य अधिकारियों के साथ परिसर का निरिक्षण किया। उन्होंने कहा कि यह पवित्र स्थल न केवल तीर्थयात्रियों के लिए आध्यात्म का प्रमुख केंद्र बनेगा अपितु कटड़ा की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगा। श्राइन बोर्ड पर्यावरण को पूरी तरह ध्यान में रखते हुए इस स्थल का सुंदरीकरण करेगा। इस समयावधि में कटड़ा से पहाड़ी पर जाने वाले ट्रैक पर टाइल लगवाने के साथ विद्युतीकरण, पानी का प्रबंध करेगा। इसके अतिरिक्त बेसमेंट हाल का निर्माण करवाने को लेकर भी दिशा-निर्देश दिए गए। इस अवसर पर कुछ स्थानीय लोग भी उपस्थित रहे। उन्होंने बताया कि हम भी चाहते हैं कि शीघ्र निर्माण आरंभ हो।
बता दें कि कटड़ा के लोग वर्षों से श्रीनगर में शंकराचार्य मंदिर की तर्ज पर यहां भी मंदिर के निर्माण की मांग कर रहे हैं। जिसे ध्यान में रखते हुए अब जम्मू-कश्मीर के कटरा में शंकराचार्य मंदिर के पुनर्विकास का कार्य आरंभ हो गया है।
मंदिर का पुनर्विकास होने से वैष्णो देवी मंदिर की तीर्थयात्रा करने वालों को एक और गंतव्य मिल जाएगा और इससे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।
महत्वपूर्ण है कि क्षेत्र की पारिस्थितिकी और सौंदर्यशास्त्र को फिर से जीवंत करने और सुधारने के उद्देश्य से, श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड, ने पूर्वी भाग में पहाड़ी पर स्थित शंकराचार्य मंदिर की स्थिति की समीक्षा उपराज्यपाल के निर्देशों के अनुसार करी है।
ज्ञातव्य है कि पिछले वर्ष जम्मू में तिरूपति मंदिर का शिलान्यास भी राज्यपाल श्री मनोज सिन्हा जी ने किया था। तथा दूसरी ओर एक और शुभ समाचार देने हेतु बता दें कि इस वर्ष अमरनाथ यात्रा का आरंभ भी 30 जून से हो रहा है।
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उल्लेखनीय है कि कटरा में श्री माता वैष्णो देवी के पवित्र तीर्थ के दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों के लिए शंकराचार्य मंदिर का पुनर्जागरण न केवल एक और आध्यात्मिक गंतव्य का निर्माण करेगा, अपितु पर्यावरण के उन्नयन के साथ क्षेत्र के सौंदर्यीकरण के अतिरिक्त कटरा नगर की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा भी देगा। पहाड़ी और इसे प्राकृतिक स्थलाकृति के साथ बेहतरीन पर्यावरणीय स्थानों में से एक बनाते हैं।
विभिन्न क्षेत्रों से शंकराचार्य मंदिर के शीघ्र विकास की लगातार मांग, स्थानीय लोगों की आकांक्षाओं और एलजी के निर्देशों के अनुसार, सीईओ ने पहाड़ी पर वर्तमान संरचना की व्यापक स्थिति की समीक्षा की, जिसमें टाइलिंग, विद्युतीकरण सहित शंकराचार्य मंदिर की ओर जाने वाले ट्रैक का काम सम्मिलित है।
मित्रों यदि आपको उपरोक्त दी हुई शंकराचार्य मंदिर जम्मू की जानकारी पसंद आई हो तो कमेंट बाॅक्स में जय माता दी अवश्य लिखें।
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