PM मोदी ने किया भारत के सबसे आधुनिक रेलवे स्टेशन का उद्घाटन
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समस्त भारत में हजारों परियोजनाओं के आधार पर प्राचीन भारत की छवि को आधुनिक भारत में परिवर्तित करने का प्रयास सरकार कर रही है जिसके अंतर्गत भारत में रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प भी किया जा रहा है
मित्रों जैसा की आप जानते हैं कि जबसे नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री बने हैं तब से देश विकास पथ पर तीव्र गति से गतिमान है, तथा समस्त भारत में हजारों परियोजनाओं के आधार पर प्राचीन भारत की छवि को आधुनिक भारत में परिवर्तित करने का प्रयास सरकार कर रही है जिसके अंतर्गत भारत में रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प भी किया जा रहा है, इसी क्रम में आज जक ऐसे रेलवे स्टेशन का उद्घाटन स्वयं मोदी जी करने जा रहे हैं जो भारत का पहला अंतर्राष्ट्रीय मानकों वाला रेलवे स्टेशन बन गया है, जी हाँ आज हम आपको रानी कमलापती रेलवे स्टेशन का संपूर्ण काल चक्र व वर्तमान परिस्थिति के साथ इस रेलवे स्टेशन की विशेषताओं एवं उपलब्धि को बताने वाले हैं।
तो मित्रों संपूर्ण जानकारी पाने के लिए वीडियो को अंत तक अवश्य देखें।
सबसे पहले हम आपको वर्तमान के रानी कमलापती रेलवे स्टेशन की इतिहास व काल चक्र की जानकारी देते हैं। बता दें की वर्ष 1868 तक उत्तर भारत में आगरा तक और दक्षिण की ओर खंडवा तक ही रेलवे ट्रैक था। बीच में रेलवे ट्रैक नहीं था, सड़क मार्ग से आवागमन होता था। ब्रिटिश अधिकारी हेनरी डेली ने भोपाल की नवाब शाहजहां बेगम से ट्रेन चलाने को लेकर समझौता किया था तब बेगम ने 34 लाख रुपये दान दिए थे और 1882 में भोपाल से इटारसी के बीच ट्रेन चली थी। भोपाल को स्टेशन बनाया था। तथा यह स्टेशन 1905 में ब्रिटिश सरकार ने बनवाया था। तब इसका नाम शाहपुर हुआ करता था। तत्पश्चात जब स्टेशन का विस्तार हुआ तो नवाब हबीबउल्ला ने इसके लिए भूमि दी थी, जिसके पश्चात से ये स्टेशन हबीबगंज कहलाया तथा तब यहां दो प्लेटफार्म थे।
परंतु अधिकृत तौर पर यह स्टेशन 1979 में अस्तित्व में आया। जिसके विकास पर रेलमंत्री रहते केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया ने ध्यान दिया था। उन्होंने 7 करोड़ रुपये स्वीकृत कर इस राशि से स्टेशन के दोनों ओर नए भवन व पांच प्लेटफार्म बनाए गए थे। तभी से यह हबीबगंज रेलवे स्टेशन भारतीय रेलवे में अपनी भूमिका निभा रहा है।
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अब हम आपको रानी कमलापती रेलवे स्टेशन के नवीनीकरण अर्थात रीडेवलेपमेंट की जानकारी देते हैं। बता दें की आधुनिक भारत की आवश्यकताओं के अनुरूप ना होने के कारण से नरेंद्र मोदी की सरकार ने इस रेलवे स्टेशन के कायाकल्प का निर्णय लिया और वर्ष 2016 में केंद्र सरकार ने निजी भागीदारी से हबीबगंज स्टेशन को पुन: विकसित करने का काम तेज किया था। मार्च 2017 में सार्वजनिक निजी साझेदारी के आधार पर स्टेशन को निजी डेवलपर बंसल ग्रुप को हस्तांतरित कर दिया था। तथा 450 करोड़ रूपए से स्टेशन को विकसित किया गया है।
अब यदि रानी कमलापती रेलवे स्टेशन की विशेषताओं की जानकारी दें तो आपको बता दें की यह देश में पहला ISO-9001 सर्टिफाइड रेलवे स्टेशन है। यह स्टेशन भारत की पहली सर्टिफाइड ट्रेन शान-ए-भोपाल एक्सप्रेस का हेडक्वार्टर भी है। यहां कई बड़ी ट्रेनों का स्टॉपेज है। रेलवे प्लेटफॉर्म तक पहुंचने वाले यात्री स्टेशन पर एस्केलेटर या लिफ्ट के जरिए आसानी से पहुंच सकते हैं। इस रेलवे स्टेशन पर अब यात्रियों को शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, हॉस्पिटल, मॉल, स्मार्ट पार्किंग, हाई सिक्योरिटी समेत कई आधुनिक सुविधाएं मिलने जा रही हैं।
बता दें की पीपीपी मॉडल पर रिडेवलप हुए रानी कमलापति रेलवे स्टेशन को बंसल ग्रुप नाम की निजी कंपनी ने तैयार किया है। स्टेशन के डेवलपमेंट प्रोजेक्ट की कुल लागत 450 करोड़ रुपये है। यह रेलवे स्टेशन सार्वजनिक निजी साझेदारी के तहत बना देश का पहला मॉडल स्टेशन है। इसमें प्रवेश का अलग मार्ग होगा और बाहर निकलने का अलग। स्टेशन पर एयर कॉनकोर बनाया गया है, जिसमें 700 यात्री एक साथ बैठकर ट्रेन की प्रतीक्षा कर सकते हैं। सभी पांच प्लेटफार्म को इस कॉनकोर से एस्कलेटर और सीढ़ियों के माध्यम से जोड़ा गया है। यही नहीं ट्रेनों से आने वाले लगभग 1500 यात्री एक साथ स्टेशन के अंडरग्राउंड सब-वे से गुजर सकेंगे। एवं स्टेशन में ऐसे दो सब-वे बनाए गए हैं जिससे भीड़ के भार को भी कम किया जा सकेगा। रानी कमलापति रेलवे स्टेशन स्टेशन पर फूड रेस्टोरेंट, एसी वेटिंग रूम से लेकर रिटायरिंग रूम और डॉरमेट्री समेत वीआईपी लाउंज भी बनाया गया है। सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए स्टेशन पर लगभग 160 से अधिक सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं, जो स्टेशन के अंदर और बाहर 24 घंटे दृष्टि रख रहे हैं। ट्रेनों की आवाजाही की जानकारी के लिए पूरे स्टेशन पर अलग-अलग भाषाओं के डिस्प्ले बोर्ड लगाए गए हैं। इस स्टेशन पर हर वह सुविधा मिलेगी, जो किसी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर मिलती है। यह आम भारतीय रेलवे स्टेशनों की भीड़भाड़ से अलग और एकदम अनूठा है।
जानकारी के लिए बता दें की मध्य प्रदेश सरकार ने बीते शुक्रवार को केंद्र को पत्र लिखकर भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम आदिवासी क्वीन रानी कमलापति के नाम पर रखने को कहा था। राज्य के परिवहन विभाग के पत्र में बताया गया है कि स्टेशन का नाम परिवर्तन भी 15 नवंबर को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाने के केंद्र सरकार के निर्णय के अनुसार है, जो श्रद्धेय आदिवासी नेता और स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की याद में है। एवं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम आदिवासी क्वीन के नाम से जानी जाने वाली ‘रानी कमलापति’ के नाम पर रखने के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया। ज्ञात हो कि इस पर अब केंद्र की मंजूरी मिल गई है। जिसके पश्चात अब रेलवे बोर्ड ने भी इस पर सहमति जता दी है। रेलवे बोर्ड ने इसके लिए नया कोड भी जारी कर दिया है, अब इस स्टेशन का कोड आरकेएमपी है। तथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 नवंबर को इस स्टेशन का लोकार्पण कर रहे हैं।
जानकारी के लिए बता दें की 16वीं सदी में भोपाल गौंड शासकों के अधीन था। गौंड राजा सूरज सिंह शाह के पुत्र निजाम शाह का विवाह रानी कमलापति से हुआ था। रानी ने अपने पूरे शसन काल में बहादुरी के साथ आक्रमणकारियों का सामना किया था। वह आखिरी हिंदू रानी थीं। गौंड रानी की स्मृतियों को अक्षुण्ण बनाए रखने और उनके बलिदान के प्रति कृतज्ञता की अभिव्यक्ति स्वरूप 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के उपलक्ष्य में राज्य शासन ने हबीबगंज स्टेशन का नाम रानी कमलापति रेलवे स्टेशन रखने का निर्णय लिया है।
रानी कमलापती रेलवे स्टेशन की कुछ महत्वपूर्ण विशेषताओं की जानकारी दें तो आपको बता दें की एयरपोर्ट जैसी सुविधाओं वाला यह स्टेशन कई मायनों में देश का पहला वर्ल्ड क्लास स्टेशन है. यह 5 स्टार जीईएम रेंटिंग वाला देश का पहला रेलवे स्टेशन है. पूरा स्टेशन सोलर एनर्जी से जगमग होगा. साथ ही ये देश का पहला ग्रीन स्टेशन भी है। लाइटिंग यहां की सबसे विशेष है। बिजली की खपत को कम करने के लिए स्टेशन को इस प्रकार से डिजाइन किया गया है कि दिन में लाइट की आवश्यकता ही नहीं है। यहां ऐसी सोलर लाइट लगाई गई हैं जिन पर मौसम का प्रभाव भी नहीं पड़ेगा। बारिश और तेज हवाएं इसका कुछ बिगाड़ नहीं पाएंगी। देश का पहला रेलवे स्टेशन है जो एनएफपीए अर्थात (राष्ट्रीय अग्नि सुरक्षा अधिनियम) का अनुपालन कर रहा है।
आग जैसी घटनाओं को रोकने के लिए भी स्टेशन पर विशेष व्यवस्था किए गए हैं। नो स्मोकिंग जोन में धुआं उठने पर तत्काल स्प्रिंकलर एक्टिव हो जाएगा और आग पर नियंत्रण पा लिया जाएगा। स्टेशन में यात्रियों की आवाजाही को लेकर भी इस तरीके से व्यवस्थाएं की गई हैं कि 4 मिनट के अंदर पूरा स्टेशन खाली हो सकेगा और यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सकेगा।
हम आशा करते हैं कि आपको हमारी यह विशेष प्रस्तुति पसंद आई होगी और यदि वीडियो में दी गई जानकारी पसंद आई हो तो हर हर महादेव अथवा अपने इष्ट देव का नाम कमेंट बाॅक्स में अवश्य लिखें।
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