PM मोदी करेंगे सबसे बड़े इस्कॉन मंदिर का उद्घाटन
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भारत आदि काल से ऋषि मुनियों की भूमि रहा है और जंम्बोद्विप में सनातन धर्म का हृदय स्थल भारतवर्ष ही है। तथा इसी भारतवर्ष के मगध राज्य के पाटलिपुत्र अर्थात वर्तमान का पटना नगर अब एक अद्भुत मंदिर के निर्माण का साक्षी बनेगा।
भारतवर्ष के अवध राज्य की राजधानी पाटलिपुत्र के रूप में विख्यात वर्तमान भारत के पटना ने भारत के इतिहास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। तथा यह स्थान भगवान विष्णु, शिव व बुद्ध से जुड़ी अनेक स्मृतियों व उपलब्धियों के लिए जाना जाता है। एवं अब इस सूची में एक और कड़ी जुड़ गई है अर्थात इसी पटना नगर में भारत का चौथा सबसे बड़ा श्री बांके बिहारी मंदिर का निर्माण हुआ है जिसे की ISKCON द्वारा किया गया है।
बता दें कि इस मंदिर के निर्माण के लिए 2007 में भूमिपूजन किया गया था। तथा 2010 में इसका निर्माण आरंभ हुआ और 2021 में ही उद्घाटन होना था, परंतु कोरोना के कारण ये संभव नहीं हो सका था।
पटना का यह भव्य इस्कॉन मंदिर (Patna ISKCON Temple) कई अर्थ में अनूठा है। पटना के इस्कॉन मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता इसकी संरचना है। इसका निर्माण प्रसिद्ध ऐतिहासिक द्वारिकाधीश मंदिर के तर्ज पर 84 खंभों पर किया गया है। 84 खंभों पर बनाने का दार्शनिक कारण भी है। जो 84 लाख योनियों का धार्मिक दर्शन है। तथा यह मंदिर 4 तलीय है एवं 2 एकड़ के क्षेत्र में विस्तारित है।
बता दें कि पटना के रेलवे स्टेशन के निकट बुद्ध मार्ग पर स्थित इस विशाल मंदिर को नागर शैली में बनवाया गया है। इसकी विशालता का अनुमान केवल इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसमें सरलता से 5000 भक्तों के बैठने की सुविधा है। मंदिर का निर्माण राजस्थान के मकराना संगमरमर से किया गया है, जो इसकी सुंदरता को और भी अधिक बढ़ा देता है। पटना का यह मंदिर इस्कॉन का देश में चौथा सबसे बड़ा मंदिर है। इसके अतिरिक्त बेंगलुरु का इस्कॉन मंदिर देश का सबसे बड़ा मंदिर है। इसके पश्चात वृंदावन का श्रीकृष्ण बलराम इस्कॉन टेंपल है। वहीं तीसरे स्थान पर मुंबई के जुहू में बना इस्कॉन मंदिर है।
108 फीट की ऊँचाई वाला बाँके बिहारी मंदिर सेमी अंडर ग्राउंड है। आपको हम इस मंदिर के भूमिगत तल के भी दृश्य दिखाते हैं। इस स्थान पर आॅडिटोरियम बनेगा, आप देख सकते हैं इस स्थान की विशालता। यहां अत्याधुनिक उपकरणों के साथ भगवान श्री बांके बिहारी की लीलाओं को प्रदर्शित किया जाएगा। तथा इस मंदिर में सुरक्षा के दृष्टिकोण से 500 से अधिक सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे।
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बता दें कि मंदिर की पहले तल पर 1000 लोगों की क्षमता वाला ‘प्रसादम्’ हाॅल है। वहीं दूसरे तल पर भगवान बाँके बिहारी का गर्भ गृह है। तथा यह तल सबसे महत्वपूर्ण है यहीं पर राम दरबार और दूसरी ओर चैतन्य महाप्रभु का दरबार भी स्थित है। प्रसाद के लिए मंदिर में ही आधुनिक रसोई भी है।
यह भी बता दें कि 11 वर्षों में 100 करोड़ रुपए की लागत से मंदिर का निर्माण हुआ है। तथा बिहार के इस मंदिर का यूपी के ताजमहल से संबंध भी है। जी हां मंदिर को ताजमहल बनाने वाले कारीगरों के वंशज ने बनाया है।
इसके अतिरिक्त आपको बता दें कि यहां पर गोविंदा रेस्टोरेंट भी है, जहाँ पर शाकाहारी खाने की सुविधा होगी। तथा यहां पर 300 गाड़ियों की पार्किंग व लाइब्रेरी भी है। इसमें प्रभु पाद और महर्षि वेद व्यास द्वारा रचित ग्रंथों को रखा गया है। मंदिर में एक गौशाला भी है, जिसमें 500 गायों को रखा जा सकेगा। तथा महत्वपूर्ण है कि इसी मंदिर के पिछली भाग में अतिथियों के ठहरने के लिए 70 कमरों वाला विशाल अतिथिशाला अथवा कहें तो होटल का भी निर्माण हो रहा है, जिसके पूर्ण होने में अभी समय है।
यदि आप पटना के निवासी हैं अथवा इस मार्ग से कभी गुजरे हैं तो इस मंदिर पर आपकी दृष्टि अवश्य ही पड़ी होगी। और संभवतः आप भीतर भी गए होंगे। तो बता दें कि बिहार की राजधानी पटना में सूबे का सबसे बड़ा श्रीराधा बांके बिहारी इस्कॉन मंदिर बनकर के तैयार हो चुका है। 10 साल में बनकर तैयार हुए इस मंदिर के उद्घाटन के लिए पांच दिवसीय विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। मंदिर का उद्घाटन तीन मई को किया जाएगा। परंतु एक मई से ही कार्यक्रमों का आरंभ हो जाएगा।
मंदिर के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री को निमंत्रित किया है। साथ ही मुख्यमंत्री समेत कई गणमान्य लोगों के आने की आशा हैं। वहीं इस अवसर पर कृष्ण भक्तों के अतिरिक्त देश-विदेश से इस्कॉन गुरु भी उपस्थित रहेंगे।
बता दें कि 3 मई को अक्षय तृतीया का बड़ा शुभ मुहूर्त पड़ रहा है जिस दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बिहार की जनता को श्री बांके बिहारी मंदिर का उद्घाटन कर एक नई सौगात देंगे। तथा आशा है कि यह मंदिर पटना के प्रमुख दार्शनिक स्थलों में से एक बनेगा जिससे धार्मिक आस्था को नवीन ठहराव मिलेगा एवं पटना के पर्यटन उद्योग को बल भी प्रदान करेगा। आने वाले दिनों में यह मंदिर अवश्य ही बिहार की आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक पहचान बनाएगी।
मित्रों यदि आपको उपरोक्त दी हुई श्री बांके बिहारी मंदिर की विशेष जानकारी पसंद आई हो तो कमेंट बाॅक्स में जय श्री कृष्ण अवश्य लिखें।
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