मुंबई अहमदाबाद बुलेट ट्रेन निर्माण अब तुफनी रफ़्तार में
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Mumbai Ahmedabad Bullet Train : भारत में रेल यातायात को नई उड़ान देने की जबरदस्त तैयारी चल रही है। इसी क्रम में देश की पहली बुलेट ट्रेन मुंबई कर्णावती हाई स्पीड रेल कॉरिडोर से जुड़ी समस्त भारतवासियों के लिए एक बड़ा शुभ समाचार सामने आया है।
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना (Mumbai-Ahmedabad Bullet Train project) को लेकर वर्तमान की महाराष्ट्र सरकार अत्यंत तीव्रता के साथ कार्य कर रही है।
बता दें कि मुंबई से कर्णावती अर्थात वर्तमान के अहमदाबाद तक बुलेट ट्रेन चलेगी जो 508 किलोमीटर लंबी नवीन रेल लाइन होगी तथा इस 508 किलोमीटर लंबे MAHSR कॉरिडोर के अब सभी 11 सिविल पैकेज अवार्ड कर दिया गया है। इसमें 465 किमी लंबे वियाडक्ट, 12 एचएसआर स्टेशन, तीन रोलिंग स्टॉक डिपो, 10 किमी वायाडक्ट वाले 28 स्टील पुल, 24 नदी पुल, 9 सुरंगें और 7 किमी लंबी भारत की पहली समुद्र के नीचे सुरंग भी सम्मिलित है। वापी, बिलिमोरा, सूरत और भरूच रोलिंग स्टॉक डिपो गुजरात के लिए पहला सिविल अनुबंध 28 अक्टूबर 2020 को दिया गया था। इसमें 237 किलोमीटर वियाडक्ट का निर्माण भी सम्मिलित है। निगम का दावा है कि यह भारत का सबसे बड़ा सिविल अनुबंध था। बता दें कि इस पूरे परियोजना की कुल कीमत 1.08 लाख करोड़ आंकी गई है। जो और बढ़नी हैं, कितनी यह आपको हम आगे बताएंगे।
अधिक जानकारी हेतु बता दें कि नेशनल हाईस्पीड रेल कॉपर्शेन लिमिटेड ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के आखिरी सिविल पैकेज का अनुबंध कर लिया है। इस अनुबंध के अंतर्गत 135 किलोमीटर लंबे खंड के बीच सम्मिलित इंफ्रास्ट्रकचर का निर्माण किया जाएगा। बता दें, बुलेट ट्रेन कॉरिडोर को 28 अनुबंध पैकेज में विभाजित किया गया है। इन 28 पैकेज में से 11 पैकेज सिविल हैं।
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एनएचएसआरसीएल के अनुसार महाराष्ट्र गुजरात सीमा के जारोली गांव से ठाणे जिले के शिलफाटा की दूरी 135 किलोमीटर है। इस 135 किलोमीटर के खंड के काम में ठाणे, विरार और बोइसर स्टेशनों का निर्माण, इसके अतिरिक्त सात सुरंग और वैतराणा नदी पर दो किलोमीटर का सबसे लंबा पुल सम्मिलित है। इससे पहले एनएचएसआरसीएल ने मुंबई बीकेसी स्टेशन सहित सात किलोमीटर लंबी समुद्र के नीचे सुरंग सहित 21 किलोमीटर लंबी सुरंग के निर्माण का ठेका दे दिया है। और अंतिम 135 किलोमीटर के अनुबंध के साथ मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के सभी सिविल करार अब कर लिए हैं।
इसपर और अधिक जानकारी हेतु बता दें कि नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) को मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल (बुलेट ट्रेन) परियोजना के पैकेज सी-3 के लिए 15,697 करोड़ रुपये का ठेका दिया है। महाराष्ट्र में सबसे लंबा एलिवेटेड पैकेज C3 (135.45 किमी) शिलफाटा को ज़ारोली से जोड़ेगा और इसमें ठाणे, विरार और बोइसर में तीन स्टेशन सम्मिलित होंगे। इस परियोजना के लिए निर्माण की समय सीमा 1704 दिन (लगभग 4.66 वर्ष) निर्धारित की गई है।
यही नहीं इस बुलेट ट्रेन परियोजना पर दूसरा बड़ा शुभ समाचार यह है कि नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन (NHSRC) ने बुलेट ट्रेन लाने के लिए 11 हजार करोड़ रूपए का प्रस्ताव आमंत्रण अर्थात इन्विटेशन फॉर प्रोपोजल (IFP) निर्गत कर दिया है।
जी हां, 508 किमी लंबे अहमदाबाद-मुंबई हाई स्पीड कॉरिडोर परियोजना के अंतर्गत 10-10 कोच की 24 ई-5 शिंकासेन सीरीज बुलेट ट्रेन सेट लाने की तैयारी की जा रही है। प्रत्येक ट्रेन की यात्री क्षमता 690 की होगी। और अक्टूबर के अंत तक इसका टेंडर भरा जा सकता है।
इस ट्रेन की विशेषताओं की जानकारी देने हेतु बता दें कि इसकी 320 किमी प्रति घंटे होगी अधिकतम गति
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8 स्टैंडर्ड क्लास कार (3+2 सीटिंग),
1 बिजनेस क्लास कार (2+2 सीटिंग)
1 फर्स्ट क्लास सीटिंग कार (2+1 सीटिंग)
यह ट्रेन 3.35 मीटर चौड़ी, 3.65 मीटर ऊंची व 255 मीटर लंबी होगी।
भारत में आने वाली बुलेट ट्रेन की कीमत क्या होगी, इसका अभी तक जानकारी अभी सामने नहीं आई है।
यह भी बता दें कि इस ट्रेन में भारतीय परिस्थितियों के अनुसार परिवर्तन भी होगा। जैसे अत्यधिक गर्म मौसम और भारतीय परिस्थितियों के अनुसार ट्रेन सेट में थोड़ा परिवर्तन किया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि इस टेंडर में जापान की कंपनियों को भी अवसर दिया जाएगा। कुछ जापानी कंपनियां इस प्रकार के ट्रेन सेट बनाती हैं। इनमें हिटैची रेल और कावासाकी हैवी इंडस्ट्रीज सम्मिलित हैं।
अब हम आपको इस बुलेट ट्रेन से जुड़ी एक शुभ समाचार बता दें कि इस परियोजना में गुजरात राज्य में तीन नदी पुलों के पूरा होने के साथ महत्वपूर्ण प्रगति भी प्राप्त की है।
नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने इन महत्वपूर्ण आधारभूत संरचना का सफलतापूर्वक निर्माण किया है, जो इस महत्वाकांक्षी परियोजना के विकास में एक और मील का पत्थर है।
पहला पूरा नदी पुल नवसारी जिले में पूर्णा नदी पर बना है। इस पुल की लंबाई 360 मीटर है और इसमें नौ फुल-स्पैन गर्डर हैं, जिनमें से प्रत्येक की माप 40 मीटर है। पुल को सहारा देने वाले खंभों की ऊंचाई 10 से 20 मीटर तक है, गोलाकार खंभों का व्यास 4 और 5 मीटर है। यह पुल बिलिमोरा और सूरत एचएसआर स्टेशनों के बीच स्थित है।
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दूसरा नदी पुल, जो नवसारी जिले में मिंधोला नदी को पार करता है, 240 मीटर तक फैला है। इसमें छह फुल-स्पैन गर्डर सम्मिलित हैं, जिनमें से प्रत्येक की माप 40 मीटर है। इस पुल को सहारा देने वाले खंभों की ऊंचाई 10 से 15 मीटर तक है, जिसमें चार मीटर व्यास वाले गोलाकार खंभे हैं।
तीसरा पूर्ण नदी पुल नवसारी जिले में अंबिका नदी पर स्थित है। 200 मीटर की लंबाई वाले इस पुल में प्रत्येक 40 मीटर वाले पांच फुल-स्पैन गर्डर हैं। पुल को सहारा देने वाले खंभों की ऊंचाई 12.6 से 23.4 मीटर तक है, जिसमें 4, 5 और 5.5 मीटर व्यास वाले गोलाकार खंभे हैं।
इन पुलों के पूरा होने से पिछले छह महीनों के भीतर एमएएचएसआर गलियारे के लिए निर्मित नदी पुलों की कुल अब संख्या चार हो गई है। पूरे गलियारे में कुल 24 नदी पुल सम्मिलित हैं, जिनमें से 20 गुजरात में और चार महाराष्ट्र में हैं।
अधिक जानकारी हेतु बता दें कि इस बुलेट ट्रेन परियोजना के गलियारे पर सबसे लंबा नदी पुल, जो 1.2 किलोमीटर तक फैला है, वह वर्तमान में गुजरात में नर्मदा नदी पर निर्माणाधीन है। इसके अतिरिक्त, महाराष्ट्र में वैतरणा नदी पर 2.28 किलोमीटर लंबा पुल बनाया जाएगा।
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कितना हुआ इस बुलेट ट्रेन परियोजना का निर्माण कार्य पूर्ण, यदि आप यह जानना चाहते हैं तो हम आपको बता दें कि इस मुंबई अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना में समग्र रूप से भौतिक प्रगति लगभग 36.% है और इस परियोजना पर अबतक 45000 करोड़ रुपए, से अधिक खर्च किए जा चुके हैं तथा सिविल ठेके 100% जारी किए जा चुके हैं एवं वर्तमान की अनुमानित लागत- 2 लाख करोड़ रुपए है।
जहां तक गुजरात में एचएसआर स्टेशनों का प्रश्न है, आठ स्टेशनों पर निर्माण कार्य चल रहा है, जिसमें वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आनंद, अहमदाबाद और साबरमती सम्मिलित हैं, जिसके पूरा होने के विभिन्न चरण हैं। सरकार ने अगस्त 2026 तक गुजरात में सूरत-बिलिमोरा सेक्शन पर ट्रायल रन आरंभ करने का लक्ष्य रखा है, जिसका उद्देश्य 2027 तक अहमदाबाद और मुंबई के बीच पूरी तरह से परिचालन करना है।
मित्रों हम आशा करते हैं कि आपको मुंबई अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना की जानकारी पसंद आई होगी, तो कमेंट बाॅक्स में अपने गांव अथवा जिला का नाम अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।
अधिक जानकारी के लिए वीडियो देखें:-