काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर नव संवत्सर में हुआ और भी भव्य
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हिंदू नवसंवत्सर पर काशी विश्वनाथ धाम भी नए कलेवर में शिवभक्तों के सामने होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उद्घाटित नव्य भव्य धाम के शिखर से लेकर चौखट तक बिखरती स्वर्णिम आभा के साथ ही धाम में श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं भी बढ़ेंगी।
श्रीकाशी विश्वनाथ धाम (Kashi Vishwanath Dham) बनने और लोकार्पण के पश्चात बाबा धाम में नित्य धनाभिषेक हो रहा है। 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने श्री काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण किया था। उसके कुछ दिनों पश्चात ही मंदिर के शिखर की तरह ही मंदिर का गर्भगृह भी स्वर्णमंडित हो गया। स्वर्णमंडन होने से केवल मंदिर की आभा ही नहीं निखरी अपितु श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में मां लक्ष्मी की भी कृपा बरस रही है।
पहले हम आपको श्री काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के द्वितीय चरण में संचालित निर्माण कार्यों की जानकारी देते हैं। उसके भी पहले आपको बता दें कि बाबा धाम में निर्मित पहले चरण से लेकर अबतक के निर्माण पूर्ण हो चुके 24 भवनों के संचालन की कार्ययोजना तैयार हो चुकी है।
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जानकारी रके लिए बता दें कि मंदिर के नवीन 50 हजार स्क्वायर मीटर के परिक्षेत्र में से 28 हजार स्क्वायर मीटर में भवनों का निर्माण किया गया है। एवं इन 24 इमारतों में यात्री सुविधा केंद्र, आध्यात्मिक पुस्तक केंद्र, मुमुक्षु भवन, वैदिक केंद्र, जलपान केंद्र, मल्टी परपज हॉल, सिटी म्यूजियम वाराणसी गैलरी, योगशाला आदि निर्मित हो चुके हैं। इसके साथ ही टूरिस्ट फैसिलिटेशन सेंटर, गंगा व्यूविंग गैलरी और अन्य के कार्य भी लगभग पूरे हो चुके हैं। मंदिर प्रशासन की ओर से भवनों के संचालन के लिए निविदाएं भी आमंत्रित की जा चुकी हैं।
श्री काशी विश्वनाथ धाम का संचालन व देखरेख पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर होगा। इसका दायित्व ब्रिटिश कंपनी ईस्ट एंड यंग को दी गई है जो इस कार्य को करने में सहयोग देगी तथा संचालन करने वाली कंपनियों की व्यवस्था करेगी। धाम के 24 भवनों में से लगभग 15 भवनों का व्यावसायिक प्रयोग किया जाएगा।
काशी विश्वनाथ धाम में दिव्यांग श्रद्धालुओं के लिए रैंप का प्रबंध भी किया गया है। जोकी गंगा द्वार के भीतर तो संचालित भी हो गया है। एवं गंगा द्वार तथा ज्ञानवापी द्वार से रैंप के माध्यम से श्रद्धालु बाबा के धाम में प्रवेश कर सकेंगे और बाबा का दर्शन भी कर पाएंगे।
इसके अतिरिक्त श्री काशी विश्वनाथ धाम में गंगा छोर पर दो मंजिला मुमुक्षु भवन को 1161 वर्गमीटर भूमि पर आकार दिया गया है। इसमें मोक्ष की कामना से 36 बुजुर्गों के रहने का व्यवस्था किया गया है। इसके लिए मेडिकल बेड लगाए गए हैं और परिसर में ही चिकित्सक की भी व्यवस्था भी रहेगी। मोक्ष कामना से प्रवास करने वाले श्रद्धालु नित्य गंगा स्नान के साथ ही बाबा का दर्शन भी पाएंगे। उनके लिए यज्ञ-हवन और रामचरित मानस व शिव महापुराण के श्रवण की व्यवस्था भी रहेगा। इसका संचालन इसी माह अप्रैल से आरंभ हो जाना है।
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इसके अतिरिक्त धाम के गंगा द्वार के निकट कई सारे निर्माण कार्य संचालित हैं। जैसे कि गंगा द्वार के मणिकर्णिका घाट की ओर रैंप भवन के निचले भाग का निर्माण कार्य अत्यधिक तीव्रता के साथ संचालित है। कंक्रीट की दो दीवार का निर्माण हुआ है तथा उसके मध्य में भी अतिरिक्त कार्य संचालित है जिसमें कि कई सारे श्रमिक अपना योगदान दे रहे हैं। एवं इस रैंप भवन से सटे हुए ही मणिकर्णिका घाट के पीछे की ओर एक भूमिगत पंपिंग स्टेशन के निर्माण का कार्य भी संचालित है जो कि गंगा नदी किनारे वाली पंपिंग स्टेशन को स्थानांतरित करने के लिए बन रहा है।
इसके अतिरिक्त गंगा द्वार के नीचे गंगा नदी की ओर नदी तक जो पूर्व में मिट्टी पड़ी हुई थी उसको हटा दिया गया है तथा अब नदी के नीचले स्तर के समीप तक बाबा धाम की सीढ़ियों पर गुलाबी पत्थरों को लगाने का कार्य तीव्र गति से संचालित है। यह कार्य ललिता घाट से लेकर मणिकर्णिका घाट के निकट तक अपनी पूर्ण दक्षता से हो रहा है। यहां पर गंगा के रास्ते 80 सीढ़ियों को पार कर श्रद्धालु सीधे बाबा धाम में पहुंचेंगे।
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यहां से थोड़ा और पहले ललीता घाट के समीप उस रैंप पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने गंगा स्नान कर कलश में गंगा जल अर्जन किया था उस स्थान पर भी साफ सफाई का कार्य हो रहा है तथा उस रैंप के नीचे से भी मिट्टी निकालने का कार्य किया जा रहा है। एवं इसके निकट के घाट की सीढ़ियों पर शेष पत्थरों का कार्य चल रहा है तथा भीतर में ललिता घाट पर भी नवीन सीढ़ियों के लिए लेंटर ढालने का कार्य संचालित है।
जानकारी के लिए बता दें की द्वितीय चरण के अंतर्गत विस्तारित कार्यों में चहारदीवारी, ब्लाक फोर, कैफे भवन आदि का स्ट्रक्चर भी तैयार हो गया है।
आपको हम यहाँ भीतर में हो रहे कुछ निर्माण कार्य को दिखाने का प्रयास करते हैं। बता दें की गंगा द्वार के भीतर आदिगुरू शंकराचार्यजी की प्रतिमा पर भगवा वस्त्र ओढ़ा दिया गया है। यहां से जब आप आगे बढ़ेंगे तो मार्ग के दोनों ओर भीतर में निर्माण कार्य संचालित है अभी। इस स्थान पर फिनिशिंग वर्क चल रहा है जिसमें पत्थर काटना व लगाना अथवा दीवारों पर प्लास्टर आदि हो रहा है।
इसके अतिरिक्त आपको बता दें कि स्वर्णमंडित गर्भगृह में विराजमान काशीपुराधिपति का धाम भी नव संवत्सर में पूरी तरह से स्वर्ण मंदिर में परिवर्तित हो जाएगा। गर्भगृह की भीतरी दीवारों के पश्चात अब बाहरी दीवारों को भी 23 किलो सोने से स्वर्ण मंडित किया जा रहा है। भूमि से आठ फीट की ऊंचाई से शिखर तक सोना लगाया जा रहा है। जानकारी के लिए बता दें कि मुख्य मंदिर के गर्भगृह को 37 किलोग्राम सोने से स्वर्णमंडित किया गया है।
वाराणसी मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल के अनुसार काशी विश्वनाथ धाम के दूसरे चरण का काम तेजी से चल रहा है। यात्रियों को शीघ्र ही धाम में नई सुविधाएं मिलने लगेंगी। भवनों के संचालन के लिए टेंडर की प्रक्रिया भी चल रही है।
इसके अतिरिक्त आपको बता दें कि श्रीकाशी विश्वनाथ धाम (Kashi Vishwanath Dham) बनने और लोकार्पण के पश्चात बाबा धाम में धन वर्षा हो रही है। बीते वर्षों की तुलना में लगभग ढाई गुना आय में बढ़ोत्तरी हुई है। 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने श्री काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण किया था। उसके कुछ दिनों पश्चात ही स्वर्णमंडित आभा से निखरे श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में मां लक्ष्मी की भी कृपा बरस रही है। ये हम नहीं अपितु विश्वनाथ मंदिर की आय में हुई बढ़ोत्तरी के आंकड़े कह रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार, बीते वित्त वर्ष की तुलना में ये आय लगभग ढाई गुना बढ़ी है। बीते वर्षों में लगभग 12 से 15 करोड़ की वार्षिक आय होती थी। परंतु अब प्रतीदिन लगभग दो करोड़ की आय मंदिर प्रशासन को हो रही है। ये आय हेल्प डेस्क, डोनेशन, आरती आदि मदों से हुई है।
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ये आय कैसे बढ़ी, इसको भी समझ लीजिए। पहले आम दिनों में 10 से 15 हजार भक्त दर्शन करते थे। आज सामान्य दिनों में लगभग 70 हजार और वीकेंड में लगभग एक लाख भक्त बाबा धाम में उपस्थित लगाने पहुंच रहे हैं। भक्तों की गिनती के लिए हेड काउंटिंग कैमरे लगाए गए हैं। विशेष बात ये है कि यह समय वाराणसी में पर्यटन के दृष्टि से ऑफ सीजन माना जाता है। गर्मी की कारण से भक्त इस मौसम में कम आते हैं। इसके पश्चात भी स्थिति ये है कि सुबह से देर रात तक दर्शन की कतार सड़क मार्ग और गंगा द्वार से लगी रहती है। धन की वर्षा केवल मंदिर में नहीं अपितु वाराणसी के पर्यटन कारोबार पर भी हो रही है। इस समय लगभग सभी बड़े और छोटे होटल, गेस्ट हाउस, आश्रम के कमरे हाउसफुल हैं। लगभग एक महीने की प्रतीक्षा है। खानपान और अन्य कारोबार में भी तेजी से उछाल आया है।
वाराणसी के कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि आने वाले समय में कई इंटरनेशनल और घरेलू उड़ान आरंभ होने वाली है, जिसको देखते हुए और भीड़ बढ़ने की संभावना है। सुनकर चौंक जाएंगे कि इस वर्ष नए वर्ष अर्थात एक जनवरी को लगभग सात लाख और शिवरात्रि पर पांच लाख से अधिक लोगों ने मंदिर में दर्शन किया। स्वयं मंदिर प्रशासन मान रहा है कि विश्वनाथ धाम लोकार्पण के पश्चात ये आशा थी कि दर्शनार्थियों की संख्या बढ़ेगी, परंतु इतनी बढ़ेगी, इसका अनुमान किसी को नहीं था। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में काशी विश्वनाथ धाम पूरे काशी का अर्थतंत्र बदलने वाला है।
मित्रों यदि उपरोक्त दी गई काशी विश्वनाथ धाम की विशेष जानकारी पसंद आई हो तो कमेंट बाॅक्स में हर हर महादेव अवश्य लिखें।
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