गुजरात में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ – Garvi Gujarat Train – सम्पूर्ण जानकारी

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Garvi Gujarat : गुजरात अर्थात भारत का सबसे समृद्ध राज्य यह केवल आधुनिक एवं वर्तमान भारत का ही समृद्ध राज्य नहीं है अपितु प्राचीन भारत का एक ऐसा भाग है जो अत्यंत समृद्ध एवं इतिहास व धर्म के अनेक रंगों को अपने में समेटे हुए हैं। जहाँ पर पर्यटक केवल घूमने ही नहीं आते अपितु यहां धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक दर्शनार्थी भी आते हैं।

Garvi Gujarat Train
Modehra Surya Mandir

गुजरात में पर्यटकों की बढ़ती संख्या व प्रधानमंत्री के गृह राज्य में हो रहे विकास कार्यों ने पूरे गुजरात को एक माॅडल स्टेट के रूप में स्थापित किया है। परंतु वर्तमान के आधुनिकीकरण से भी कहीं अधिक गुजरात की संस्कृति, सभ्यता व धार्मिक विरासत इस राज्य का प्रमुख आकर्षण है। और प्राचीन भारत की वास्तविक विरासत को और अधिक निकट से देखने, समझने व खुबसूरती को आत्मसात करने हेतु भारत सरकार द्वारा भारत गौरव ट्रेन के देखो अपना देश कार्यक्रम के अंतर्गत गरवी गुजरात नमक एक विशेष यात्रा का संचालन किया जा रहा है।

एक भारत श्रेष्ठ भारत, कार्यक्रम के अंतर्गत गुजरात की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए भारत गौरव डीलक्स एसी टूरिस्ट ट्रेन आरंभ किया गया है। जिसका नाम है गर्वी गुजरात यात्रा यह ट्रेन 28 फरवरी को दिल्ली के सफदरजंग स्टेशन से स्वयं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव जी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

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अधिक जानकारी हेतु बता दें कि इस ट्रेन को गुजरात की विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एक भारत श्रेष्ठ भारत योजना की तर्ज पर डिजाइन की गई है। इसमें प्रथम श्रेणी एसी और द्वितीय श्रेणी एसी डिब्बें हैं। यह अत्याधुनिक भारत गौरव डीलक्स एसी टूरिस्ट ट्रेन आठ दिवसीय यात्रा के लिए चलाई गई है।

इस ट्रेन में 156 पर्यटक, यात्री बैठ सकते हैं। इस यात्रा में गुजरात के प्रमुख तीर्थस्थलों और विरासत स्थलों जैसे स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, चंपानेर, सोमनाथ, द्वारका, नागेश्वर, बेट द्वारका, अहमदाबाद, मोढेरा और पाटन को सम्मिलित किया गया है। जिनसे गुजरात को जाना जाता है।

यह ट्रेन कितनी साफ सुथरी है तथा यात्रीयों के सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए विभिन्न प्रकार की व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है, जैसे कि बुक स्टोर, फुट मसाजर, शू शाइनर इत्यादि।

इसके अतिरिक्त आपको दिखा दें कि 2 टियर के वातानुकूलित डिब्बे में इस प्रकार से एक ओर बैठने के लिए आरामदायक सोफे भी दिए गए हैं तथा मध्य में एक टेबल तथा ऊपर में साइड लैंप भी है।

बता दें की इस यात्रा का आरंभ दिल्ली से होगा और ट्रेन में ही आपको भोजन भी उपलब्ध कराई जाएगी। भोजन कैसा होगा तथा इस ट्रेन का भोजन वाला डिब्बा कैसा है यह बताने से पहले हम आपको बता दें की इस गरवी गुजरात यात्रा पैकेज के अंतर्गत आपको गुजरात के विभिन्न दार्शनिक व ऐतिहासिक स्थलों को घूमने का अवसर भी मिलेगा। सबसे पहले आपको गुजरात पहुँचने पर टूरिस्ट ट्रेवलर व बस की सुविधा मिलेगी जिसके माध्यम से आप सभी अन्य यात्रीयों के साथ होटल व विभिन्न स्थलों को प्रस्थान करेंगे। जहां पर फ्रेश होकर भोजन इत्यादि करके दर्शन व भ्रमण आदि पर निकलेंगे।

Garvi Gujarat Train
Garvi Gujarat Train

बता दें की इस गरवी गुजरात यात्रा की सबसे अच्छी बात यह है कि गुजरात दर्शन के लिए आपको इधर उधर भटकना नहीं होगा तथा सभी दर्शन व भ्रमण आप एक निश्चित समयावधि में सुविधा के साथ कर सकेंगे।

अक्सर आपके साथ ऐसा होता होगा की आप किसी स्थान पर गए और वह स्थान बंद हो अथवा हो सकता है कि वहाँ पर व्यवस्था में कोई परिवर्तन हो जिसके कारण से उस समय आपको कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। परंतु यदि आप भारत गौरव ट्रेन की इस गरवी गुजरात यात्रा के माध्यम से गुजरात दर्शन को आते हैं इस प्रकार की सभी सुविधाओं का ध्यान आयोजक द्वारा रखा जाता है।

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इस गरवी गुजरात यात्रा में सम्मिलित समस्त स्थलों के दृश्य दिखाते हुए आपको बता दें की इस गरवी गुजरात यात्रा पैकेज में आपको जिन दार्शनिक, ऐतिहासिक व धार्मिक स्थलों को घूमने का अवसर मिलेगा वो कुछ इस प्रकार से हैं-
1. स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, जहां पर आप एक भारत श्रेष्ठ भारत की वास्तविकता का अनुभव कर सकेंगे। सरदार पटेल की ऊंची सोच और भारत को एक एवं विस्तृत करने की कल्पना को उनके विशाल स्टैच्यू को निकट से देखते हुए आत्मसात कर सकेंगे तथा म्यूजियम के माध्यम से सरदार पटेल व भारत के इतिहास को समझ सकेंगे।

2. चांपानेर स्थित आर्कियोलॉजिकल पार्क तथा UNESCO साइट, जहां पर आप भारत के प्राचीन इतिहास व बाहृय धर्म का प्रादुर्भाव व परिवर्तन को अपनी आंखों से सजीव देख सकेंगे। यहां पर उपलब्ध प्राचीन शिलाओं और संरचनाओं पर उंकेरी नक्कशी आपको अपनी ओर आकर्षित करते हैं।

3. सोमनाथ ज्योतिर्लिंग, हिंदू धर्म में सर्वप्रथम भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग के दर्शन कर आप अपने आप में अभीभूत हो जाएंगे। यहां की शांत मंदिर का औरा आपको एक अलग ही अनुभव कराएगा तथा भगवान सोमनाथ के दर्शन करना ही अपने आप में एक तीर्थ है। इस मंदिर को भी मुस्लिम आक्रांताओं ने अनेकों बार नष्ट किया व लूटा परंतु फिर भी यह हर बार उठ खड़ा हुआ। जिसे की वास्तविक स्वरूप में सरदार पटेल के प्रयास से ही पुनर्जीवित किया गया था। मंदिर के पश्चात आप मंदिर के पीछे की ओर समुंद्र की ओर विचरण कर मनोरंजक क्रियाओं को भी कर सकते हैं। जो आपके गुजरात अनुभव को और विस्तार देगा।

4. भालका तीर्थ, जहां भगवान श्री कृष्ण ने अपने देह का त्याग किया। जी हां आप मथुरा वृन्दावन तो गए होंगे और भली भांति जानते भी होंगे परंतु संभवतः आप भालका तीर्थ के बारे में नहीं जानते होंगे, जहां पर भगवान विष्णु ने अपने कृष्ण अवतार की लीला को समाप्त किया था। यहां पर मंदिर के गर्भ गृह में भगवान श्री कृष्ण अत्यंत मनमोहक स्वरूप में विराजमान हैं। जिनके दर्शन कर आप स्वयं को धन्य अवश्य मानेंगे।

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Kalol Junction

5. द्वारकाधीश, भगवान कृष्ण के चार धामों में से एक दा्रका जहां पर कहा जाता है कि कृष्ण अपना राज चलाते हैं। मान्यता है कि इस द्वारकाधीश मंदिर को 2500 वर्ष पूर्व स्वयं श्री कृष्ण के परपौत्र वज्रनाभ ने बनवाया था। गोमती नदी तट पर स्थित इस मंदिर की वास्तुकला, भव्यता व द्वारकाधीश के अलौकिक दर्शन कर आप स्वयं मंत्रमुग्ध हो जाएंगे। और संभवतः आपको इस मंदिर से बाहर जाने की इच्छा ही ना हो जैसा कि हमें हुआ था।

6. नागेश्वर ज्योतिर्लिंग, मान्यता अनुसार भगवान शिव के इस अष्टम ज्योतिर्लिंग का दर्शन कर आप स्वयं को अनेक पापों से मुक्त कर सकते हैं। मंदिर परिसर में ही 80 फिट ऊंचा भगवान शंकर की प्रतिमा भी उपस्थित है जहां पर श्रद्धालुओं की उत्सुकता प्रत्यक्ष प्रदर्शित होती है।

7. बेट द्वारका, साधारणतया लोग द्वारका उस क्षेत्र को समझते हैं जहां गोमती नदी के तट पर भगवान द्वारकाधीशजी का मंदिर है। मान्यता है कि द्वारका यात्रा का पूरा फल तभी मिलता है जब आप भेट द्वारका की यात्रा करते हैं। यही पर भगवान श्री कृष्ण और सुदामा जी का मिलन हुआ था। इसलिए यह भी एक महत्वपूर्ण स्थान है।

8. साबरमती आश्रम, अहमदाबाद के समीप साबरमती नदी के किनारे स्थित है। इसकी स्थापना सन् 1917 में महात्मा गांधी द्वारा हुई थी। इतिहासकारों के अनुसार आश्रम के वर्तमान स्थल पर ही पौराणिक दधीचि ऋषि का आश्रम भी हुआ था।

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9. अदलाज स्टेपवेल, इसे 1499 में रानी रुदाबाई ने अपने पति राजा वीरसींह की याद में बनवाया था। यह वाव पाँच मंज़िला है और अष्टभुजाकार बना हुआ है। यह ढाँचा 16 स्तंभों पर खड़ा है। मुस्लिम आक्रांता से स्वयं को बचाने के लिए रूदाबाई ने इसी बावली में आत्महत्या कर ली थी। यह स्थान आपको भारतीय इतिहास के सुंदर निर्माण व आक्रांताओं से हुए हानि दोनों को सजिवत करता है।

10. अक्षरधाम मंदिर, इस मंद‍िर की स्‍थापना 1992 में हुई थी। भगवान स्वामीनारायण को समर्पित इस मंद‍िर में उनकी सोने की करीब 7 फीट ऊंची मूर्ति रखी है।

11. दंडी कुटीर, दांडी कुटीर भारत का सबसे बड़ा और एकमात्र संग्रहालय है जो एक व्यक्ति महात्मा गांधी के जीवन और शिक्षाओं पर बनाया गया है। जनवरी 2015 से यह आम जनता के लिए खुला रखा गया है।

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Adlaj Stepwell

12. सूर्य मंदिर मोढेरा, यह सूर्य मंदिर भारतवर्ष में विलक्षण स्थापत्य एवम् शिल्प-कला का बेजोड़ उदाहरण है। सोलंकी वंश के राजा भीमदेव प्रथम द्वारा सन् 1027 ई॰ में इस मंदिर का निर्माण किया गया था। इसपर महमूद गजनी ने आक्रमण कर हानि पहुंचाई थी। वर्तमान समय में यह भारतीय पुरातत्व विभाग के संरक्षण में है। और इस मंदिर में पूजा करना निषिद्ध है।

13. रानी की वाव, वर्ष 1063 में सोलंकी शासन के राजा भीमदेव प्रथम की प्रेमिल स्‍मृति में उनकी पत्नी रानी उदयामति ने बनवाया था। यह भारत में अपनी तरह का अनूठा वाव है। यह भारतीय पुरातत्व विभाग के संरक्षण में है। तथा UNESCO में लिस्टेड है। एवं 100 रूपए के नोट पर भी अंकित है।

बता दें कि भारत को अधिक जानने और संस्कृति को आत्मसात करने हेतु गरवी गुजरात ट्रेन चलाई जा रही है। गुजरात जाने वाले यात्रियों के लिये 8 दिन और 7 रात का यात्रा पैकेज उपलब्ध कराएगा, जिसमें खाना, रहना और संपूर्ण गुजरात के विभिन्न प्रमुख स्थलों का भ्रमण सम्मिलित है। प्रथम श्रेणी की सीटों के लिए लगभग 74000 रुपए प्रति व्यक्ति और द्वितीय श्रेणी के लिए 59000 प्रति व्यक्ति शुल्क तय किया गया है।

इस यात्रा में शुद्ध शाकाहारी व सात्विक भोजन एसी वाहनों में सभी दर्शनीय स्थलों के दर्शन, यात्रा बीमा और आईआरसीटीसी टूर मैनेजरों, टूर स्कॉर्ट एवं गाइड जैसी सेवाएं आदि सम्मिलित की गईं हैं। यात्रा के समयावधि में सुरक्षित और सुव्यवस्थित यात्रा प्रदान करके सभी आवश्यक स्वास्थ्य सावधानियों का ध्यान रखा जाएगा। तथा जिन होटलों में ठहरना व भोजन आदि होना है वह भी एक लग्ज़री सुविधाओं से परिपूर्ण हैं। ताकि यात्रा अनुभव में किसी प्रकार की कमी ना रहे और वह सुखद एवं आनंदमय रहे।

गुजरात की अपनी एक विशिष्ट पहचान है, अपनी कला, संस्कृति, पौराणिकता, प्राचीनता जैसे अनेक रंगों से नहाई हुई है। गुजरात भारतीय संस्कृति और सभ्यता का द्वार भी है एवं सदियों से अपनी सुन्दरता से समस्त विश्व को अपनी ओर आकर्षित करती रहती है।

Garvi Gujarat Train
Welcoming at Gujarat

आइए अब आपको इस यात्रा के समयावधि में मिलने वाले भोजन आदि की जानकारी देते हैं। बता दें कि इस पूरी यात्रा में हर समय आपके नाश्ते व भोजन की उत्तम व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है। यहाँ होटल में भी उत्तम व्यवस्था की गई हैं। इसके पश्चात आपको हम इस विशेष रेल के विशेष भोजनयान के भी दृश्य दिखाते हैं। आप देख सकते हैं कि यहाँ पर कैसी व्यवस्था है। यदि आप भी इस यात्रा का अनुभव करना चाहते हैं तो डिस्क्रिप्शन में दिए गए लिंक के माध्यम से अपनी बुकिंग कर सकते हैं।

अधिक जानकारी के लिए आईआरसीटीसी की वेबसाइट https://www.irctctourism.com/pacakage_description?packageCode=CDBG03 पर विजिट करें। बुकिंग वेब पोर्टल पर “पहले आओ पहले पाओ के आधार पर ऑनलाइन टिकट की भी बुकिंग कर सकते हैं।

मित्रों हम आशा करते हैं कि आपको हमारी यह गरवी गुजरात यात्रा की विशेष प्रस्तुति पसंद आई होगी। तथा यदि हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई हो तो कमेंट बॉक्स में हर हर महादेव अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो तो वह भी बताएं।

अधिक जानकारी के लिए वीडियो देखें:-

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