योगी राज में अब श्री राम की नगरी अयोध्या बनेगी रामायण कालीन
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भगवान श्री राम के मंदिर निर्माण (Ram Mandir Nirman) साथ ही साथ अयोध्याजी को त्रेतायुगी बनाने का कार्य भी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने आरंभ कर दिया है। जिससे अब यहां आने वाले श्रद्धालुओं को रामायण कालीन अयोध्याजी का अनुभव होगा।
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि अयोध्याजी में भगवान श्री राम चंद्र के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य तीव्र गति से संचालित है जिसकी जानकारी हम समय समय पर आपको देते रहते हैं। परंतु मंदिर के अतिरिक्त अयोध्याजी का संपूर्ण कायाकल्प करने की भी योजना पर कार्य संचालित है।
बता दें कि अयोध्याजी में ग्रीन कवर प्रोजेक्ट की परिकल्पना को लेकर कार्य आरंभ हो गया है। जिसके लिए रामायण काल के पेड़ अयोध्या में रोपित किए जाएंगे। यही नहीं केवल मनुष्यों के लिए ही नहीं अपितु इसी के साथ ही बंदरों और तितलियों के लिए भी कुटुंब निर्माण की तैयारी चल रही है।
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इस परियोजना की अधिक जानकारी हेतु बता दें कि वैदिक ग्रथों का शोध कर अयोध्याजी में ग्रीन कवर प्रोजेक्ट की परिकल्पना को लेकर कार्य आरंभ हुआ है। पूरी रामनगरी में हरियाली दिखे इसके लिए 80 साइट चिन्हित की गई है। जहां पेड़ो को लगाकर वनों का निर्माण किया जाएगा। इसमें महत्वपूर्ण यह है कि ये पेड़ रामायण काल के होंगे, जिनका डेटा कलेक्ट कर रोपित किया जा रहा है।
बता दें कि इस प्रोजेक्ट पर फ्री ऑफ कॉस्ट काम कर रहे फॉरेस्ट मैन आफ इंडिया प्रदीप त्रिपाठी के अनुसार वाल्मीकि रामायण, वन संहिता, दक्षिणा आयुर्वेदा आदि किताबों पर शोध करके ये कार्य आरंभ किया गया है।
फाॅरेस्ट मैन की अधिक जानकारी हेतु बता दें कि अभी तक इन्होंने मुम्बई, दिल्ली एनसीआर, बेंगलुरु हैदराबाद गुजरात मध्य प्रदेश चेन्नई औरंगाबाद और जयपुर सहित 20 से 25 शहरों में वन बनाने का काम किया है। नवी मुम्बई में 1 लाख 25 हजार पेड़ लगाकर अर्बन फारेस्ट भी इन्होंने बनाया है।
परियोजना की अधिक जानकारी हेतु बता दें कि प्रदीप त्रिपाठी के अनुसार विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष व नगर आयुक्त विशाल सिंह के कहने पर अयोध्या में वैदिक प्लांटेशन पर पहला शोध आरंभ हुआ है। वाल्मीकि रामायण से 182 पेड़ो की सूची तैयार की गई है। चित्रकूट में भगवान राम ने 12 वर्ष मधुर वन में बिताए।
इसी के साथ पंचवटी, दंडकारण्य, किष्किंधा, श्रीलंका और अशोक वाटिका का डेटा कलेक्ट कर देव वन और देवराई वन बनाया गया है। रामायण काल में जिन पेड़ों का वर्णन मिलता है उनका पौधारोपण यहां किया जा रहा है। साथ ही नक्षत्र वन, राशिवन, बटरफ्लाई गार्डन अर्थात तितली उद्यान बनाने पर कार्य संचालित है। इसके लिए स्कूली छात्रों में जागरूकता का अभियान भी चलाया जा रहा है। उन्हें पेड़ो को भगवान से जोड़कर उनका महत्व बताया जा रहा है।
बता दें कि अयोध्या में प्रवेश करते ही सहादतगंज बाईपास पर कलरफुल प्लांटेशन किया जा रहा है। यह पेड़ हर सीजन में कलर बदलते रहेंगे। साकेत पुरी के ग्राउंड, जनौरा बाईपास साईं दाता कुटिया पर सवा दो हजार पेड़ का देवराई वन लगाया गया है, साथ ही सूर्यकुंड, तुलसी उद्यान, राजद्वार पार्क, नगर निगम के जितने भी पार्क में वहां पर भी पेड़ों को लगाने का कार्य आरंभ हो गया है।
इसके अतिरिक्त अयोध्या बाईपास से श्रद्धालुओं को आने वाले दिनों में अयोध्या के 6 प्रवेश द्वारों पर हरियाली दिखने लगेगी साथ तापमान के कम होने का अनुभव करके श्रद्धालु सोचेंगे रामायण काल में इसी प्रकार का नगर भगवान राम का रहा होगा।
आपको हम बता दें कि देश में मुंबई दिल्ली बेंगलुरु में पेड़ों की जनगणना भी होती है परंतु उत्तर प्रदेश में यह कार्य अयोध्या से आरंभ होने जा रहा है। इस कार्य में पुराने और नवीन पेड़ों का डाटा तैयार कराया जा रहा है। मोबाइल पर क्यूआर कोड स्कैन करते ही पूरी इतिहास सामने आ जाएगी। तथा पेड़ों को लगाने की दिशा सहित कई अन्य जानकारियां भी उसमें समाहित होंगी।
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जैसा की हमनें आपको बताया था कि तितली उद्यान भी बनेगा तो इसपर अधिक जानकारी हेतु बता दें कि 10 और 20 एकड़ में बनेगा बंदरों का फूड फारेस्ट और तितलियों के लिए कुटुंब तथा अयोध्या में बंदरों की संख्या अधिक है और शारीरिक रूप से स्वस्थ भी नहीं है। क्योंकि उन्हें स्वस्थ भोजन नहीं मिल रहा है। यह नगर के बंदर है जिनकी ब्रीड जंगली नहीं है।
इसलिए इसके लिए 10 एकड़ और 20 एकड़ की स्थान ढूंढ़ी जा रही है। जहां ऑल सीजन फूड फॉरेस्ट बनाया जाएगा। अर्थात ऐसा स्थान जहां पर फलों के जंगल में प्रत्येक ऋतु में में फल होंगे और मनुष्यों का प्रवेश प्रतिबंधित होगा। तथा दूसरा लाभ यह होगा कि इससे नगर में बंदर भी कम हो जाएंगे।
इसी के साथ इस परियोजना में इस प्रकार के पेड़ लगाए जा रहे हैं जिसमें तितलियों की संख्या अधिक से अधिक संख्या में बढ़े जिससे श्रद्धालु इन स्थानों पर जाए तो उनके चेहरों से तितलियां टकराए और उन्हें अच्छा अनुभव हो।
महत्वपूर्ण है कि अयोध्या (Ayodhya) के लिए यह समय किसी स्वप्न के पूरे होने जैसा है। जब से प्रदेश का नियंत्रण योगी आदित्यनाथ के हाथों में आया है तब से नगर में अनेकों परियोजनाओं पर कार्य संचालित है तथा अयोध्या नगर व नगरवासियों के जीवन को सुविधायुक्त व उत्तम बनाने के लिए सभी कार्य किए जा रहे हैं। चाहे व सड़क चौड़ीकरण व फ्लाईओवर का निर्माण हो, मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण, राम मंदिर मार्ग का निर्माण, नवीन रेलवे स्टेशन व बस अड्डे का निर्माण, अंतरराष्ट्रीय उद्यान के साथ प्रदेश का पांचवां अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण हो, चारों ओर कार्य संचालित है। जिनकी जानकारी हमारे चैनल पर उपलब्ध हैं।
यही नहीं नगर के कुण्डों व जलाशयों जैसे कि सीता कुण्ड, सूर्य कुंड, अग्नि कुण्ड, त्रिलोदकी गंगा, विद्या कुंड आदि का भी जीर्णोद्धार किया जा रहा है जिससे अयोध्या में जलसंचयन ही नहीं होगा अपितु अयोध्या का प्राचीन इतिहास भी पुनर्जीवित होगा। वैसे आपका इस विषय पर क्या विचार है वह हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर अवश्य बताएं।
मित्रों यदि आपको उपरोक्त दी हुई अयोध्या ग्रीन कवर प्रोजेक्ट की जानकारी पसंद आई हो तो जय श्री राम कमेंट बाॅक्स में अवश्य लिखें।
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