अयोध्या श्री राम मंदिर निर्माण पर आई सबसे बड़ी खुशखबरी
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अयोध्या में बन रहे श्री राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है। 500 वर्षों पश्चात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनवरी 2024 के तीसरे सप्ताह में निर्माणाधीन मंदिर में भगवान राम लल्ला की मूर्ति उनके मूल स्थान पर स्थापित करेंगे।
वर्ष 2024 के जनवरी में अयोध्या में भव्य राम मंदिर दर्शन के लिए खुल जाएगा। अर्थात 2024 का आरंभ भगवान रामलला के दर्शन के साथ होगा। जो 500 वर्षों की प्रतीक्षा व लाखों रामभक्तों की तपस्या का परिणाम है।
बता दें कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण का कार्य जोर-शोर से चल रहा है। तथा राम मंदिर के गर्भ गृह निर्माण का कार्य लगभग 80 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। मंदिर का गर्भगृह भी का आकार लेता दिखाई दे रहा है। बताया जा रहा है कि मंदिर की पहली मंजिल निर्माण का काम अक्टूबर 2023 में पूरा हो जाएगा। इसके पश्चात जनवरी 2024 में मकर संक्रांति के दिन रामलला को मंदिर के गर्भगृह में विराजमान किए जाने की योजना है।
पूर्व दिशा में सिंहद्वार से राम मंदिर में प्रवेश के लिए सीढ़ी बनाई गई है। श्री राम मंदिर में प्रवेश के लिए 32 में से 28 सीढ़ियों को बना दिया गया है। तथा भूतल निर्माण में गर्भगृह पर 20 फीट ऊंची दीवार और 166 पिलर खड़े कर दिए गए हैं। अब मंदिर का गर्भगृह भी आकार लेता हुआ दिखाई दे रहा है।
अधिक जानकारी हेतु बता दें कि इस गर्भगृह पर 20 फीट ऊंची दीवार और 166 पिलर खड़े कर दिए गए हैं। रामनवमी के पश्चात इन पत्थरों को बीमों के माध्यम से जोड़े जाने का कार्य भी प्रारंभ किया जाएगा। इसी महापीठ पर भगवान की प्रतिष्ठा होनी है। अब रामलला के दर्शन को जाते समय बैरीकेडिंग से ही मंदिर की प्रगति देख भक्त अभिभूत हो रहे हैं।
अयोध्या में अब राम मंदिर का दिव्य भव्य स्वरूप दिखाई देने लगा है। मंदिर को आकार देने के लिए स्तंभों को लगाया जा रहा है। रामलला के मंदिर को तीन तलीय बनाया जाएगा और 1 तल की ऊंचाई 20 फीट होगी। रामलला के मंदिर की 255 फीट की चौड़ाई होगी और 350 फीट मंदिर की लंबाई होगी। जिसमें अब स्तंभों को आपस में जोड़ने का कार्य किया जा रहा है।
तथा यहां पर सबसे महत्वपूर्ण जानकारी यह है कि जनवरी 2024 के तीसरे सप्ताह में, राम लला की प्रतिमा को उसके मूल स्थान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों स्थापित किया जाएगा। जी हां, अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में भगवान राम की मूर्ति कब लगेगी, इस तारीख की घोषणा कर दिया गया है।
बता दें कि प्रतिमा को उसके मूल स्थान पर स्थानांतरित करने के पश्चात भी मंदिर का कार्य जारी रहेगा। निर्माण समिति का लक्ष्य गर्भगृह, पहली मंजिल पर कार्य पूरा करना और जनवरी 2024 से पहले दर्शन की व्यवस्था करना है।
वर्तमान समय में सुपर स्ट्रक्चर के निर्माण के समानांतर परिसर में यात्री सुविधा केंद्र व आधारभूत सुविधाओं के विकास की दृष्टि से भी निर्माण तीव्र गति से चल रहा है। यद्यपि होली के त्योहार पर बाहरी श्रमिक अवकाश पर चले गए थे जिससे गति थोड़ी मद्धम हो गयी थी। परंतु श्रमिकों की वापसी होने से अब निर्माण कार्य पुनः गति पर है।
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श्री रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र की भवन निर्माण समिति की आगामी बैठक में उन सभी मूर्तिकारों को भी आमंत्रित किया गया है जिन्होंने रामसेवकपुरम में रामलला के श्रीविग्रह के निमित्त लिए गये पत्थरों का सैंपल परीक्षण के लिए लिया था।
बैठक में यह मूर्तिकार अपने अपने परीक्षण की रिपोर्ट के साथ अपने विचार भी प्रस्तुत करेंगे। इन्हीं विशेषज्ञों के परामर्श और उनकी रिपोर्ट के आधार पर तीर्थ क्षेत्र अंतिम निष्कर्ष तय करेगा। फिलहाल नेपाल से आई देवशिला को लेकर लगभग तय हो गया है कि इन शिलाओं को देवविग्रह के रूप में सुसज्जित किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त आपको हम बता दें कि जहां एक ओर अयोध्या में राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) का निर्माण कार्य जोर-शोर से चल रहा है। तो वहीं दूसरी ओर राम मंदिर निर्माण के लिए रामभक्त दिल खोलकर दान भी दे रहे हैं। इसका सबूत है मंदिर निर्माण के लिए दिए जाने वाले नकद चंदे में हुई भारी बढ़ोतरी। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र (Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra) के एक अधिकारी ने बताया कि जनवरी के अपेक्षा अब नकद चंदे में तीन गुना बढ़ोतरी हुई है। राम जन्मभूमि आ रहे श्रद्धालु खूब नगद दान दे रहे हैं। एक बार में दानपात्र से निकाली जाने वाली धनराशि की गिनती करने में 15 दिन लगते हैं। सिर्फ 15 दिन में ही दान की राशि एक करोड़ रुपये हो गई है।
राम जन्मभूमि स्थित राम मंदिर ट्रस्ट के ऑफिस इन्चार्ज के अनुसार दान की गिनती और जमा करने वाले बैंक अधिकारियों ने राम मंदिर ट्रस्ट को सूचित किया है कि जनवरी 2023 से दान तीन गुना बढ़ गया है। यहां पर हम आपको बता दें कि ट्रस्ट के बैंक खाते में काउंटिंग और कैश डिपॉजिट करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक ने विशेष रूप से दो अधिकारियों को नियुक्त किया है।
यही नहीं राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि राम मंदिर में आने वाला दान तेजी से बढ़ रहा है जिसके लिए आने वाले समय में नकदी गिनने हेतु तिरुपति बालाजी की तर्ज पर व्यवस्था करनी होगी। बता दें कि बालाजी मंदिर में सैकड़ों कर्मचारी प्रतीदिन दान के रूप में आने वाली रकम की गिनती करते हैं।
इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर (Ram mandir) निर्माण के प्रयोग में होने वाली सागौन की लकड़ी महाराष्ट्र (Maharshtra) के चंद्रपुर (Chandrpur) से भेजी जा रही है। ये जानकारी महाराष्ट्र सरकार में सांस्कृतिक मामलों के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार (Sudhir Mungantiwar) दी। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है। हम महाराष्ट्र से राम मंदिर के लिए बड़ी धूमधाम से लकड़ी भेजेंगे और इस अवसर पर पूजा भी करेंगे।
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वहीं दूसरी ओर भगवान राम की नगरी अयोध्या का कायाकल्प भी किया जा रहा है। आधारभूत आवश्यकताओं को सुविधाजनक बनाने के प्रयास में सड़कें चौड़ी करने का काम जारी है। अधिग्रहण के पश्चात दुकानों और इमारतों को ढ़हाकर उन्हें छोटा करने का काम तेजी से जारी हैं। उत्तर प्रदेश शासन द्वारा जारी तोड़फोड़ की कार्रवाई का सड़क पर कोई विरोध नहीं है और प्रभावित लोग क्षतिपूर्ति की किश्त पाकर संतुष्ट प्रतीत हो रहे हैं।
पुराने अयोध्या कैंट से लेकर अयोध्या धाम तक के मुख्य मार्ग पर सड़क चौड़ा करने के लिये तोड़फोड़ का पचास प्रतिशत से अधिक का कार्य पूर्ण हो चुका है और इस काम के पूर्ण होने के पश्चात राजा राम की नगरी अयोध्या का एक नया स्वरूप उभर रहा है जिसमें उनके राज्य की विस्तृत झलक देखी जा सकती है।
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