ये परियोजना बदल देगी अयोध्या का नज़ारा – Ayodhya Lotus Fountain Multimedia Show
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Ayodhya Lotus Fountain Multimedia Show : आध्यात्मिकता के साध आधुनिक होती भगवान श्री राम की नगरी अयोध्या जी, नित्य नवीन रूप को धारण कर रही है तथा रामलला के दर्शन को आने वाले आगंतुकों को अति शीघ्र एक भव्य व मनमोहक लोटस फाउंटेन की सौगात मिलने वाली है।
Ayodhya Lotus Fountain Multimedia Show : 500 वर्षों पश्चात जहां एक ओर अयोध्या जी में भगवान रामललला के घर का निर्माण हो रहा है तो वहीं दूसरी ओर मंदिर में दर्शन पूजन आरंभ होने के साथ ही संपूर्ण अयोध्या के स्वरूप परिवर्तन ने गति पकड़ रखी है। केवल विकास की गति ने ही नहीं पकड़ रखी है अपितु अयोध्या को और भव्य बनाने हेतु नित्य नवीन परियोजनाओं का आगमन इस पावन धरा पर हो रहा है। जिसमें आज हम एक ऐसी ही परियोजना की बात करने वाले हैं जो है मल्टीमीडिया शो लोटस फाउंटेन परियोजना जिसका प्रादुर्भाव हुआ है।
मल्टीमीडिया शो लोटस फाउंटेन परियोजना की जानकारी देने हेतु बता दें कि उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की सरकार अयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर (Ram Mandir) परिसर के पास 100 करोड़ रुपये का एक मेगा ‘मल्टीमीडिया शो फव्वारा’ (Lotus-Shaped Fountain) बनाने की एक भव्य योजना लेकर आई है।
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इस परियोजना में लगभग 25,000 लोग एक समय में एम्फीथिएटर शैली की बैठने की व्यवस्था में इस मेगा फाउंटेन को देख सकेंगे। उसमें गुप्तार घाट से नया घाट तक 20 एकड़ में कमल के आकार का फव्वारा बनाने की योजना बनाई गई है और यह 50 मीटर तक पानी को ऊपर फेंक सकेगा। यह फव्वारा परिसर वास्तव में दिव्य और आध्यात्मिक अनुभव देने के लिए बनाया जाएगा, जो श्रीराम मंदिर की भव्यता को और बढ़ाएगा।
फव्वारे का उद्देश्य मंदिर के परिवेश को केवल प्रतीक्षा क्षेत्र से आध्यात्मिक प्रेरणा के एक ताजा और आरामदायक स्थान में परिवर्तित करना है। यह भगवान राम की महाकाव्य कहानी को बताने के लिए एक उपयुक्त स्थान के रूप में भी कार्य करेगा। और तीर्थयात्रियों और पर्यटकों दोनों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करेगा। इसका उद्देश्य एक “जादुई स्थान” बनना है जहां जल तत्व “आगंतुकों को शांत होने, प्रार्थना करने और एक साथ आने के लिए आमंत्रित करता है”।
फव्वारे का वास्तुशिल्प डिजाइन की बात करें तो वह कमल के सुंदर रूप का प्रतिबिंब होगा – जो भारत का राष्ट्रीय फूल है और भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण प्रतीक भी है। “इस प्रतिष्ठित प्राकृतिक तत्व (कमल) को फव्वारे की वास्तुकला में सम्मिलित करने से, भारत की पहचान और विरासत के साथ एक मजबूत और हृदयपूर्ण संबंध स्थापित होता है। फव्वारे के डिज़ाइन में हिंदू धर्म की सात पवित्र नदियों को श्रद्धांजलि के रूप में कमल से प्रेरित सात पंखुड़ियाँ सम्मिलित हैं। गंगा, यमुना, सरस्वती, सिन्धु, नर्मदा, गोदावरी और कावेरी। फव्वारे में केंद्रीय फूल बनाने वाली सात पंखुड़ियाँ भगवान विष्णु के सातवें अवतार भगवान राम को श्रद्धांजलि स्वरूप होंगी।
इसके अतिरिक्त सात प्रवेश द्वार हिंदू धर्म की सात पवित्र नदियों का प्रतीक होंगे और आगंतुकों के बैठने के लिए फव्वारे के चारों ओर उपलब्ध रंगभूमि को सात खंडों में विभाजित किया जाएगा।
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“प्रवेश द्वारों के बीच बैठने की स्थिनें भारत की दिव्य भूमि का प्रतीक हैं जहाँ से होकर पवित्र नदियाँ गुजरेंगी। फव्वारा कमल के आकार की पंखुड़ियों के तीन स्तरों से बना होगा। पंखुड़ियों के प्रत्येक स्तर के शीर्ष पर, स्प्रे पानी के विशाल बादल बनाए जाएंगे। जो फव्वारे में एक राजसी घनत्व और शरीर जोड़ देंगे। पंखुड़ियों के किनारों पर बहता पानी भारी मात्रा में पानी के साथ सीढ़ीदार झरने बनाएगा। जो आगंतुकों पर आश्चर्यजनक दृश्य प्रभाव और नियोजित मल्टीमीडिया प्रस्तुतियों के लिए सबसे शक्तिशाली जल परिदृश्य प्रदान करेगा।
यह फव्वारा अपने दर्शकों को अलग-अलग अनूठे अनुभव प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। दिन के समयावधि में, फव्वारा कई चरणों वाले झरनों से एनिमेटेड होगा, जो बनावट और सजगता से भरा होगा, और पानी की निकटता से ताजगी, पानी की आरामदायक ध्वनि और शांति प्रदान करेगा।
वहीं सूर्यास्त के पश्चात, फव्वारा एक विशाल मंच में बदल जाएगा, जहां विशेष रूप से डिजाइन किए गए जल शो दर्शकों को रामायण की दुनिया में ले जाएंगे, जो सार्वभौमिक मूल्यों के समृद्ध आध्यात्मिक संदेश को फैलाएगा।
अधिक जानकारी हेतु बता दें कि जो पूरे फव्वारा परिसर का केंद्र बिंदु है उसका व्यास 100 मीटर होगा। जल, प्रकाश और ध्वनि के रचनात्मक संलयन से उत्पन्न मल्टीमीडिया शो की मेजबानी करेगा।
पूल के सात प्रवेश द्वारों पर पानी की सुरंगें होंगी, जो अपने मनमोहक आकर्षण के साथ लोगों को केंद्रीय पूल क्षेत्र की ओर आकर्षित करेंगी। जो पूल क्षेत्र के भीतर एक अविस्मरणीय अनुभव के लिए वातावरण तैयार करती है। विशेष रूप से रात के समयावधि में, सुरंगें एक मंत्रमुग्ध कर देने वाली आकर्षण बन जाएंगी जो तुरंत आगंतुकों का ध्यान आकर्षित करेंगी।
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अन्य व्यवस्थाओं की जानकारी देने हेतु बता दें कि केंद्रीय पूल 25,000 बैठने की स्थानों वाले एक एम्फीथिएटर से घिरा होगा। इसके अतिरिक्त Multilevel Giant Parabolic Jets Creating Three Dimensionality, Multi-Level Vertical Jets Air Shooters, बहुस्तरीय कैस्केड और स्प्रे पानी के विशाल बादल, घूमने वाले जेट के लिए गतिशील जल गुंबद और घूमने वाले फैन जेट द्वारा बनाए गए एयर शूटर के छल्ले सम्मिलित होंगे।
महत्वपूर्ण है कि अयोध्या में बीते कुछ महीनों में ऐसे कई विकास कार्यों को होते देखा जा रहा है जो अयोध्या के स्वरूप परिवर्तन का आधार स्वरूप है। जिसमें अयोध्या के विभिन्न कुंडों व तालाबों का पुनरुद्धार हो रहा है तथा हर ओर स्वच्छता व सुंदरता को बढ़ावा दिया जा रहा है जिसकी कुछ वर्षों पूर्व तक कल्पना भी किया नहीं जा सकता था। यह मात्र प्रशासन की सुदृष्टि ही है। कि जो अयोध्या 500 वर्षों तक वंचित रही थी वहीं अयोध्या अब चर्चा का विषय बनी हुई है।
महत्वपूर्ण है कि भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राणप्रतिष्ठा से पहले रामनगरी अयोध्या को खूबसूरत बनाने की तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं। इस क्रम में अब सरयू नदी के किनारे मल्टीमीडिया शो लोटस फाउंटेन को विकसित करने की योजना बनाई गई है। इसके अतिरिक्त नगर में फोरलेन रोड, मल्टीलेवल पार्किंग, फ्लाईओवर्स, परिक्रमा मार्ग का निर्माण, एयरपोर्ट व रेलवे स्टेशन आदि पर वृहद कार्य हो रहे हैं। जिसकी जानकारी हमारे चैनल पर उपलब्ध है।
मित्रों हम आशा करते हैं कि आपको अयोध्या मल्टीमीडिया शो लोटस फाउंटेन परियोजना की जानकारी पसंद आई होगी, तो कमेंट बाॅक्स में जय श्री राम अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।
अधिक जानकारी के लिए वीडियो देखें:-