अब 25 मिनट में होंगे बाबा बर्फानी के दर्शन – Amarnath Ropeway को मिली स्वीकृति
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Amarnath Ropeway : अमरनाथ यात्रा हिन्दू धर्म के सबसे पवित्र तीर्थ यात्राओं में से एक है। हर वर्ष लाखों श्रद्धालु कठिन पहाड़ी मार्गों को पार करके बाबा बर्फानी के दर्शन करने पहुंचते हैं। जिसमें 2-3 दिन का समय तक लगता है परंतु अब सरकार ने इस यात्रा को सुगम बनाने के लिए एक रोपवे परियोजना पर कार्य आरंभ कर दिया है।

श्री अमरनाथ रोपवे की कुल लंबाई 11.6 किलोमीटर होगी, जो बालटाल से पवित्र अमरनाथ गुफा तक जाएगी। यह परियोजना श्रद्धालुओं को कठिन ट्रेकिंग या महंगे हेलीकॉप्टर सेवाओं के विकल्प के रूप में एक सुलभ और सरल मार्ग प्रदान करेगी।
आपको हम बता दें कि दक्षिण कश्मीर हिमालय में श्री अमरनाथ जी गुफा मंदिर तक दो आधार शिविरों में से एक बालटाल से रोपवे का निर्माण, तीर्थयात्रियों को सरलता प्रदान करेगा, जिन्हें अन्यथा भगवान शिव के पवित्र बर्फ के लिंगम के दर्शन के लिए गुफा मंदिर तक पहुंचने के लिए बालटाल से 13 किलोमीटर और दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में पहलगाम से लगभग 38 किलोमीटर की कठिन यात्रा करनी पड़ती थी।
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श्री अमरनाथ जी मंदिर की वार्षिक तीर्थयात्रा हर वर्ष जून जुलाई से जुलाई अगस्त के मध्य आयोजित की जाती है। इस वर्ष, तीर्थयात्रा 3 जुलाई से 9 अगस्त तक 38 दिनों तक चलेगी। सूत्रों ने कहा कि रोपवे परियोजना से हर वर्ष भगवान शिव के पवित्र गुफा मंदिर की तीर्थयात्रा करने वाले लोगों की संख्या में भी वृद्धि होगी। हालांकि, रोपवे परियोजना के पूरा होने की अभी तक कोई समय सीमा नहीं दी गई है।
बता दें कि जम्मू और कश्मीर सरकार ने तीन प्रमुख रोपवे परियोजनाओं के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं, जिसमें बालटाल से अमरनाथ गुफा मंदिर तक 11.60 किलोमीटर का खंड सम्मिलित है, जिसका उद्देश्य वार्षिक यात्रा के समयावधि में तीर्थयात्रियों की यातायात को सरल बनाना है।

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा को एक लिखित उत्तर में कहा कि नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड (NHLML) ने तीन अतिरिक्त रोपवे परियोजनाओं की डीपीआर के लिए बोलियाँ भी आमंत्रित की हैं – दो बडगाम में और एक रामबन जिले में। यह 15 मार्च, 2022 को उपराज्यपाल के नेतृत्व वाली प्रशासनिक परिषद द्वारा लिए गए निर्णय और उसके बाद 6 सितंबर, 2023 को पर्वतमाला पहल के अंतर्गत रोपवे विकास के संबंध में जारी सरकारी आदेश के पश्चात किया गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के लिए 52 रोपवे परियोजनाओं की एक सूची प्रस्तावित की गई थी, जिसमें श्रीनगर में शंकराचार्य मंदिर तक 1.05 किलोमीटर रोपवे के लिए भी बोली प्रक्रिया चल रही है। हालांकि, रियासी में दर्शन देवपड़ी से शिवखोरी मंदिर तक 2.12 किलोमीटर रोपवे के लिए बोलियाँ चल रहे कोर्ट केस के कारण रद्द कर दी गईं हैं।
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25 जनवरी, 2025 को जारी नवीनतम निविदा के अनुसार, एनएचएलएमएल ने बालटाल-अमरनाथ रोपवे, डोडा में 8.80 किलोमीटर लंबे भद्रवाह-सियोझदार रोपवे और 1.60 किलोमीटर लंबे सोनमर्ग-थाजीवास ग्लेशियर रोपवे की डीपीआर के लिए बोलियाँ आमंत्रित की हैं। इन परियोजनाओं से तीर्थयात्रियों और पर्यटकों दोनों के लिए पहुँच में वृद्धि होने की आशा है।
इसके अतिरिक्त, दूधपथरी में परिहास-दिस्कल रोपवे, बडगाम में सुथारन-तोसामैदान रोपवे और रामबन में नाशरी टनल -सनासर झील रोपवे के लिए डीपीआर बोलियाँ मांगी जा रही हैं। इस बीच, रामबन में करचियाल-वासमर्ग रोपवे के लिए एक पूर्व-व्यवहार्यता अध्ययन चल रहा है।

रोपवे परियोजना से होने वाले लाभ की जानकारी देने हेतु बता दें कि इससे सबसे महत्वपूर्ण समय की बचत होगी क्योंकि रोपवे के माध्यम से यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा, जिससे श्रद्धालु अधिक समय तक दर्शन और पूजा-अर्चना कर सकेंगे।
रोपवे से सुरक्षा भी बढ़ेगी क्योंकि कठिन पहाड़ी मार्गों और अप्रत्याशित मौसम से होने वाले खतरों से बचाव होगा, जिससे यात्रा अधिक सुरक्षित बनेगी।
रोपवे से सुविधा भी बढ़ेगी क्योंकि विशेषकर वृद्ध, बच्चे और शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों के लिए यह यात्रा अधिक सुविधाजनक होगी।
यही नहीं, सरकार का दावा है कि इस परियोजना को पर्यावरणीय मानकों का पालन करते हुए विकसित किया जाएगा, ताकि क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता और पारिस्थितिकी तंत्र पर न्यूनतम प्रभाव पड़े।
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अब यदि हम आपको श्री अमरनाथ रोपवे परियोजना की वर्तमान परिस्थिति की जानकारी दें तो आपको हम बता दें कि मार्च 2025 में, जम्मू-कश्मीर सरकार ने बालटाल-अमरनाथ गुफा रोपवे सहित तीन रोपवे परियोजनाओं के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने हेतु निविदाएं आमंत्रित की हैं। यह कदम परियोजना की प्रगति की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। और DPR बनने व स्वीकृत होने के पश्चात अगला कदम होगा निर्माण कर्ता कंपनियों के चयन का। तो हमारी दृष्टि इस परियोजना पर हो रहे प्रत्येक परिवर्तन पर बनी रहेगी और हम आपतक इससे जुड़ी सभी जानकारी समय समय पर पहुंचाते रहेंगे।
वैसे अमरनाथ रोपवे के अतिरिक्त, सरकार ने देशभर में 18 प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों पर रोपवे परियोजनाओं की योजना बनाई है, जिनमें सबरीमाला मंदिर (2.62 किमी) और पर्वतामलाई मंदिर (3.21 किमी) सम्मिलित हैं।
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बता दें कि अमरनाथ यात्रा को सरल बनाने के लिए केंद्र सरकार ने वंदे भारत ट्रेन की सुविधा भी दे रही है। और अब जम्मू-कश्मीर सरकार ने बालटाल से अमरनाथ गुफा तक 11.60 किलोमीटर लंबे रोपवे को स्वीकृति दी है। तो अति शीघ्र इस रोपवे से यात्रा का समय 20-25 मिनट हो जाएगा और डीपीआर के लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं।
महत्वपूर्ण है कि अमरनाथ रोपवे परियोजना न केवल श्रद्धालुओं के लिए यात्रा को सुगम बनाएगी, अपितु क्षेत्र के पर्यटन को भी बढ़ावा देगी। हमें आशा है कि यह परियोजना शीघ्र ही पूर्ण होगी और हम सभी इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे।

यदि आपके पास इस परियोजना से संबंधित कोई प्रश्न या सुझाव हैं, तो कृपया कमेंट सेक्शन में साझा करें और आपको इस परियोजना से कौनसे अन्य लाभ होते हुए दिख रहे हैं वह भी बताएं।
मित्रों हम आशा करते हैं कि आपको श्री अमरनाथ रोपवे परियोजना की जानकारी पसंद आई होगी, तो कमेंट बाॅक्स में गांव अथवा जिले का नाम अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।
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