वाराणसी बुलेट ट्रेन पर आई बड़ी खुशखबरी – Varanasi Howrah Bullet Train Update
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Varanasi Howrah Bullet Train Update : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट बुलेट ट्रेन को लेकर दिल्ली और हावड़ा के मध्य प्रस्तावित हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर में नवीन जानकारी सामने है। उत्तर प्रदेश, बिहार व पश्चिम बंगाल को शीघ्र बुलेट ट्रेन की सौगात मिलने वाली है।

वाराणसी हावड़ा बुलेट ट्रेन परियोजना की जानकारी देने हेतु बता दें कि यह खंड 760 किलोमीटर की लंबाई में होगा और इसमें 13 प्रमुख स्टेशन बनेंगे। इसमें उतर प्रदेश के वाराणसी, बिहार में बक्सर, आरा, जहानाबाद, पटना व गया, झारखंड में कोडरमा, धनबाद, पश्चिम बंगाल में आसनसोल, दुर्गापुर,वर्धमान, दानकुनी और हावड़ा होंगे। इसका प्रस्तावित डिपो वाराणसी और दानकुनी में रहेगी।
नेशनल हाई स्पीड रेल कारपोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) दिल्ली-हावड़ा बुलेट ट्रेन चलाने पर काम कर रहा है। इसके प्रथम फेज में वाराणसी से हावड़ा कारिडोर बनाया जाएगा। दूसरे फेज में दिल्ली से वाराणसी वाया लखनऊ का निर्माण किया जाएगा। पहले फेज के लिए 760 किलोमीटर की हाई-स्पीड रेल परियोजना प्रस्तावित है।
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इसमें वाराणसी जिले में चिरईगांव विकास खंड के नरायनपुर, उकथी, सिरिस्ती, अमौली, रैमला, छितौनी, बकैनी, देवरिया, धराधर आदि गांवों में सर्वे पूरा हो गया है। भूमि चिह्नित कर ली गई है। परियोजना में जितने किसानों की जमीन चिह्नित की गई है, उनकी सूची भी जारी कर दी गई है।
कई स्थानों पर निशान के पत्थर भी गाड़ दिए गए हैं। अब क्षतिपूर्ति के संबंध में किसानों से उनका आधार कार्ड समेत अन्य दस्तावेज लिए जा रहे हैं। कुछ स्थानों पर गांवों को जोड़ने वाली सड़कों पर अंडरपास बनाने के लिए पिलर का स्थान भी तय कर लिया गया है। कारिडोर में एलिवेटेड, भूमिगत होने के साथ ग्रेड (समतल भूमि) पर बिछाई जाएगी। एलिवेटेड हिस्से की उंचाई 20 फीट होगी।

बिहार में परियोजना की अधिक जानकारी हेतु बता दें कि वाराणसी से हावड़ा जाने वाली बुलेट ट्रेन अब जहानाबाद से होकर गुजरने वाली है। यह ट्रेन यहां के 28 गांवों से होकर गुजरेगी। इसके लिए यहां 29.70 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड ट्रैक बनाया जाएगा। तिला कंसलटेंट प्राइवेट लिमिटेड भूमि का सर्वेक्षण का कार्य किया है। जहानाबाद में एक स्टेशन भी बनने की संभावना है। रिपोर्ट्स की मानें तो वाराणसी-हावड़ा बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के तहत नेशनल हाई स्पीड कॉरपोरेशन (NHSC) ने रूट चार्ट जारी कर दिया है।
यह परियोजना पूर्वी भारत के पांच प्रमुख शहरों वाराणसी, बक्सर, पटना, गया, धनबाद और कोलकाता को जोड़ेगी। वाराणसी-हावड़ा बुलेट ट्रेन के लिए बिहार में कुल पांच स्टेशन बनेंगे। पहले चरण में बक्सर, पटना और गया में स्टेशन बनेंगे। दूसरे चरण में आरा और जहानाबाद में स्टेशन बनाए जाएंगे। यह कॉरिडोर चार राज्यों यूपी, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के 18 जिलों के 739 गांवों से गुजरेगा।
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बता दें कि वाराणसी से हावड़ा बुलेट ट्रेन का रूट 760 किलोमीटर का है। यह यूपी, बिहार और बंगाल के तमाम बड़े नगरों को जोड़ेगी, बाद में इसे दिल्ली तक चलाने की तैयारी है। इसमें शिंकनसेन टेक्नोलॉजी वाली बुलेट ट्रेन 320 से 350 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलेगी। एक बुलेट ट्रेन में 750 यात्री सवार हो सकेंगे। हाई स्पीड रेल से अधिकतम तीन घंटे में वाराणसी से कोलकाता पहुंचना संभव होगा।
दिल्ली से हावड़ा के बीच बुलेट ट्रेन वाराणसी से होकर चलाई जाएगी। 2029 तक योजना को मूर्तरूप दिया जा सकता है। इसके लिए 2025 तक रेल रूट के सर्वे का काम पूरा हो चुका है। भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है। वहीं दो फेज में निर्माण कार्य कराया जाएगा। नेशनल हाईस्पीड़ रेल कारपोरेशन लिमिटेड की ओर से हाईस्पीड रेल लाइन बिछाए जाने की प्रक्रिया चल रही है। कॉरिडोर में जगह-जगह टनल और ग्रेड बिछाई जाएगी। रेल अधिकारियों के अनुसार एलिवेटेड भाग की ऊंचाई 20 फीट होगी। खास बात है कि हाईस्पीड रेल लाइन के लिए सीधा ट्रैक ही चाहिए। घुमावदार ट्रैक से काम नहीं चलेगा।

इस रेलवे लाइन को एक्सप्रेसवे, नेशनल हाईवे व ग्रीनफील्ड क्षेत्र के साथ चलाने की योजना है। कई नगरों में इसकी कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए मुख्य सड़क के पास से इसे ले जाया जा सकता है। जहां से रेल कारिडोर गुजरेगा उस क्षेत्र में समृद्धि के द्वार खुलेंगे। रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। महत्वपूर्ण है कि बिहार में कॉरिडोर पर सर्वेक्षण का काम पूरा हो चुका है। भूमि अधिग्रहण का कार्य भी आरंभ हो चुका है। और अब निर्माण आरंभ करने के लिए रेलवे की स्वीकृति का प्रतीक्षा है।
वहीं दूसरी ओर दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर (DVHSRC) का कार्य भी संचालित है। इसकी कुल लागत 43,000 करोड़ तक आंकी गई है। दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन दिल्ली समेत 13 स्टेशनों पर रुकेगी। बाकी के 12 स्टेशन यूपी में होंगे, वहीं दिल्ली का स्टेशन अंडरग्राउंड बनाया जाएगा। यह ट्रेन दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन (सराय काले खां) से शुरू होकर नोएडा सेक्टर 146, जेवर एयरपोर्ट, मथुरा, आगरा, इटावा, कन्नौज, लखनऊ, रायबरेली, प्रतापगढ़, प्रयागराज, भदोही के रास्ते वाराणसी के मंडुवाडीह तक जाएगी। दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल पर हर दिन 18 ट्रेनें चलाई जाएंगी। सुबह 6 बजे से रात 12 बजे के बीच हर 47 मिनट पर एक बुलेट ट्रेन दौड़ेगी।
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बुलेट ट्रेन का किराए की जानकारी देने हेतु बता दें कि यह अभी मुंबई-अहमदाबाद रूट पर भी तय नहीं है, परंतु माना जा रहा है कि यह फर्स्ट क्लास एसी के किराये से डेढ़ गुना तक हो सकता है। इसके अतिरिक्त भारत में परिवहन प्रणाली को एक नई दिशा देने के लिए हाइपरलूप तकनीक पर काम तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बीते दिनों देश के पहले हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक का निरीक्षण किया है। यह ट्रैक लगभग 410 मीटर लंबा है और इसमें 1000 किमी/घंटे की अविश्वसनीय गति से ट्रेन दौड़ सकती है। इस अत्याधुनिक तकनीक को आईआईटी मद्रास के युवा इंजीनियरों की टीम ने डिजाइन किया है।
महत्वपूर्ण है कि हाई स्पीड रेल (बुलेट ट्रेन) के मुंबई से अहमदाबाद मार्ग पर निर्माण कार्य तीव्र गति से संचालित है। साथ ही वाराणसी से हावड़ा वाया पटना हाई स्पीड रेल कारिडोर परियोजना भी पटरी पर आती दिखने लगी है। वैसे हमारा एक यह प्रश्न आपसे है कि आपको कौन सी परियोजना पर कार्य पहले होना अधिक सही लगता है? पहला है बुलेट ट्रेन दूसरा है हाइपरलूप। आप किस में यात्रा करना अधिक चाहेंगे कमेंट करके हमें अवश्य बताएं।

मित्रों यदि दी हुई वाराणसी बुलेट ट्रेन परियोजना की जानकारी आपको पसंद आई हो तो कमेंट बाॅक्स में हर हर महादेव अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।
अधिक जानकारी के लिए विडियो देखें :-