महाकुम्भ से पहले प्रयागराज को बड़ी सौगात – Prayagraj Junction Redevelopment

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Prayagraj Junction Redevelopment : प्रयागराज जंक्शन, जिसे काल खंड के कुछ समय तक मुगलों के प्रभाव स्वरूप इलाहाबाद जंक्शन के नाम से जाना जाता था, यह भारतीय रेलवे के सबसे व्यस्त स्टेशनों में से एक है। प्रतिदिन लाखों यात्री यहाँ से गुजरते हैं।

Prayagraj Junction Redevelopment
Prayagraj Junction Redevelopment

रेल मंत्रालय ने इस ऐतिहासिक स्टेशन को आधुनिक सुविधाओं से लैस करने और इसे विश्वस्तरीय स्टेशन बनाने का निर्णय लिया है। यह पुनर्विकास परियोजना भारतीय रेलवे के ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ का भाग है, जिसमें देशभर के प्रमुख स्टेशनों को आधुनिक बनाया जा रहा है।

आपने प्रयागराज जंक्शन की नई स्टेशन बिल्डिंग के बारे में तो सुना ही होगा कि यह पूरे देश में सर्वाधिक पैसे से पुनर्विकसित किया जा रहा है। इसकी डिजाइन सबसे अलग है। मानो यह एयरपोर्ट जैसा बन रहा है, जहां एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं भी होगी।

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विरासत और विकास की थीम पर बन रहे प्रयागराज जंक्शन के पुनर्विकास का शिलान्यास बीते वरे छह अगस्त 2024 को वीडियो क्रांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था।

आपको हम अधिक जानकारी हेतु बता दें कि यह प्रयागराज जंक्शन 20483 स्क्वायर मीटर क्षेत्र में पुनर्विकास हो रहा है। इसमें सिविल लाइंस साइड में 72 मीटर चौड़े कांकोर्स बनाने के लिए दूसरे चरण के अंतर्गत कार्य संचालित है।

Prayagraj Junction Redevelopment
Prayagraj Junction Redevelopment

प्रयागराज में वर्ष 2025 का महाकुंभ लगना है। यात्रियों की व्यवस्था के लिए प्रयागराज के नौ स्टेशनों पर इस समय कार्य चल रहा है। इन स्टेशनों पर महाकुंभ से पहले ढांचागत कार्य समाप्त होगा।

पहले चरण में सिविल लाइंस साइड में नई बिल्डिंग बनाई जा रही है। जंक्शन पर एयरपोर्ट जैसी विश्वस्तरीय सुविधाएं दी जानी हैं। इस परियोजना पर निर्माण करने वाली कंपनी दिनेश चंद्र आर. अग्रवाल इवेस्कान प्राइवेट लिमिटेड। टेंडर के अनुसार नवंबर 2024 तक सिविल लाइंस साइड में ढांचागत मुख्य कार्य पूरा कर लिया जाना‌ था और आप इस समय निर्माण कार्य की वर्तमान परिस्थिति देख रहे हैं। तथा महाकुंभ के पश्चात फरवरी 2025 से दिसंबर 2026 तक सभी कार्य पूरे होंगे।

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परियोजना की अधिक जानकारी हेतु बता दें कि इस प्रयागराज जंक्शन की नई बिल्डिंग भूतल के अतिरिक्त नौ मंजिला होगी। जंक्शन की बिल्डिंग बीएमएस से लैस, दिव्यांग फ्रेंडली, ग्रीन बिल्डिंग होगी। यहां एक ही छत के नीचे यात्रियों के ठहरने, खाने-पीने, खरीदारी को दुकानें, फूड प्लाजा मिलेगा। जबकि वीआइपी लाउंज, स्लीपिंग पाड, रूट वाइज यात्रियों का आवागमन, मल्टीलेवल पार्किंग की व्यवस्था भी होगी। जिसकी की हम आपको एक्सक्लूसिव ग्राउंड रिपोर्ट दर्शा रहे हैं।

आपको हम इस परियोजना की कुछ और विशेषताओं की जानकारी देने हेतु बता दें कि यह एक अत्याधुनिक टर्मिनल बिल्डिंग बनाई जा रही है, जिसमें बड़ी और एयर-कंडीशन्ड वेटिंग एरिया होगा। यहां पर डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड, अत्याधुनिक टिकट काउंटर, और स्मार्ट पार्किंग की सुविधा होगी। स्टेशन पर सोलर पैनल्स लगा कर इसे पर्यावरण के अनुकूल बनाया जाएगा। स्टेशन की डिज़ाइन में प्रयागराज की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाया जाएगा। यहां फुट-ओवर ब्रिज और लिफ्ट्स की सुविधा से यात्रियों की यात्रा और भी सुगम बनेगा।  

Prayagraj Junction Redevelopment
Prayagraj Junction Redevelopment

आपको हम बता दें कि परियोजना आधे से अधिक पूरा हो चुका है। जिसमें टर्मिनल बिल्डिंग का स्ट्रक्चर बन चुका है, और इंटीरियर पर काम चल रहा है। प्लेटफॉर्म के विस्तार और रिनोवेशन का काम तेजी से किया जा रहा है। प्रोजेक्ट को 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

उत्तर मध्य रेलवे में अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत 53 रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है। जिन स्टेशनों का पुनर्विकास चल रहा है, उनमें से सर्वाधिक 959.78 करोड़ रुपये का बजट प्रयागराज जंक्शन का है। प्रयागराज जंक्शन समेत सात बड़े स्टेशनों पर पुनर्विकास के कार्य ने तेजी पकड़ ली है।

Prayagraj Junction Redevelopment
Prayagraj Junction Redevelopment

पुनर्विकास कार्यों की महाप्रबंधक उपेंद्र चंद्र जोशी द्वारा लगातार समीक्षा भी की जा रही है। महाप्रबंधक का कहना है कि पुनर्विकसित रेलवे स्टेशनों में यात्रियों के लिए आधुनिक सुविधाएं होंगी। विकास के पश्चात स्टेशन न केवल परिवहन के बिंदु के रूप में अपितु नगर के केंद्र के रूप में भी काम करेंगे।

महाप्रबंधक के अनुसार जोन के सात महत्वपूर्ण स्टेशनों में प्रयागराज जंक्शन, कानपुर सेंट्रल, झांसी, ग्वालियर, खजुराहो, आगरा और मथुरा सम्मिलित हैं। इन सात स्टेशनों में से पांच स्टेशनों पर काम तेज गति से चल रहा है। जिनकी हम आपको निरंतर जानकारी देते रहते हैं।

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इसके अतिरिक्त आपको हम बता दें कि कानपुर सेंट्रल 766.91 करोड़ रुपये, झांसी 470.18 करोड़ रुपये, ग्वालियर 534.70 करोड़ रुपये, खजुराहो 217.97 करोड़ रुपये में काम भी तेजी से चल रहा है। इन सभी स्टेशनों की कुल स्वीकृत लागत लगभग 2950 करोड़ रुपये है।

संबंधित सभी स्टेशनों पर स्टेशन एप्रोच में सुधार, सर्कुलेटिंग एरिया, वेटिंग हॉल, शौचालय, आवश्यकतानुसार लिफ्ट/एस्केलेटर, साफ-सफाई, मुफ्त वाईफाई, एक स्टेशन एक उत्पाद जैसी योजनाओं के माध्यम से स्थानीय उत्पादों के लिए कियोस्क आदि की सुविधा रहेगी।

Prayagraj Railway Station
Prayagraj Junction Redevelopment

महत्वपूर्ण है कि इस प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है और इस बार 12 वर्ष के पूर्ण कुंभ का होना बहुत ही महत्वपूर्ण है धार्मिक दृष्टि से। और इस महाकुंभ में स्नान को आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या का अनुमान 40-45 करोड़ है। जिसको लेकर योगी मोदी सरकार किसी भी प्रकार की कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहती। हजारों करोड़ रुपए से महाकुंभ की तैयारी सुरक्षा व सुविधा आदि की व्यवस्था की जा रही है। ताकि प्रयागराज आने वाले सभी श्रद्धालुओं को दिव्य भव्य महाकुंभ का आंनद मिल सके और कोई भी अनहोनी ना घटित हो।

वहीं प्रयागराज जंक्शन पुनर्विकास के इस परियोजना के पूरा होने के पश्चात, प्रयागराज जंक्शन न केवल एक विश्वस्तरीय स्टेशन बनेगा अपितु यह उत्तर प्रदेश के आर्थिक और पर्यटन विकास में भी योगदान देगा। तीर्थयात्री, पर्यटक और स्थानीय नागरिक, सभी को यहाँ से बेहतर अनुभव मिलेगा।

Prayagraj Junction Redevelopment
Prayagraj Junction Redevelopment

मित्रों हम आशा करते हैं कि आपको प्रयागराज जंक्शन पुनर्विकास परियोजना की जानकारी पसंद आई होगी, तो कमेंट बाॅक्स में हर हर महादेव अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।

अधिक जानकारी के लिए विडियो देखें :-

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