अयोध्या रिंग रोड परियोजना ने पकड़ी रफ़्तार – Ayodhya Ring Road
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Ayodhya Ring Road : त्रेता युग में अयोध्या जी कितनी भव्य रही होंगी, इसकी अनुभूति अब अयोध्या आने वाले सभी दर्शनार्थियों व श्रद्धालुओं को होने लगी है। देश के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल अर्थात अयोध्याजी की पावन धरा पर वर्तमान समय में भगवान श्री राम चंद्र के भव्य मंदिर निर्माण के साथ संपूर्ण अयोध्या का कायाकल्प करने पर कार्य संचालित है।
बता दें कि अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर को देखते हुए इस नगरी तक पहुंच को सरल बनाने पर भी कार्य संचालित है। अयोध्या में राममंदिर उद्घाटन के पश्चात श्रद्धालुओं की संख्या में भी अत्यधिक वृद्धि हुई है। देश के प्रत्येक कोने से लोग यहां पहुंच रहे हैं। अपनी पुरातन संस्कृति को समेटे हुए इस धार्मिक नगरी को पर्यटन के दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना गया है। इसको देखते हुए नगर के रिंग रोड की योजना तैयार की गई है।
अयोध्या रिंग रोड परियोजना की जानकारी देने हेतु बता दें कि राम मंदिर की परिधि में बनाए जाने वाले रिंग रोड के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया है। नवीन जानकारी अनुसार यहां बनने वाली रिंग रोड के टेंडर भी दिए जाने का कार्य पूर्ण हो चुका है। और इस रिंग रोड के लिए 3,935 करोड़ रुपए प्रस्तावित हैं। यह रिंग रोड 67.170 किलोमीटर लंबी होगी। इस रिंग रोड के बनने से अयोध्या के अतिरिक्त लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज और रायबरेली जाने वाले मार्गों पर भार कम होगा।
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आपको बता दें कि अयोध्या में रिंग रोड बनाए जाने की मांग काफी पुरानी है। 5 वर्ष पूर्व सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने यहां शिलान्यास कर के गए थे। और अब जब टेंडर दे गिया गया है तो आशा की जा सकती है कि यह कार्य शीघ्र पूरा होगा।
आइए जानते हैं कि इस रिंग रोड में क्या क्या बनना है अर्थात कैसा होगा यह मार्ग। तो आपको हम बता दें कि इस प्रस्तावित रिंग रोड के अंतर्गत सरयू नदी पर 2 पुल, 7 फलाईओवर, 4 रेलवे ओवरब्रिज और 16 अंडरपास बनने हैं।सरयू नदी पर जो पुल बनेंगे उससे रामनगरी बस्ती और गोंडा से जुड़ जाएगी। अर्थात अयोध्या से बस्ती पुल राजेपुर के पास से तथा अयोध्या गोण्डा पुल ढ़ेमुवा घाट अप साइड का निर्माण होगा। वहीं अयोध्या से वाराणसी, प्रयागराज, लखनऊ और मनकापुर 4 रेलवे लाइनों पर रेलवे ओवरब्रिज बनाए जाने हैं।
अयोध्या रिंग रोड के भूमि अधिग्रहण की जानकारी देने हेतु बता दें कि इस परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण पहले ही पूर्ण कर लिया गया है। और इस परियोजना पर नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया अर्थात NHAI हीसक्रिय है।
अब बात करते हैं इस परियोजना के प्रमुख उद्देश्यों की।
जिसमें पहला उद्देश्य है – यातायात की भीड़ को कम करना। अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद से यहाँ पर्यटकों का आगमन बढ़ गया है, जिससे सड़कें अकसर जाम रहती हैं।
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दूसरा उद्देश्य है – नगर के भीतर के ट्रैफिक को डायवर्ट करना। इस रिंग रोड की सहायता से बाहरी गाड़ियाँ नगर के भीतर आए बिना अपने गंतव्य तक पहुँच सकेंगी।
तीसरा उद्देश्य है – पर्यटन को बढ़ावा देना। अयोध्या एक धार्मिक स्थल है और यहाँ आने वाले पर्यटकों की संख्या प्रत्येक वर्ष बढ़ रही है। इस रिंग रोड से यहाँ आने-जाने में सरलता होगी।
यह परियोजना अयोध्या को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का माद्दा रखती है। इस रिंग रोड से आसपास के जिलों के साथ-साथ देश के अन्य भागों से आने वाले यात्री सरलता से जुड़ पाएंगे। इसके अतिरिक्त, इससे आसपास के क्षेत्रों में व्यापार और निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा।
परियोजना के अंतर्गत कई नए रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे। निर्माण कार्य में काम करने वाले मजदूरों से लेकर बाद में रख-रखाव के कामों तक, इस परियोजना में कई लोगों को रोजगार मिलेगा।
अब भविष्य की ओर देखें तो अयोध्या रिंग रोड प्रोजेक्ट न केवल अयोध्या में अपितु पूरे उत्तर प्रदेश में आर्थिक और सामाजिक विकास की नया मार्ग खोलेगा। साथ ही, यह सड़क पर्यटकों के लिए एक नया आकर्षण बनेगी और उन्हें अयोध्या के आसपास के प्राकृतिक और धार्मिक स्थलों को भी देखने का अवसर मिलेगा।
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विदित हो कि सरकार सूबे के कई मार्गों को रिंग रोड की सौगात देना चाहती है. आगे चलकर अलीगढ़, देवीपाटन, झांसी, मिर्जापुर और सहारनपुर में भी रिंग रोड का काम होना है। वहीं राज्य के 14 जिलों में नए बायपास बनने हैं।
बता दें कि प्रदेश में पहले से ही 53 जिलों में बाईपास की सुविधा है। इसके अलावा 8 जनपदों में बाईपास का निर्माण कार्य तेज गति से आगे बढ़ रहा है। वहीं 14 जिले फर्रुखाबाद, औरैया, बुलंदशहर, मैनपुरी, बहराइच, गोंडा, बागपत, चित्रकूट, मीरजापुर, भदोही, संभल, कौशाम्बी, चंदौली और श्रावस्ती में बाईपास बनाने की प्रक्रिया तेज हो गई है।
वर्तमान में गोरखपुर और कानपुर मंडल में रिंग रोड का कार्य प्रगति पर है। इसके अलावा आगरा, चित्रकूट, मेरठ, प्रयागराज, वाराणसी में रिंग रोड के कुछ भागों का कार्य पूरा हो चुका है और नये फेज़ पर कार्य चल रहा है। इसी प्रकार, बस्ती मंडल में रिंग रोड के कार्य को स्वीकृति मिल चुकी है।
वहीं अयोध्या रिंग रोड एनएच 27 लखनउ-गोरखपुर, एनएच 330 ए अयोध्या-रायबरेली, एनएच 330 अयोध्या-प्रयागराज, 135 ए अयोध्या-वाराणसी वाया अम्बेडकर नगर, अयोध्या-गोण्डा को जोड़ेगा।
महत्वपूर्ण है कि रिंग रोड का निर्माण होने से अयोध्या नगर पर ट्रैफिक का भार कम होगा। यातायात व्यवस्था भी अभी की तुलना में और बेहतर हो जाएगी। श्रद्धालु सरलता से रामनगरी पहुंच सकेंगे। अयोध्या की विरासत को संभालते हुए नगर को आधुनिक रूप देने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। रिंग रोड से नगर के भीतर व बाहरी क्षेत्रों का विकास होने से एक नई अयोध्या भी विकसित हो सकेगी। इससे जिले की लगभग 30 लाख की जनसंख्या को जाम से मुक्ति मिलेगी।
मित्रों हम आशा करते हैं कि आपको अयोध्या रिंग रोड परियोजना की जानकारी पसंद आई होगी, तो कमेंट बाॅक्स में अपने गांव अथवा जिला का नाम अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।
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