धन्धानेश्वर शाखा ने दी कशी को नई दिशा
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Varanasi : प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी विक्रम संवत 2079 चैत्र कृष्ण त्रयोदशी रविवार दिनांक 19 मार्च 2023 को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ वाराणसी (RSS Varanasi) के धनधानेश्वर शाखा का वार्षिकोत्सव सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में लोक कल्याण परिषद के अध्यक्ष एवं पूर्व विभाग कार्यवाह श्रीमान राम सूचित पाण्डेय जी का पाथेय प्राप्त हुआ।
उन्होनें डाक्टर साहब की शाखा दैनंदिन मिलन एव साथ में किये जाने वाले कार्यक्रम तथा व्यायाम, योग आसन, दंड योग, सूर्य नमष्कार, विभिन्न खेलों, देश भक्ति गीत, सुभाषित, अमृत वचन, बोध कथा, समाचार समीक्षा के माध्यम से स्वयंसेवकों में होने वाले जागरूकता, चरित्र निर्माण को स्वयंसेवकों मे होने वाले व्यक्ति निर्माण को शाखा की एक अभिनव कार्य पद्धति बताया। उन्होनें कहा यद्यपि संघ विश्व का सबसे बड़ा गैर सरकारी संगठन है, फिर अभी काम बहुत बाकी है। प्रत्येक बस्ती में शाखा के माध्यम से संघ कार्य पहुंचाना है। दो वर्षों के पश्चात संघ को सौ वर्ष पूर्ण हो जायेंगे। उसके पूर्व सभी बस्ती एवं खण्डों मे शाखा के माध्यम से संघ कार्य पहुंचाने का लक्ष्य पूर्ण करना है।
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बता दें कि स्वतंत्रता के पूर्व काशी में लगातार हो रहे दंगों में हिन्दू समाज की स्थिति अत्यंत ही दयनीय हो गयी थी। काशी में अपनी चिकित्सा करवा रहे स्वातंत्र्य वीर सावरकर के बड़े भाई श्री गणेश दामोदर सावरकर, डाक्टर केशव राव बलिराम हेडगेवार के घनिष्ठ मित्र थे। वे हिन्दुओं को संगठित करने की कार्य पद्धति वे बहुत प्रभावित थे। उन्होनें काशी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा प्रारंभ करने के लिए डाक्टर को तार (टेलीग्राम) भेजा था।
लगातार दंगों एवं विदेशी आक्रांताओं द्वारा हिन्दुओं पर हो रहे प्रहार से हिन्दू समाज अत्यंत ही दयनीय स्थिति में था। अतः संघ का प्रसार पूरे देश में होना आवश्यक था। हिन्दू समाज आपसी मतभेदों में बटा हुआ था। अतः व्यक्ति निर्माण और हिन्दू समाज का संगठन अत्यंत ही आवश्यक था।
अतः डाक्टर जी ने व्यक्ति निर्माण एवं हिन्दूओं को संगठित करने के उद्देश्य से विक्रम संवत 1987 चैत्र कृष्ण त्रयोदशी दिनांक 13 मार्च 1931 को नागपुर के बाहर काशी में धनधान्येश्वर मंदिर में संघ की शाखा प्रारंभ की। धनधान्येश्वर मंदिर में शाखा लगने के कारण शाखा का नाम धनधानेश्वर शाखा रखा गया।
सन् 1931 से सन 1962 तक संघ की शाखा धनधान्येश्वर मंदिर में लगती रही। कालांतर में मंदिर में नव निर्माण कार्य होने से शाखा लगाने के लिए संघ को स्थान छोटा पड़ने लगा। तब धनधानेश्वर शाखा धनधान्येश्वर मंदिर से ब्रह्मा घाट वाराणसी पर लगने लगी।
इस वर्ष हुए कार्यक्रम की अध्यक्षता बिड़ला अस्तपताल के पूर्व चिकित्सक श्रीमान डाक्टर गौरांग मिश्र ने की। कार्यक्रम में नगर संघचालक श्रीमान मोहन लाल जी की गरिमामयी उपस्थिति थी। कार्यक्रम का संचालन श्रीमान रुबल जी नगर कार्यवाह ने किया। कार्यक्रम का वातावरण एकदम देश भक्ति पूर्ण रहा। अंत में प्रार्थना के पश्चात विकिर होकर कार्यक्रम का समापन हुआ।
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