मुंबई अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के निर्माण कार्य ने चौंकाया
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देश के विकास को गति प्रदान करने के उद्देश्य से भारत में वृहद High speed trains का जाल बिछ रहा है। तथा भारत की पहली हाई स्पीड रेल कॉरिडोर परियोजना मुंबई अहमदाबाद बुलेट ट्रेन (Mumbai Ahmedabad Bullet Train) पर पर टिकी हुई हैं सबकी निगाहें।
Mumbai : भारत की पहली हाई स्पीड बुलेट ट्रेन मुंबई से अहमदाबाद के मध्य में चलेगी। और मुंबई से अहमदाबाद के मध्य 508 किमी की दूरी में कुल 12 स्टेशन होंगे जिनके नाम आपके स्क्रीन पर उपलब्ध हैं।
परियोजना की संक्षिप्त जानकारी हेतु बता दें कि (Mumbai-Ahmedabad bullet train project) 508 किलोमीटर की है और इसका अधिकतर भाग गुजरात में पड़ता है। हाई स्पीड रेल कॉरिडोर पर अहमदाबाद से मुंबई के मध्य बुलेट ट्रेन चलायी जाएगी। इसकी गति 320 किमी प्रति घंटे तक की होगी। ऐसे में दोनों नगरों के मध्य की दूरी मात्र तीन घंटे में पूरी की जा सकेगी।
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आपको हम वह जानकारी दे दें जिसकी प्रतिक्षा आप वास्तव में कर रहे हैं। अर्थात कितना हुआ इस परियोजना में निर्माण कार्य अब तक पूर्ण। तो आपको हम बता दें कि नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) के अनुसार अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन परियोजना पर जनवरी 2023 के अंत में 30 प्रतिशत लक्ष्य के मुकाबले 25 प्रतिशत की प्रगति हुई है, जिसकी कुल लागत 36,722.60 करोड़ रुपये है।
निर्माण कार्य की अधिक जानकारी हेतु बता दें कि एनएचएसआरसीएल द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी 2023 तक 30.06 प्रतिशत के लक्ष्य के सापेक्ष में समग्र भौतिक प्रगति 25.63 प्रतिशत है, जो 4.43 प्रतिशत से कम है।
बता दें कि हमारे अनुमान में 4 प्रतिशत से अधिक की कमी के लक्ष्य के साथ, गुजरात में 300 किलोमीटर से अधिक लंबे मार्ग को चालू करने के लिए अगस्त 2027 के लक्ष्य को पूरा करना कठिन होगा।
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वहीं दूसरी ओर चूंकि परियोजना महाराष्ट्र में निर्धारित समय से और भी काफी पीछे है, इसलिए रेलवे 2027 तक गुजरात हिस्से को ही चालू करने की संभावनाओं की खोज कर रहा है।
अब तक निर्माण पर हुए व्यय की जानकारी देने हेतु बता दें कि रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2022-23 में इस परियोजना पर 11,353.14 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। जिसमें की समग्र भौतिक प्रगति 25.63 प्रतिशत है।
एनएचएसआरसीएल के अनुसार लक्ष्य पूरा नहीं कर पाने के कई कारण हैं। जिसमें की महाराष्ट्र में निविदा प्रक्रिया में देरी के अतिरिक्त, कोविड महामारी के समयावधि में बंदरगाह पर भीड़भाड़ के कारण प्रमुख उपकरणों को जुटाने में भी देरी इत्यादि।
भूमि अधिग्रहण की यदि बात करें तो आपको बता दें की समग्र रूप से इस बुलेट ट्रेन परियोजना में भूमि अधिग्रहण अब तक, गुजरात में भूमि अधिग्रहण 98.91 प्रतिशत, महाराष्ट्र में 98.79 प्रतिशत और दादरा और नगर हवेली में 100 प्रतिशत है।
लागत की जानकारी देने हेतु बता दें कि इस मुंबई अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना अर्थात भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना लगभग 1.60 लाख करोड़ रुपये की है और पूरा होने तक इसके 2 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है। जिसमें 80 प्रतिशत जापानी फंडिंग एक आसान ऋण के रूप में है।
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यहां पर इस परियोजना में अच्छी सूचना यह है कि सरकार ने अगस्त 2026 तक गुजरात में सूरत-बिलिमोरा सेक्शन पर ट्रायल रन आरंभ करने का लक्ष्य रखा है, जिसका उद्देश्य 2027 तक अहमदाबाद और मुंबई के बीच पूरी तरह से परिचालन करना है।
सूत्रों के अनुसार, नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) के साथ परियोजना में सम्मिलित निर्माण कंपनियां परियोजना की समयसीमा को कम करने के लिए काम कर रही हैं।
अधिकारियों के अनुसार, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव इस परियोजना पर कड़ी दृष्टि रख रहे हैं और इसकी प्रगति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। जापानी पक्ष भी नियमित रूप से परियोजना के विकास की जांच कर रहा है।
अब हम आपको इस मुंबई अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना की वर्तमान समय की सबसे महत्वपूर्ण जानकारी देने हेतु बता दें कि मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर पर चार बुलेट ट्रेन स्टेशनों ठाणे, विरार, बोइसर और बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स के प्रस्तावित स्वरूप की तस्वीरें जारी की गई हैं।
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना में बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स भारत का पहला अंडरसी स्टेशन अर्थात समंदर के भीतर होगा और एचएसआर स्टेशन एकमात्र भूमिगत स्टेशन होगा जिस पर बीते दिनों कार्य आरंभ भी किया दिया गया है।
अधिक जानकारी हेतु बता दें कि इस स्टेशन को भू-स्तर से लगभग 24 मीटर की गहराई पर बनाने की योजना है। इसके तीन स्तर होंगे- एक प्लेटफॉर्म दूसरा कॉन्कोर्स और तीसरा सर्विस फ्लोर, जिसपर विक्रोली में निर्माण कार्य चल रहा है।
इसमें दो एंट्री और एग्जिट प्वाइंट होंगे, इनमें प्वाइंट 2बी पर पास के मेट्रो स्टेशन और दूसरा एमटीएनएल भवन की ओर होगा। कॉन्कोर्स और प्लेटफॉर्म स्तरों पर यात्रियों की आवाजाही और सुविधाओं के लिए पर्याप्त स्थान को एडजस्ट करने के लिए स्टेशन का डिजाइन तैयार किया गया है।
अधिक जानकारी हेतु बता दें बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स मे पांच एकड़ भूखंड भी एनएचएसआरसीएल को मिल गया है। नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने इस भूमिगत स्टेशन के निर्माण के लिए मेधा इंजिनियरिंग और एचसीसी को 3,681 करोड़ की निविदा स्वीकृत की है।
अधिकारियों ने कहा कि खंभों और ऊपरी ढांचे से जुड़ा कार्य शीघ्र ही गुजरात की ही प्रकार से महाराष्ट्र में भी दिखाई देगा। गुजरात में आणंद, सूरत, वडोदरा, भरूच, विलिमोरा, वापी और नवसारी जिलों में बुलेट ट्रेन स्टेशन का निर्माण आरंभ हो गया है।
बुलेट ट्रेन के काम में तेजी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 25 हजार कार्यबल दिन-रात काम कर रहे हैं। जिनके सहायता से मार्ग में पड़ने वाली नर्मदा, ताप्ती, माही एवं साबरमती जैसी बड़ी नदियों पर पुल तेजी से बनाए जा रहे हैं। देश में पहली बार फुल स्पैन लांचिंग तकनीक का प्रयोग किया जा रहा। प्रत्येक गर्डर का भार 970 मीट्रिक टन है। इसे बिना किसी जोड़ के एक ही टुकड़े में ढाला जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में शिंदे और फडनवीस सरकार आने के पश्चात बुलेट ट्रेन के मार्ग में आने वाली सभी अवरोधों को क्लियर किया गया है।
मित्रों हम आशा करते हैं कि आपको मुंबई अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना की जानकारी पसंद आई होगी, तो कमेंट बाॅक्स में अपने गांव अथवा जिला का नाम अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।
अधिक जानकारी के लिए वीडियो देखें:-