वाराणसी कोल्कता बुलेट ट्रेन ने पकड़ी नई रफ़्तार

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केंद्र सरकार ने वाराणसी से हावड़ा तक बुलेट ट्रेन चलाने की योजना बनाई है। जिसमें ये प्रस्ताव है कि इसे झारखंड के पथ से भी चलाया जाएगा। इसके लिए राज्य के कई जिलों में सर्वे का काम हो रहा है.

भारत में कुल 8 मार्गों पर बुलेट ट्रेन बनाया जाना है जिनमें की भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को दिल्ली के पश्चात कोलकाता तक बुलेट ट्रेन की सेवा मिलेगी। अर्थात दिल्ली से लेकर कोलकाता तक बुलेट ट्रेन भविष्य में चलेगी तथा पहले चरण में दिल्ली से वाराणसी पर कार्य होना है जिसकी जानकारी हमनें आपको पहले हि प्रदान किए हैं तथा दूसरे चरण में वाराणसी से कोलकाता तक बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर कार्य हो रहे रहा है एवं इसमें वाराणसी के मंडुआडीह की मुख्य भूमिका है जहाँ से कोलकाता के हावड़ा तक बुलेट ट्रेन चलाने के लिए एक अलग हाईस्पीड रेल कारिडोर का निर्माण होगा।
वाराणसी कोलकाता बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की अधिक जानकारी के लिए बता दें की यह हाई-स्पीड रेल काॅरिडोर अर्थात VHHSRC बुलेट ट्रेन परियोजना 787 नहीं अपितु 660 किमी प्रस्तावित लंबाई की हाई स्पीड रेल लाइन है जो वाराणसी, को कोलकाता के हावड़ा से जोडे़गी।
वाराणसी कोलकाता बुलेट ट्रेन की विशेषताओं की अधिक जानकारी दें तो आपको बता दें की इसकी अधिकतम गति: 350 किमी प्रति घंटापरिचालन गति: 320 किमी/घंटाऔसत गति: 250 किमी/घंटे की होगी तथा इसका ट्रैक गेज: Standard गेज – अर्थात 1435 मिमी के चौड़ाई की होगी बुलेट ट्रेन की पटरी तथा ट्रेन क्षमता की बात करें तो वह होगी लगभग 750 यात्री प्रति बुलेट ट्रेन।

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अब यदि इस वाराणसी कोलकाता बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के प्रस्तावित स्टेशनों की जानकारी दें तो आपको बता दें की इसमें वाराणसी के अतिरिक्त बक्सर, आरा, पटना, बोधगया, बरही, धनबाद, आसनसोल, दुर्गापुर, बर्धमान और हावड़ा में होंगे। ध्यान रहे की पहले इस सूची में बिहारशरीफ – नवादा नगर के नाम सम्मिलित थे जिसमें कि अब परिवर्तन करते हुए बोधगया और बरही का नाम जोड़ा गया है। अर्थात यही इस वाराणसी कोलकाता बुलेट ट्रेन के रूट हैं कि जोकी अब प्रस्तावित हैं। यही नहीं वाराणसी-कोलकाता हाई स्पीड रेल कॉरिडोर को प्रमुख एक्सप्रेसवे, नेशनल हाईवे व ग्रीनफील्ड क्षेत्रों से चलाने की योजना है।
अब इस वाराणसी कोलकाता बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की वर्तमान परिस्थिति की अधिक जानकारी दें तो आपको बता दें की नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) को वाराणसी-हावड़ा हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के लिए सर्वेक्षण सहित अंतिम संरेखण तैयार करने के लिए 17 करोड़ 56 लाख रुपए की अनुमानित लागत से टेंडर जारी किया था। जिसके अंतर्गत वर्तमान समय में सर्वे कार्य झारखंड के बगोदर में चल रहा है। केंद्र सरकार की ओर से ग्रोवर इफ्रा प्राइवेट लिमिटेड को सर्वे का दायित्व दिया गया है। निजी एजेंसी ने सर्वे का काम आरंभ कर दिया है। सर्वे रिपोर्ट तैयार होने के पश्चात प्रोजेक्ट पर आगे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
सर्वे की अधिक जानकारी के लिए बता दें की झारखंड के लोगों को भी बुलेट ट्रेन की सौगात मिलने वाली है, जो कि धनबाद से होकर चलेगा। केंद्र सरकार ने वाराणसी से हावड़ा तक बुलेट ट्रेन चलाने की योजना बनाई है। जिसमें ये प्रस्ताव है कि इसे झारखंड के पथ से भी चलाया जाएगा। इसके लिए राज्य के कई जिलों में सर्वे का काम हो रहा है. गिरिडीह के बगोदर क्षेत्र में ये काम पूरा हो गया है। अभी केंद्र के निर्देश पर धनबाद में सर्वे का काम बाकी है जो की किया जा रहा है, इससे लोगों में उत्साह का महौल है. प्राप्त जानकारी के अनुसार सर्वे होने के पश्चात इस रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौपा जाएगा तथा केंद्र सरकार ही इस पर अंतिम निर्णय लेगी।
महत्वपूर्ण है की झारखंड के पारसनाथ में विश्व प्रसिद्ध जैन तीर्थस्थल है। यहाँ देश-विदेश से जैन धर्म के लोग आते हैं। नई बुलेट ट्रेन रूट के लिए पटरी पारसनाथ के आसपास से गुजरेगी। इसे ध्यान में रखकर भी सर्वे किया जा रहा है। पारसनाथ से बुलेट ट्रेन रूट को कनेक्ट करने पर रेलवे को विशेष यात्री मिल सकते हैं।
ऐसे कहें तो इंडियन रेलवे वाराणसी से हावड़ा के बीच बुलेट ट्रेन चलाने की तैयारी में है जो की झारखंड से होकर गुजरेगी। गिरिडीह जिला का बगोदर प्रखंड भी इसके अंतर्गत आता है. इसके लिए नई रेल लाइन बिछाने को लेकर सर्वेक्षण काम जोरों पर है. भूखंड के साथ ही प्रभावित होने वाले गांवों को भी चिह्नित किया जा रहा है. सर्वे के लिए कंपनी के प्रतिनिधियों ने बगोदर में नई रेल लाइन बिछाने के लिए इसकी लोकेशन, भूखंड की उपलब्धता, प्रभावित होने वाले गांव और लाभान्वित होने वाले गांवों को चिन्हित किया जा रहा है। तथा गिरिडीह के बाद अब नई रेलवे लाइन के लिए सर्वे धनबाद में सर्वे किया जा रहा है।

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यह भी बता दें की इस रूट के लिए सर्वे का काम केवल एक एजेंसी को नहीं दिया गया है। ग्रोवर इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड, एल एन मालवीय इंफ्रा प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के कंसोर्टियम को इसका काम मिला है। तथा यह संपूर्ण कार्य 150 दिनों के भीतर पूरा कर लिया जाना है। यह भी महत्वपूर्ण है कि हावड़ा से वाराणसी तक वाया पटना होकर चलने वाली यह बुलेट ट्रेन धनबाद होकर चलेगी। इससे न केवल हावड़ा से वाराणसी की दूरी कम होगी अपितु हावड़ा-नई दिल्ली के बीच के ग्रैंड कार्ड लाइन और हावड़ा से जसडीह-पटना होकर गुजरी मेन लाइन का नया विकल्प भी तैयार हो जाएगा।
बता दें की वाराणसी से हावड़ा तक प्रस्तावित हाई स्पीड कारीडोर हाईवे के समानांतर होगा। कोलकाता से धनबाद होकर राष्ट्रीय उच्चपथ के समानांतर कारीडोर बिछाने की योजना है जो बरही तक हाईवे के समानांतर होने के पश्चात आगे पटना और बक्सर होकर वाराणसी तक जाएगा। अर्थात वाराणसी से बक्सर, पटना, बोधगया, बरही, धनबाद, आसनसोल, दुर्गापुर, ब‌र्द्धमान और हावड़ा तक हाई स्पीड कारीडोर बनकर तैयार होगा। तथा इन नगरों को होगा विशेष लाभ।
यही नहीं हावड़ा से पटना होकर वाराणसी की दूरी हावड़ा से पटना होकर वाराणसी जाने के लिए अभी आसनसोल से जसडीह व झाझा होकर ट्रेनें चलती हैं। इनमें मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों के साथ राजधानी और दुरंतो जैसी ट्रेनें भी सम्मिलित हैं। इस रूट से हावड़ा से वाराणसी तक की दूरी लगभग 762 किमी है। परंतु नवीन हाई स्पीड कारीडोर के निर्माण से यह दूरी 100 किमी घटकर मात्र 660 किमी की ही रह जाएगी। वर्तमान मेन लाइन के रूट में धनबाद सम्मिलित नहीं है। परंतु बुलेट ट्रेन के रूट में धनबाद भी सम्मिलित होगा। तथा गिरिडीह होकर गुजरने वाली हाई स्पीड कारीडोर का लाभ विश्व प्रसिद्ध पारसनाथ को भी मिल जाएगा। हावड़ा से धनबाद और बोधगया होकर प्रस्तावित कारीडोर पारसनाथ होकर गुजरेगा। इससे भविष्य में पारसनाथ आने वाले यात्रियों को भी बुलेट ट्रेन का विकल्प मिल जाएगा।
जानकारी के लिए बता दें की हावड़ा से नई दिल्ली के बीच वर्तमान समय में सेमी हाई स्पीड ट्रेन चलाने की योजना पर तेजी से काम हो रहा है। रेलवे अधिकतम 130 की गति से चलने वाली ट्रेनों को 160 की गति से चलाने के लिए प्रयासरत्न है। सबकुछ योजना के अनुसार  हुआ तो 2024 तक इस मार्ग पर सेमी हाई स्पीड ट्रेन चलेंगी जिससे 12 घंटे में हावड़ा से नई दिल्ली पहुंच सकेंगे, परंतु जब हावड़ा से नई दिल्ली के बीच बुलेट ट्रेन चलेगी तो साढ़े पांच घंटे में ही यह दूरी तय होगी। जिसे कि अभी इस दूरी को तय करने में लगभग 17 घंटे लगते हैं।
बता दें की अब तक बुलेट ट्रेन के कई स्टेशनों का स्थिति स्पष्ट नहीं है। तथा कारिडोर के संभावित रूट प्लान का अध्ययन कर इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।
वाराणसी-हावड़ा (कोलकाता) हाई स्पीड रेल परियोजना पूर्ण होने की संभावना 2030 से पहले नहीं है।

अधिक जानकारी के लिए विडियो देखें:

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