अयोध्या को श्री राम मंदिर के अतिरिक्त अति शीघ्र मिलने वाली है एक और नई पहचान
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भगवान श्री राम की नगरी अयोध्या को ऐसे तो किसी नाम व परिचय की आवश्यकता नहीं है। परंतु अति शीघ्र इस पवित्र पावन नगर की धरा को मिलने वाली है सुर सम्राज्ञी स्वर्गीय लता मंगेशकर जी (Lata Mangeshkar Chowk Ayodhya) की आवाज ही नहीं अपितु उनका नाम भी।
प्रभु श्री राम की नगरी अयोध्या में श्री राम मंदिर का निर्माण (Ram Mandir Nirman) कार्य तो तीव्र गति से संचालित है ही एवं वर्तमान समय में मंदिर निर्माण कार्य 40% से अधिक पूर्ण हो चुका है।
परंतु राम मंदिर के अतिरिक्त अन्य कई सारे कार्य अयोध्या में हो रहे हैं जो अयोध्या का कायाकल्प करने को प्रोत्साहित है इसी में से एक है अयोध्या में बन रहा स्वर्गीय लता मंगेशकर जी के नाम का स्मृति चौराहा।
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सबसे पहले हम आपको इस परियोजना की स्थान विशेष अर्थात लोकेशन की जानकारी देने हेतु बता दें कि लता मंगेशकर चौक का निर्माण अयोध्या के नया घाट चौराहे पर किया जाएगा। चौराहे पर लता मंगेशकर के जीवन चरित्र और उनके भजनों को प्रदर्शित किया जाएगा। 92 वर्षों के जीवन में उन्होंने जिस प्रकार से मां सरस्वती की सेवा की उसका रिप्रेजेंटेशन होगा उस पूरे चौराहे को पवित्र रूप से प्रस्तुत किया जाएगा।
अधिक जानकारी हेतु बता दें कि सरयू घाट से मात्र 200 मीटर दूरी पर स्थित नया घाट चौराहा जहां मुख्यमंत्री के निर्देश पर लता मंगेशकर जी के नाम से चौराहा बनाया जाएगा।
बता दें कि चौराहे के लिए उच्चकोटि का प्रारूप प्राप्त करने के लिए विकास प्राधिकरण की ओर से गत चार जून से 20 जून तक ग्लोबल प्रतियोगिता कराई गई थी जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से 56 आर्किटेक्ट एवं कलाकारों ने आनलाइन प्रारूप प्रस्तुत किए गए थे।
प्राप्त रचनाओं का चयन कमेटी के विशेषज्ञ ने मूल्यांकन किया। इसमें से टाप फाइव रचनाएं चयनित करके सीएम के समक्ष प्रस्तुत किया गया तत्पश्चात् मुख्यमंत्री की कसौटी पर जो डिजाइन खरी उतरी है अंतिम स्वरूप दिया जा रहा है।
परियोजना की अधिक जानकारी हेतु बता दें कि गत छह फरवरी को भारत रत्न लता मंगेशकर के निधन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए रामनगरी में उनके नाम पर एक चौराहा विकसित करने की घोषणा की थी। नगर निगम अयोध्या ने मुख्यमंत्री की इस मंशा को मूर्त रूप प्रदान करने के लिए इस चौराहे का चयन किया है। विकास प्राधिकरण इस चौराहे को विकसित में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
परियोजना की डिजाइन इत्यादि की अधिक जानकारी हेतु बता दें कि विश्व प्रसिद्ध मूर्तिकार राम सुतार नोएडा और अयोध्या को लता मंगेशकर से जोड़ेंगे। वह अयोध्या के लता मंगेशकर स्मृति चौक पर लगाई जाने वाली वीणा का निर्माण कर रहे हैं। यह वीणा 40 फीट की होगी। इसका अनावरण 28 सितंबर को किया जा सकता है। नोएडा के सेक्टर-63 में स्थित राम सुतार के स्टूडियो में निर्माण किया जा रहा है।
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आपको जानकरी हेतु बता दें कि राम सुतार विश्व प्रसिद्ध कई मूर्तियां बना चुके हैं। अब वह अयोध्या के नया घाट बंधा तिराहे पर लता मंगेशकर चौक के लिए एक वीणा का निर्माण कर रहे हैं। जिसका निर्माण कार्य आरंभ हो गया है। एवं हम आपको उसकी एक्सक्लूसिव अवलोकन करवा रहे हैं।
परियोजना की लागत की जानकारी देने हेतु बता दें कि लगभग पांच करोड़ रुपये की लागत से इस चौक का निर्माण होगा। वहीं, वीणा बनाने का कार्य 15 सितंबर तक पूरा हो जाएगा। इसके पश्चात इसे नोएडा से अयोध्या पहुंचाया जाएगा। स्वर कोकिला लता मंगेशकर के जन्मदिन पर इसका अनावरण किया जा सकता है।
वीणा की अधिक जानकारी हेतु बता दें कि वीणा कांस्य धातु की बनाई जा रही है। इस वीणा की लंबाई 40 फुट और चौड़ाई 10 फुट है। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए इसमें आकर्षक लाइट का साउंड सिस्टम भी लगाया जाएगा।
सबसे महत्वपूर्ण की इस वीणा पर लता मंगेशकर की जीवनी और उनकी कई गीतों के वाक्य लिखे जा रहे हैं। वीणा को 45 डिग्री पर झुकाकर स्थापित किया जाएगा। यह वही स्थिति में है जिस प्रकार से इसे पकड़कर बजाया जाता है।
आपको हम बता दें कि राम सुतार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मूर्ति बनाने के लिए प्रसिद्ध हैं। उनके द्वारा बनाई गई मूर्तियां 50 से अधिक देशों में स्थापित हैं। संसद भवन में स्थापित राष्ट्रपिता की मूर्ति भी उन्होंने ही बनाई है। 97 वर्षीय राम सुतार महात्मा गांधी की 1000 से अधिक मूर्ति बना चुके हैं। इस उम्र में भी वह स्वयं मूर्तियों को बनाते हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने सरदार बल्लभ भाई पटेल, जवाहर लाल नेहरू, गोविंद बल्लभ पंत, सहित कई विभूतियों की मूर्तियां बनाई हैं।
यही नहीं विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल की मूर्ति स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को राम सुतार ने ही डिजाइन किया था।
आपको हम अयोध्या के नवीन परियोजना की अधिक जानकारी हेतु बता दें कि अब राम नगरी में प्रवेश करते ही लता मंगेशकर के भक्ति संगीत की स्वर लहरियां श्रद्धालुओं को सुनाई देगी। लता जी ने राम भक्त के रूप में बहुत सारे भजन गाए है। उनकी पूरी यात्रा एक भक्त की प्रकार से रही। उन्होंने 92 वर्ष के जीवन काल मे जिस प्रकार मां सरस्वती की सेवा की इसका रिप्रजेंटेशन होगा। एवं नवनिर्मित चौराहे पर लता जी के भजन 24 घंटे गुंजायमान होंगे।
परंतु इसमें एक विवाद भी है और वो यह है किअयोध्या का हृदय स्थली माने जाने वाले चौराहे को लता मंगेशकर चौराहा बनाए जाने पर संतो -महंतों और विश्व हिंदू परिषद( विहिप) ने कड़ी आपत्ति जताई है। लोगों का मानना है कि लता मंगेशकर के नाम चौराहा बनाने पर उन्हें आपत्ति नहीं है, परंतु स्थान का चयन ठीक नहीं किया गया है।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने इस निर्माण को शीघ्र रुकवाने की बात कही है। उन्होंने कहा अयोध्या वैष्णव संप्रदाय के संतों की नगरी है। यह रामानंद संप्रदाय का गढ़ है। इसलिए उस स्थान पर जगद्गुरु रामानंदाचार्य या तुलसीदास जी के नाम से चौराहे का निर्माण होना चाहिए था क्योकि वह अयोध्या का प्रमुख चौराहा है।
परियोजना की समय सीमा की अधिक जानकारी हेतु बता दें कि सरयू तट के निकट अयोध्या के मुख्य प्रवेश के चौराहे को लता स्मृति उपवन के लिए चयनित कर निर्माण आरंभ करा दिया गया है। कार्यदायी संस्था को निर्माण पूरा करने के लिए 15 सितम्बर की डेडलाइन भी निर्धारित की गयी है।यह वीणा कांस्य अर्थात तांबे और स्टील के मिश्रण से निर्मित की जा रही है। जिसकी लंबाई 40 फिट व चौड़ाई लगभग 10 फिट होगी। इसका वजन लगभग साढ़े पांच टन होगा। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए लाइटिंग और साउंड सिस्टम भी होगा।
आपको हम बता दें कि पहले नगर निगम बोर्ड ने लता स्मृति चौक के लिए उदया चौराहा का प्रस्ताव किया था परंतु यहां फुट ओवरब्रिज का निर्माण प्रस्तावित होने के कारण स्थान परिवर्तित कर नयाघाट बंधा तिराहा कर दिया गया जिससे विवाद भी खड़ा हो गया है। तथा अयोध्या का ह्रदय स्थल कहा जाने वाला नया घाट अब आगामी दिनों में लता मंगेशकर चौराहे के नाम से प्रसिद्ध होगा।
मित्रों यदि उपरोक्त दी हुई अयोध्या स्मृति चौराहा निर्माण जानकारी आपको पसंद आई हो तो कमेंट बाॅक्स में जय श्री राम अवश्य लिखें।
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