दुनिया का सबसे ऊँचा 70 मंजिला मंदिर का इतना हुआ अबतक निर्माण
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सनातन धर्म के स्वर्णिम युग का सूर्योदय संभवतः हो रहा है, क्योंकि 500 वर्षों से प्रतिक्षित श्री राम मंदिर के निर्माण के साथ ही साथ अब भारत को विश्व के सबसे ऊंचा व भव्य मंदिर (Chandrodaya Mandir) की सौगात शीघ्र ही मिलने वाली है।
Vrindavan : जैसा कि हम सभी जानते हैं कि देश के सबसे महत्वपूर्ण हिंदू मंदिर का निर्माण अयोध्या में हो रहा है। जो भारत व हिंदुत्व के मान व सम्मान से भी जुड़ा है। परंतु विश्व के सबसे ऊंचे व भव्य मंदिर का निर्माण कार्य भी संचालित है जिसकी जानकारी कम ही लोगों को है।
जी हां हम बात कर रहे हैं वृंदावन स्थित चन्द्रोदय मंदिर की जो केवल विश्व का सबसे ऊंचा मंदिर ही नहीं है अपितु यह विश्व के सबसे ऊंची इमारतों में से एक भी होगा। आईए हम आपको इससे जुड़ी सभी जानकारी विस्तार से देते हैं तो कृपया करके वीडियो को लाईक कर चैनल को सब्सक्राइब अवश्य करें क्योंकि हम ऐसी जानकारी आप तक लाते रहते हैं।
वृंदावन चंद्रोदय मंदिर विश्व का सबसे ऊंचा मंदिर है, जो अभी मथुरा के वृंदावन में निर्माणाधीन है। यह मंदिर 5 एकड़ में फैला हुआ हैं, और इसकी ऊंचाई 700 फीट की है।
सबसे पहले हम आपको इस मंदिर के कालचक्र की जानकारी देते हैं। बता दें कि इस मंदिर आधारशिला 16 नवंबर 2014 को भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने रखी थी। मंदिर के भूमि पूजन में मथुरा की सांसद और अभिनेत्री हेमा मालिनी भी उपस्थित थीं। परन्तु कहते हैं ना कि प्रत्येक शुभ और बड़े कार्य को करने में विघ्न बाधा अवश्य आती है तो इस मंदिर के निर्माण में भी कुछ ऐसा ही हुआ।
इस चंद्रोदय मंदिर के निर्माण को रोकने के लिए भी प्रयास हुआ तथा नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में पर्यावरण को हानि होने का दावा करते हुए याचिका दाखिल किया गया, जिसके कारण से निर्माण में विलंब हुआ। और मूल वास्तुशिल्प डिजाइन को दो बार (2019 और 2022 ) परिवर्तित गया है।
परंतु होईहे सोई जो राम रची राखा। और आज तीव्र गति से होता हुआ विश्व के सबसे ऊंचे मंदिर का निर्माण अपने सभी अवरोधों को ध्वस्त कर अपने पूर्णता की ओर अग्रसर है।
आइए अब हम आपको इस चंद्रोदय मंदिर की विशेषताओं की जानकारी देते हैं। बता दें कि वृंदावन का यह चंद्रोदय मंदिर 70 तलीय होगा और विश्व का सबसे चंद्रोदय मंदिर 210 मीटर ऊंचा होगा।चंद्रोदय मंदिर के नींव की गहराई 55 है जो बुर्ज खलीफा से भी 5 मीटर अधिक है। ताकि इसकी ऊंचाई अधिक हो सके।8 रिक्टर स्केल से अधिक तीव्रता का भूकंप भी इसे हानि नहीं पहुंचा सकेगा170 किलोमीटर की तीव्रता के तूफान को भी झेलने में सक्षम होगा यह चंद्रोदय मंदिरइसका आकार कुछ पिरामिड के आकार में बनाया जा रहा है।
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इस फाउंडेशन में लगभग 511 कॉलम हैं।यह मंदिर वृंदावन में 700 करोड़ की लागत से तैयार हो रहा है।यह दिल्ली स्थित कुतुब मीनार से लगभग 3 गुना ऊंचा होगा।यह इस्कोन बैंगलोर द्वारा बनाया जा रहा अब तक का सबसे महंगा मंदिर है।इस मंदिर को चारों ओर विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों और पौधों से सजाया जाएगा।यह मंदिर 26 एकड़ भूमि में वनस्पतियों के साथ फैला हुआ रहेगा।
इसमें कुल 12 वन भी होंगे, जिनका आध्यात्मिक महत्व होगा। जिसमें विभिन्न प्रकार की वनस्पतियाँ, हरी चराई, विभिन्न दुर्लभ फलों और फूलों के पेड़ पौधे उपस्थित होंगे।
इसके अतिरिक्त साफ़ पानी का झील, झरना आदि जिनका वर्णन श्रीमद्भागवत श्री कृष्ण के अनमोल वचन में किया गया है, वे सब इस मंदिर में उपलब्ध होगा। ताकि यहाँ पर आने वाले श्रद्धालुओं को भगवान श्री कृष्ण के समय के वृन्दावन का आभास हो पाए। इस मंदिर में विभिन्न प्रकार के लाइट शो, व्रजमंडल परिक्रमा आदि विशेष आकर्षण के रूप में होंगे।
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आइए अब हम आपको इस मंदिर के निर्माण से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी देते हैं। बता दें कि इसका निर्माण बेंगलुरु स्थित इस्कॉन टेंपल करवा रही है और इस मंदिर की संरचना में आईआईटी दिल्ली के सिविल इंजीनियर डिपार्टमेंट के इंजिनियर लगे हुए हैं, जिनके स्ट्रक्चरल कंसलटेंट संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के थोर्नटन टॉमसटी हैं। इस मंदिर के निर्माण के लिए मुख्य आर्केटेक्ट के रूप में गुडगाँव का इंजीनियस स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड और नॉएडा स्थित क्विंटेस्सेंस डिजाईन स्टूडियो है। ये दोनों कम्पनियां इस मंदिर के लैंडस्केपिंग के सारे काम कर रही हैं।
इसके पश्चात एचवीएसी अर्थात हीटिंग, वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग का काम गुप्ता कंसलटेंट & एसोसिएट्स द्वारा और सभी प्रकार के अन्य इलेक्ट्रिकल फिटिंग और वायरिंग के लिए डब्ल्यूबीजी कंसलटेंट को चुना गया है। इसके अतिरिक्त लाइट डिजाईन के लिए ऑस्ट्रेलिया की कंपनी काम कर रही है। जिस प्रकार से इस मंदिर के निर्माण में कई बड़ी बड़ी कम्पनियां एक साथ काम कर रही हैं। इससे ये अनुमान लगाया जाता है, कि यह मंदिर कितना भव्य होने वाला है।
बता दें कि यहां 12 एकड़ भूमि पर गाड़ियों की पार्किंग व हेलिपैड की व्यवस्था होगी। खाने और पीने के लिए कैंटीन। इंडोर राधा कृष्णा रिक्रिएशन पार्क। कृष्णा हेरिटेज म्यूजियम भी होगा। यही नहीं यहाँ पर एक ऐसे स्थान का निर्माण किया जा रहा है, जहाँ पर टेलिस्कोप लगा हुआ रहेगा। इस टेलिस्कोप से श्रद्धालू पूरा वृन्दावन देख पायेगा। इसके साथ ही प्रांगण में विद्यामंदिर चंद्रोदय थीम पार्क भी होगा। मंदिर के अन्दर एक कैप्सूल एलीवेटर लगा होगा।
यह भी बता दें कि ब्रज के ग़रीब बच्चो के लिए यहां पर अक्षय पात्र मीड डे मील की व्यवस्था भी है। इसके अतिरिक्त वृन्दावन की विध्व्वाओं के लिए विभिन कल्याणकारी कार्य। यमुना नदी को उसके पुराने सौंदर्य में वापस लाना। तथा गौ सेवा के लिए गौशाला का निर्माण भी।
बता दें कि यह मिश्र के पिरामिड और वेटिकन स्थित सेंट पीटर्स बैसोलिका से भी ऊंचा होगा। साथ ही विश्व की सबसे ऊंची इमारतों में 12वें नंबर पर इसकी गिनती होगी। यह मंदिर एक प्रकार से से बहुत बड़ा महत्व रखने वाला मंदिर है। इस मंदिर के निर्माण से यह स्थान एक टूरिस्ट प्लेस के रूप में भी विकसित होगा और राज्य सरकार को भी इसका अच्छा लाभ प्राप्त होगा।
इस मंदिर में हिन्दू संस्कृति में आने वाले विभिन्न प्रकार के श्री कृष्ण सम्बंधित पर्व त्योहारों को मनाया जाएगा। यहाँ के मुख्य त्योहारों में रथयात्रा, पालकी उत्सव, झुलानोत्सव आदि बड़े धूम धाम से मनाया जाएगा। साथ ही सबसे अधिक धूमधाम से मनाया जाने वाला त्यौहार श्री कृष्ण जन्माष्टमी है जिसे यहाँ बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
महत्वपूर्ण है कि उत्तर प्रदेश के पास न केवल हिंदू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण काशी अयोध्या व मथुरा के होने का गौरव है अपितु काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के पश्चात श्री राम मंदिर अयोध्या का निर्माण भी तीव्र गति से संचालित है जिसकी जानकारी हम आपको निरंतर देते आ रहे हैं तथा अब यूपी को विश्व के सबसे ऊंचे मंदिर के होने का सुअवसर भी प्राप्त होने वाला है।
यह भी महत्वपूर्ण है कि वर्ष 2024 में अयोध्या का राम मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा। तथा संभावित है कि लगभग 700 करोड़ रुपए से निर्माणाधीन वृंदावन का चंद्रोदय मंदिर भी वर्ष 2024 तक बनकर भक्तों के लिए खोला जा सकता है। इस मंदिर के सफ़ल निर्माण के पश्चात वृन्दावन विश्व के मानचित्र पर एक नए सितारे की तरह चमक उठेगा। इसे बनाने की इच्छा इस्कोन के संस्थापक श्रीला प्रभुपाद की थी, जो अब पूरी होने की राह पर है।
मित्रों यदि उपरोक्त दी हुई चंद्रोदय मंदिर निर्माण की जानकारी आपको पसंद आई हो तो कमेंट बाॅक्स में जय श्री कृष्ण अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।
अधिक जानकारी के लिए वीडियो देखें:-