भारत का कारनामा, हीरे का बनाया Surat Bullet Train Station
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Surat Bullet Train Station : आज हम आपको भारत के सबसे बड़े और महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट्स में से एक के बारे में बताने वाले हैं, जो न केवल हमारे देश की विकास की दिशा बदल देगा अपितु आने वाले समय में एक नया इतिहास भी लिखेगा। जी हाँ, हम बात कर रहे हैं ‘सूरत बुलेट ट्रेन स्टेशन परियोजना’ की। इस प्रोजेक्ट से क्या-क्या परिवर्तन आने वाले हैं, और कैसे ये देश की प्रगति का प्रतीक बनेगा। क्या है इस परियोजना की वर्तमान परिस्थिति। सब कुछ, चलिए जानते हैं विस्तार से।
किसी भी देश को विकसित होने के लिए वहां की आधारभूत संरचनाओं का सुदृढ़ होना अत्यंत आवश्यक है। और इसकी महत्ता को समझते हुए देश की वर्तमान सरकार भारत के विभिन्न आधारभूत संरचना का अभूतपूर्व विकास कर रही है। इस समय संपूर्ण भारत में हर ओर कोई ना कोई विकास कार्य संचालित है जिसका अनुभव आप स्वयं भी अपने क्षेत्र में रहकर कर रहे होंगे। इसी क्रम में आज हम आपको भारत के एक और ऐतिहासिक नगर, सूरत, के बुलेट ट्रेन स्टेशन निर्माण परियोजना के बारे में बताने जा रहे हैं।
सबसे पहले, जानते हैं इस पूरे परियोजना के बारे में। बता दें कि सूरत बुलेट ट्रेन स्टेशन, अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन कॉरिडोर का भाग है, जो लगभग 508 किलोमीटर लंबा है। बता दें कि अहमदाबाद और मुंबई के मध्य 12 बुलेट ट्रेन स्टेशन बनाए जाने हैं। इनमें गुजरात के वापी, बेलीमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आनंद, अहमदाबाद और साबरमती में स्टेशन बनाए जाएंगे। जबकि मुंबई, ठाणे, विरार में स्टेशन बनाए जाएंगे। सभी स्टेशन स्थानीय थीम पर आधारित है। सभी स्टेशनों को दिसंबर 2025 तक बनकर तैयार हो जाना है।
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अब बात करते हैं सूरत स्टेशन के डिज़ाइन और निर्माण प्रगति की। सूरत बुलेट ट्रेन स्टेशन का डिज़ाइन एक अत्याधुनिक और पर्यावरण-अनुकूल स्टेशन के रूप में तैयार किया जा रहा है। स्टेशन की विशेषता यह है कि इसे ‘ग्रीन बिल्डिंग’ की प्रकार से डिज़ाइन किया गया है, जहां ऊर्जा की खपत को कम करने पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसमें आधुनिक यात्री सुविधाएं, जैसे कि स्मार्ट वेटिंग लाउंज, हाई-स्पीड इंटरनेट, रिटेल स्पेस और फूड कोर्ट जैसी सुविधाएं होंगी।
अब जानते हैं इस प्रोजेक्ट से होने वाले लाभों के बारे में। सबसे बड़ा लाभ यह है कि मुंबई और अहमदाबाद के मध्य यात्रा का समय घटकर केवल 2 से 3 घंटे तक रह जाएगा। इससे समय की बचत तो होगी ही, साथ ही यात्रा को भी सुविधायुक्त और सुरक्षित बनाया जा सकेगा। इसके साथ ही, सूरत जैसे नगरों में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। ये प्रोजेक्ट सीधे और अप्रत्यक्ष रूप से हज़ारों नौकरियों का सृजन करेगा। साथ ही, स्टेशन के आस-पास के क्षेत्र का भी विकास होगा, जिससे आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी।”
यह भारत के गुजरात में सूरत और कडोदरा के पास एंट्रोली में स्थित है। यह बिलिमोरा स्टेशन के बाद और भरूच स्टेशन से पहले मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर का सातवाँ स्टेशन है। इसे दिसंबर 2024 तक पूरा करने की योजना है, और हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर के गुजरात सेक्शन के खुलने के साथ ही 2026 तक चालू हो जाने की आशा है। स्टेशन के पास हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर का तीसरा डिपो होगा, जो नियोल रेलवे स्टेशन के पास इसके ठीक दक्षिण में होगा।
डीपो की अधिक जानकारी हेतु बता दें कि सूरत डिपो, वापी , ठाणे और साबरमती डिपो के पश्चात मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर के चार नियोजित डिपो में से एक है , जिसमें से नियोल रेलवे स्टेशन के ठीक उत्तर की ओर बन रहा है। इसमें सभी आधुनिक और उन्नत तकनीकें होंगी , जैसे ट्रेन सेटों का रखरखाव और सफाई, निरीक्षण बे, वाशिंग प्लांट, स्टेबलिंग लाइनें आदि।
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कमाल है बुलेट ट्रेन का यह निर्माण – Ahmedabad Bullet Train Station
सूरत बुलेट ट्रेन स्टेशन निर्माण की ड्रोन व्यू दर्शाते हुए अधिक जानकारी हेतु बता दें कि नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने सितंबर 2020 में मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर (एमएएचएसआर) के पैकेज “सी4” के लिए लगभग 4 वर्ष की समय सीमा के साथ निविदाएं आमंत्रित की थीं। अक्टूबर 2020 में, लार्सन एंड टुब्रो ने टेंडर जीता। 2021 के मध्य में , लार्सन एंड टुब्रो ने एंट्रोली के पास 12.1 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण करने के पश्चात स्टेशन पर निर्माण आरंभ किया। स्टेशन के अगस्त 2026 तक पूरा करने की आशा है।
स्टेशन पर नियमित सेवाओं के लिए दो प्लेटफ़ॉर्म और दो ट्रैक होंगे। इसमें तीन स्तर होंगे- प्लेटफ़ॉर्म, कॉनकोर्स और प्रवेश स्तर के रूप में सर्विस फ़्लोर होगा। स्टेशन भवन का डिज़ाइन हीरे से प्रेरित होगा क्योंकि सूरत का उपनाम ‘भारत का हीरा नगर’ है, जहाँ विश्व के लगभग 90% हीरे की कटाई और पॉलिश की जाती है। स्टेशन क्षेत्र में 16 कोच वाली E5 सीरीज शिंकानसेन ट्रेनों के लिए 425 मीटर (1,394 फीट) लंबाई के 2 प्लेटफ़ॉर्म होंगे।
स्टेशन पर ग्राहकों और यात्रियों के लिए सभी आधुनिक और उन्नत सुविधाएँ होंगी, जो भारतीय रेलवे स्टेशनों से अलग और हवाई अड्डों के समान होंगी । इसका डिज़ाइन यात्रियों की यातायात और कॉनकोर्स और प्लेटफ़ॉर्म क्षेत्रों में सुविधाओं के लिए पर्याप्त स्थान को समायोजित करने के लिए बनाया गया है। टिकटिंग और प्रतीक्षा क्षेत्र, एक बिजनेस क्लास लाउंज, एक नर्सरी, टॉयलेट, धूम्रपान कक्ष, सूचना बूथ, खुदरा केंद्र और एक सार्वजनिक सूचना और घोषणा प्रणाली होगी।
इसके अतिरिक्त, प्राकृतिक रोशनी और कम ऊर्जा उपयोग के लिए छत और बाहरी ओर रोशनदान के प्रावधान उपलब्ध होंगे। स्टेशन से बेहतर, तेज़ और परेशानी मुक्त कनेक्टिविटी के लिए परिवहन के सभी आधारभूत साधनों, जैसे ऑटो , बस और टैक्सियों के साथ एकीकरण के माध्यम से स्टेशन को एक परिवहन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।
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चूंकि मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (एमएएचएसआर) या बुलेट ट्रेन परियोजना 2026 की आरंभ में उद्घाटन के लिए तैयार हो रही है, इसलिए अब 12 स्टेशनों के विकास और उनके आसपास 2 किमी के नगरी विकास की योजना पर बहुत अधिक ध्यान दिया जा रहा है।
एचएसआर के उद्घाटन से पहले स्टेशन के चारों ओर 500 मीटर तक की भूमि का अधिग्रहण और विकास किया जाएगा, जापानी विशेषज्ञ महाराष्ट्र में ठाणे और बोइसर तथा गुजरात में साबरमती और सूरत को विकसित करने के लिए भारतीय नगरी योजनाकारों का मार्गदर्शन कर रहे हैं।
अधिक जानकारी हेतु बता दें कि मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के 12 में से 4 स्टेशनों का विकास SMART प्लान के अंतर्गत किया जाएगा। मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के 4 स्टेशन महाराष्ट्र में विरार और ठाणे व गुजरात में सूरत और साबरमती का Station Area Development प्लान के अंतर्गत विकास किया जाएगा। जहां यात्रियों को अत्याधुनिक सुविधाएं समेत आसपास के क्षेत्रों में यातायात के लिए बेहतर संपर्क साधन उपलब्ध हो सकें, इसे सुनिश्चित किया जाएगा।
इसके अंतर्गत इन सभी नगरों में बुलेट ट्रेन स्टेशनों तक मेट्रो, बस और टैक्सी सेवाओं को बेहतर बनाया जाएगा ताकि यात्रियों को स्टेशन तक आने और यहां से अपने-अपने गंतव्यों तक जाने में कोई कठिनाई न हो। इस कारण से अधिक से अधिक यात्रियों को बुलेट ट्रेन का प्रयोग करने के लिए प्रेरित व उत्साहित किया जा सकेगा जिससे निश्चित रूप से देश की अर्थव्यवस्था को भी विकसित किया जा सकेगा।
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मिली जानकारी के अनुसार इस पहल के अंतर्गत आरंभिक तौर पर स्टेशनों की भवनों की संरचनाओं को आधुनिक और यात्रियों की सभी आवश्यकताओं को पूरा करने वाला बनाया जाएगा। इसमें पिकअप और ड्रॉप ऑफ प्वाएंट्स बनाना, पार्किंग सुविधाएं देना और पैसेंजर प्लाजा बनाना भी सम्मिलित होगा।
इसके अगले चरण में सभी स्टेशनों के 500 मीटर के सीमा को विकसित किया जाएगा, जिसमें सड़कों को चौड़ा बनाने के बारे में भी स्थानीय अधिकारियों से बात की जाएगी। तीसरे चरण में सभी स्टेशनों का 800 मीटर के दायरे में विकास किया जाएगा।
तो मित्रो, सूरत बुलेट ट्रेन स्टेशन केवल एक ट्रेन स्टेशन ही नहीं है, अपितु हमारे देश की प्रगति की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम भी है। ये प्रोजेक्ट न केवल हाई-स्पीड ट्रांसपोर्टेशन को बढ़ावा देगा, अपितु नई संभावनाओं के द्वार खोलेगा। जैसा कि कहा जाता है, ‘जहाँ चाह वहां राह’, ये परियोजना हमें न केवल तकनीकी रूप से उन्नत बनाएगी, अपितु हमारे नगरों और अर्थव्यवस्था के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी।”
मित्रों हम आशा करते हैं कि आपको सूरत बुलेट ट्रेन स्टेशन निर्माण परियोजना की विशेष जानकारी पसंद आई होगी, तो कमेंट बाॅक्स में अपने गांव अथवा जिला का नाम अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।
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