फिर बदलेगा काशी का भूगोल – Dalmandi Road Widening Varanasi
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Dalmandi Road Widening Varanasi : मित्रों जैसा की आप जानते हैं कि श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में पिछले कुछ वर्षों में वाराणसी का कायाकल्प हुआ है जो नग्न आंखों से देखा जा सकता है। तथा वाराणसी के विकास में महत्वपूर्ण सभी परियोजनाओं की जानकारी हम आपतक अपने वीडियो के माध्यम से पहुँचाते रहते हैं।

इसी क्रम में आपको बता दें कि वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन के पश्चात श्रद्धालुओं की संख्या में अप्रत्याशित्र वृद्धि हुई है जिसके कारण से कई सारी असुविधाओं तथा अव्यवस्थाओं का भी सामना करना पड़ता है। क्योंकि विश्वनाथ मंदिर तक जाने वाले मार्ग अपर्याप्त सिद्ध होते हैं इस कारण से नो व्हीकल जोन करने के पश्चात भी दर्शनार्थियों व श्रद्धालुओं की अपार संख्या के कारण लंबी कतारें लगती हैं और क्षेत्रीय जनता को भी असुविधा का सामना करना पड़ता है। इन्हीं समस्याओं का समाधान हेतु काशी में विश्वनाथ मंदिर के दर्शन को जाने के लिए एक नए मार्ग के निर्माण की प्रक्रिया अब तीव्र गति से आगे बढ़ चुकी है जो है वाराणसी ज्ञानवापी के अत्यंत निकट दालमंडी मार्ग।
बता दें कि वर्तमान में वाराणसी के हृदयस्थ गोदौलिया के निकट में स्थित एक और मार्ग है दालमंडी। ये सड़क गोदौलिया, चौक और आसपास के कई वाणिज्यिक क्षेत्रों को जोड़ती है। यहाँ प्रतिदिन हज़ारों लोगों का यातायात होता है। परंतु इस मार्ग पर वर्षों से अनियंत्रित दुकानें, और अवैध कब्जों व संकरी सड़क के कारण यहाँ चलना भी मुश्किल हो जाता है।
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परियोजना की जानकारी हेतु बता दें कि दालमंडी क्षेत्र में सड़क चौड़ीकरण की प्रक्रिया तेज हो गई है। प्रशासन ने इस प्रोजेक्ट के लिए 25 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं। भूमि अधिग्रहण के लिए भी शीघ्र ही धनराशि जारी की जाएगी। पीडब्ल्यूडी, जल निगम और नगर निगम ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, जिसके आधार पर यह राशि स्वीकृत की गई।
पिछले महीने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस सड़क चौड़ीकरण की डीपीआर मांगी थी, जिसके पश्चात लोक निर्माण विभाग (PWD) ने प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा। लोक निर्माण विभाग और नगर निगम ने संयुक्त सर्वे कर रिपोर्ट तैयार की। जल निगम ने भी सीवर लाइन के लिए सर्वे कार्य कर दिया है ताकि भविष्य में कोई समस्या न हो।

बता दें कि दालमंडी की 650 मीटर लंबी सड़क को 17.5 मीटर तक चौड़ा किया जाएगा। नाली के डक्ट बनाए जाएंगे और सांकेतिक बोर्ड लगाए जाएंगे। कमिश्नर कौशल राज शर्मा के अनुसार चौड़ीकरण कार्य शीघ्र ही आरंभ किया जाएगा।
बता दें कि वाराणसी की दालमंडी में बुलडोजर चलना तय हो गया है। दालमंडी के चौड़ीकरण को स्वीकृति मिल गई है। लोक निर्माण विभाग अर्थात पीडब्ल्यूडी इस सड़क का चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण कराएगा।
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पीडब्ल्यूडी के कार्यों के लिए आवंटित धनराशि की पहली किस्त भी बीते दिनों जारी हो गई। इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया भी आरंभ हो गई है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की समीक्षा बैठक के समयावधि में दालमंडी के चौड़ीकरण का मामला उठा था। तत्पश्चात सीएम योगी के निर्देश पर पीडब्ल्यूडी ने यहां की नापी कराई थी। अभी सड़क की चौड़ाई अधिकतम नौ मीटर है। इसे 17.50 मीटर किया जाएगा।
पूरी परियोजना पर वैसे तो लगभग 222 करोड़ की लागत आएगी। इसमें से 22 करोड़ का बजट पीडब्ल्यूडी ने सड़क निर्माण, डिवाइडर आदि के लिए बनाया है। 650 मीटर लंबी और 17.5 मीटर चौड़ी सड़क बनाई जाएगी। इस सड़क के बनने से नई सड़क से काशी विश्वनाथ धाम के लिए नया मार्ग मिल जाएगा। कॉरिडोर बनने के पश्चात से काशी विश्वनाथ मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसके कारण गोदौलिया और मैदागिन के अतिरिक्त किसी तीसरे मार्ग का विकल्प तलाशा जा रहा था। ऐसे में दालमंडी को चौड़ाकर तीसरा मार्ग बनाने पर मंथन आरंभ हुआ था।

प्रशासन का मानना है कि पहले यह सड़क काफी चौड़ी थी। अवैध अतिक्रमण के कारण अब सकरी हो गई है। अभी तक बेनिया पार्किंग में गाड़ी खड़ीकर श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में दर्शन-पूजन को आने वाले अधिकतर श्रद्धालु नई सड़क, गोदौलिया होते हुए चौक तक आते हैं। दालमंडी के चौड़ीकरण से श्रद्धालुओं को गोदौलिया नहीं जाना होगा। लहुराबीर की ओर से आने वालों को दालमंडी से सीधे चौक होकर विश्वनाथ धाम के गेट नंबर चार पर भेजने की व्यवस्था हो जाएगी। सड़क चौड़ीकरण के पश्चात इस मार्ग पर होटल, गेस्ट हाउस, मॉल आदि भी विकसित हो सकेंगे। यातायात सुगम होने से लोगों का रोजगार भी बढ़ेगा।
यह भी बता दें कि घनी बस्ती वाली दालमंडी में सड़क के लगभग दोगुना चौड़ीकरण के कारण बड़ी संख्या में लोगों के विस्थापित होने का भी खतरा है। इन लोगों में अधिकतर मुस्लिम परिवार हैं। दालमंडी को वाराणसी ही नहीं पूरे पूर्वांचल की सबसे बड़ी मंडी का दर्जा भी प्राप्त है। यहां इलेक्ट्रानिक सामानों के साथ ही सजावटी सामानों और कपड़ों का होलसेल मार्केट है। बिहार, झारखंड और एमपी तक से व्यापारी यहां खरीदारी के लिए आते हैं। आपने यहां क्या कोई खरीदारी की थी यह हमें अवश्य बताएं।
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नवीनतम जानकारी देने हेतु बता दें कि वाराणसी के इस मुस्लिम बाहुल्य दालमंडी बाजार की गलियों में लगे तिरपाल को पुलिस फोर्स की उपस्थिति में नगर निगम की टीम ने हटा दिया। 650 मीटर लंबी गली तिरपाल से ढंकी रहती थी जिसके कारण इलाके की सेटेलाइट इमेज के माध्यम से विकास कार्यों का खाका खींच नहीं पा रहे थे।
सड़क चौड़ीकरण अभियान के अंतर्गत प्रथम चरण में तिरपाल हटाया गया है। डेढ़ सौ से अधिक दुकानदारों ने तिरपाल लगा रखा था। तिरपाल के हटने से अतिक्रमण भी नजर आने लगा है। दाल मंडी में लगभग 10,000 से भी अधिक दुकानें और घर हैं। अभी तक 150 से अधिक घर, दुकान की नापी हो चुकी है। शीघ्र ही यहां बुलडोजर चलाने की तैयारी है। और ऐसे में तो दालमंडी का अस्तित्व ही समाप्त है जाएगा।

इसके लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंतिम दिन 220 करोड़ का बजट स्वीकृत हुआ। इस धनराशि को क्षतिपूर्ति, सड़क चौड़ीकरण, सीवर, विद्युत पर खर्च किया जाएगा। 22 करोड़ रुपए रिलीज भी कर दिए गए। जिसके पश्चात पीडब्ल्यूडी की टीम दालमंडी में भवन की लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई यानि कितने मंजिल बना है, कहां कितनी सड़क चौड़ी है। कौन सा मकान कितनी सीमा में आ रहा है उसकी नापी आरंभ कर दी है। इसके लिए वाराणसी विकास प्राधिकरण ने सन 1883-84 के बंदोबस्त खसरा-खतौनी को आधार बनाया है।
वैसे तिरपाल के हटते ही ही पूरी दालमंडी उजड़ी उजड़ी नजर आने लगी है। अभी तक जो बिजली के तार तिरपाल के चलते नही दिखते थे, नजर आने लगे। अतिक्रमण करके किए गए निर्माण भी नजर आने लगे हैं। जो दालमंडी बाजार पूरे दिन ग्राहकों की भीड़ से ठसाठस रहता, आज उसकी रौनक गायब दिख रही थी।
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यह भी बता दें कि श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में दर्शन-पूजन को आने वाले अधिकतर श्रद्धालु नई सड़क, लक्सा, रेवड़ी तालाब, जंगमबाड़ी की तरफ से गोदौलिया स्थित नंदी चौराहे पर पहुंचते हैं। इससे गोदौलिया पर भारी भीड़ हो जाती है।और यातायात प्रभावित होता है। बैरिकेडिंग आदि का व्यापार पर भी प्रभाव पड़ता है। इस कारण कैंट व कचहरी से लहुराबीर की तरफ से आने वालों को दालमंडी से सीधे चौक होकर विश्वनाथ धाम के गेट नंबर चार पर भेजने की योजना बनी है।
यही नहीं, महाकुंभ के जनज्वार के दबाव को काशी ने महसूस किया। इस कारण से अब आगे चलकर गोदौलिया-जंगमबाड़ी -शिवाला और गिरजाघर-रेवड़ी तालाब-भेलूपुर रोड भी चौड़ा करने पर विचार किया जा रहा है। भीड़ को देखते हुए शासन-प्रशासन इस पर विचार कर रहा है।

अगर ये प्रोजेक्ट समय पर पूरा होता है, तो यह वाराणसी की वर्तमान ही नहीं अपितु भविष्य की ट्रैफिक समस्या को काफी हद तक हल कर सकता है और पर्यटन को भी बढ़ावा मिल सकता है। यह मात्र एक निर्माण कार्य नहीं है, अपितु ये बनारस के विकास की दिशा में एक बड़ा परिवर्तन है।
मित्रों हम आशा करते हैं कि आपको दालमंडी रोड चौड़ीकरण परियोजना की जानकारी पसंद आई होगी, तो कमेंट बाॅक्स में गांव अथवा जिले का नाम अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।
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