अयोध्या का कायाकल्प करने को अयोध्या रिंग रोड ने पकड़ी रफ़्तार
Getting your Trinity Audio player ready...
|
त्रेता युग में अयोध्या जी कितनी भव्य रही होंगी, इसकी अनुभूति अतिशीघ्र अयोध्या आने वाले सभी दर्शनार्थियों व श्रद्धालुओं को होगी। क्योंकि राम मंदिर निर्माण के साथ ही साथ अब रिंग रोड से अयोध्या (Ayodhya Ring Road) के विकास को नए पंख लगने वाले हैं।
Ayodhya : देश के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल अर्थात अयोध्याजी की पावन धरा पर वर्तमान समय में भगवान श्री राम चंद्र के भव्य मंदिर के निर्माण के साथ संपूर्ण अयोध्या का कायाकल्प करने पर कार्य संचालित है।
बता दें कि अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर को देखते हुए इस नगरी तक पहुंच को सरल बनाने पर भी कार्य आरंभ हो गया है। अयोध्या में राममंदिर निर्माण का कार्य चलने के साथ ही श्रद्धालुओं की संख्या में अत्यधिक वृद्धि हुई है। देश के प्रत्येक कोने से लोग यहां पहुंच रहे हैं। अपनी पुरातन संस्कृति को समेटे हुए इस धार्मिक नगरी को पर्यटन के दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना गया है। इसको देखते हुए नगर के रिंग रोड की योजना तैयार की गई है।
Read Also
अब बदलेगी काशी की तस्वीर, मिली अति महत्वाकांक्षी फोर लेन की सौगात
मिल गए रामलाला, Nepal से Ayodhya Ram Mandir आए शालिग्राम देवशिला स्वरुप में
अयोध्या रिंग रोड परियोजना की जानकारी देने हेतु बता दें कि तीन जिलों को छूकर निकलने वाले रिंग रोड के माध्यम से अयोध्या तक किसी भी कोने से पहुंचना सरल हो जाएगा। योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा 67.5 किलोमीटर लंबी सड़क के निर्माण की योजना पर काम किया जा रहा है।
अयोध्या रिंग रोड का अयोध्या के अतिरिक्त गोंडा और बस्ती जिले होते हुए रिंग रोड का निर्माण किया जाएगा। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने रिंग रोड के निर्माण के लिए भूमि के सर्वे का काम पूरा कर लिया है। इसके साथ ही रामनगरी में रिंग रोड के निर्माण की योजना पर अब कार्य तीव्र गति से चलने की बात कही जाने लगी है।
अयोध्या रिंग रोड के रूट आदि की जानकारी देने हेतु बता दें कि अयोध्या रिंग रोड का रूट मैप तैयार किया जा चुका है। भूमि सर्वे का कार्य पूर्ण होने के साथ ही इस योजना की प्रारंभिक रिपोर्ट भी सामने आ गई है। रिंग रोड गोंडा के महेशपुर गांव से आरंभ होगा। यहां से बिष्णोहरपुर होते हुए अयोध्या के मगलसी तक पहुंचेगी। अयोध्या के सरायराशी से रिंग रोड बस्ती जिले के सीतारामपुर गांव तक पहुंचेगी। वहां से यह दोबारा महेशपुर में मिल जाएगी।
अधिक जानकारी हेतु बता दें कि अयोध्या रिंग रोड तीन जिलों के 47 गांवों से हो करके निकलेगी। सोहावल ब्लॉक के 17, अयोध्या सदर के 20 और नवाबगंज ब्लॉक के 10 गांवों के किसानों की भूमि अधिग्रहीत की जा रही है। भूमि का अधिग्रहण छह लेन के लिए किया जाएगा, परंतु चार लेन सड़क का निर्माण होगा। वहीं धारा 3 डी के अंतर्गत प्रकाशन को लेकर कार्रवाई आरंभ की जा चुकी है। इसी माह से भूमि लेने की प्रक्रिया भी आरंभ हो जाएगी।
बता दें कि अयोध्या रिंग रोड की परिधि 67.5 किलोमीटर लंबी होगी। योजना पर लगभग 5000 करोड़ रुपए खर्च आने का दावा किया जा रहा है। रिंग रोड के लिए 392 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। भूमि के अधिग्रहण पर 690 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
अयोध्या रिंग रोड परियोजना की वर्तमान परिस्थिति की जानकारी देने हेतु बता दें कि अयोध्या रिंग रोड की परियोजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है। माना जा रहा है कि मार्च तक कागजी कार्रवाई को पूरा कर लिया जाएगा। मार्च अप्रैल से भूस्वामियों को क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान भी आरंभ किए जाने का दावा किया जा रहा है। आशा जताई गई है कि अप्रैल या फिर मई से रिंग रोड का निर्माण कार्य आरंभ कर दिया जाएगा। अर्थात अयोध्या रिंग रोड का निर्माण कार्य अप्रैल माह से भूमि पर दिखने लगेगा।
अयोध्या रिंग रोड परियोजना की विशेषताओं की जानकारी देने हेतु बता दें कि अयोध्या रिंग रोड के निर्माण के लिए जो प्लान को तैयार कराया गया है। उसके अनुसार रिंग रोड पर 11 बड़े और 12 छोटे ब्रिज बनाए जाएंगे। 4 स्थानों पर रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण किया जाएगा। इसके साथ- साथ 22 व्हीकल अंडरपास अथवा फ्लाईओवर का निर्माण होगा।
यह भी बता दें कि इस अयोध्या रिंग रोड के निर्माण से नगर के ग्रामीण क्षेत्रों का विकास बढ़ेगा। राममंदिर निर्माण के चलते अयोध्या नगर में भूमि की कीमत पहले ही कई गुना बढ़ गई है। रिंग रोड के निर्माण से ग्रामीण क्षेत्रों की भूमि की कीमतें और बढ़ जाएंगी। इसके अतिरिक्त इसके आसपास बड़े होटल और व्यवसायिक गतिविधियों का भी आरंभ होगा।
रामनगरी के आउटर क्षेत्र से होकर बनने वाला रिंग रोड केवल यातायात सुविधा ही नहीं देगा, अपितु लखनऊ, गोरखपुर, आजमगढ़, प्रयागराज, रायबरेली और गोंडा जाने वाले हाईवे से जहां-जहां जुड़ेगा, उन स्थानों पर भव्य सुविधायुक्त आर्थिक जोन भी विकसित होगा।
इससे क्षेत्रों में तरक्की के साथ सरकार की ओर से आठ लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने का भी लक्ष्य तय किया गया है। लखनऊ-गोरखपुर हाईवे पर यह स्थान घाटमपुर, रायबरेली हाईवे पर मऊयदुवंशपुर, प्रयागराज हाईवे पर मैनुद्दीनपुर, आजगमगढ़ हाईवे पर दशरथ समाधि स्थल के निकट, गोंडा जनपद के कटरा के नए पुल के निकट व रौनाही से गोंडा जाने वाले नए पुल के निकट इस स्थान को चिह्नित किया गया है।
इन सभी स्थानों को कामर्शियल जोन के रूप में विकसित किया जाएगा। लक्ष्य यह है कि इन सभी स्थानों पर अप्रत्यक्ष रूप से आठ लाख लोगों को रोजगार से जोड़ा जाएगा। सभी स्थानों पर भव्य गेट के साथ धर्मशालाएं भी बनाई जाएगी।
इन छह इकोनामिक जोन पर लगभग 1800 कमरों का यात्री निवास बनाए जाने का लक्ष्य है। साथ ही इन स्थानों को व्यावसायिक दृष्टि से अयोध्या विकास प्राधिकरण विकसित करेगा।
इसमें हाईवे व रिंग रोड को क्रास करने वाले स्थान को पूरी तरह से कॉमर्शियल बनाया जाना है। इसमें बड़े कारोबारियों से लेकर लघु व सूक्ष्म उद्योगों को स्थापित करने के साथ छोटे-छोटे दुकानदारों के लिए भी स्थान निर्धारित किया जाएगा। इन सबके अतिरिक्त प्राधिकरण अपनी आवासीय कॉलोनी भी विकसित करेगा।
वास्तव में, राम मंदिर का निर्माण के साथ-साथ अयोध्या नगरी में भी विकास की योजनाओं को गति दी जा रही है। इस क्रम में नगर की सड़कों की मरम्मत और चौड़ीकरण की योजना पर कार्य आरंभ किया गया है। अयोध्या की विरासत को संभालते हुए नगर को आधुनिक रूप देने की योजना पर कार्य किया जा रहा है।
महत्वपूर्ण है कि रिंग रोड का निर्माण होने से अयोध्या नगर पर ट्रैफिक का भार कम होगा। यातायात व्यवस्था भी अभी की तुलना में और बेहतर हो जाएगी। श्रद्धालु सरलता से रामनगरी पहुंच सकेंगे। रिंग रोड के भीतर व बाहरी क्षेत्रों का विकास होने से एक नई अयोध्या भी विकसित हो सकेगी। नगर के अंदर वाहन न आकर रिंगरोड से बाहर से ही निकल जाएंगे। इससे जिले की लगभग 30 लाख की जनसंख्या को जाम से मुक्ति मिलेगी।
मित्रों हम आशा करते हैं कि आपको अयोध्या रिंग रोड परियोजना की जानकारी पसंद आई होगी, तो कमेंट बाॅक्स में अपने गांव अथवा जिला का नाम अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।
अधिक जानकारी के लिए वीडियो देखें:-