अयोध्या राम मंदिर से आई राम भक्तों के लिए बड़ी खुशखबरी

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अयोध्याजी की पावन धरा पर भगवान श्री राम चंद्र के भव्य मंदिर के निर्माण कार्य की गति ने समस्त भारतवर्ष तथा समस्त सनातनीयों को बहुत बड़ी खुशी दी है। अब लगता है कि तय समय से पहले ही होगा भगवान रामलला का उनके भव्य मंदिर में दर्शन।

राम मंदिर

रामजन्मभूमि (Ram Janmbhumi) पर निर्माणाधीन राम मंदिर की दर्शनीयता बढ़ती जा रही है। मंदिर निर्माण का आरंभ गत वर्ष 15 जनवरी को ही हो गई थी। चार सौ गुणे तीन सौ फीट के विस्तृत परिक्षेत्र में 40 से 50 फीट की गहराई तक बनी नींव व्यापक निर्माण कार्य का सबब थी, किंतु निर्माण के साथ ही वह सतह के नीचे विलीन होती गई। अब जबकि नींव के ऊपर मंदिर के अधिष्ठान का निर्माण हो रहा है, तो प्रत्येक दिन के साथ निर्माण की तस्वीर पुख्ता होती जा रही है। अधिष्ठान 21 फीट ऊंचा और सात लेयर में संयोजित है।

श्रीराम जन्मभूमि मंदिर (Ram Mandir Ayodhya) निर्माण स्थल पर पत्थरों के ब्लॉक से फर्श अर्थात राम चबूतरे का निर्माण चल रहा है। इससे पहले गर्भ गृह पर जहां रामलला विराजमान थे, वहां चबूतरे के निर्माण का कार्य लगभग पूर्ण होने वाला है। गर्भ ग्रह स्थल के आसपास रामलला का चबूतरा बलुआ पत्थरों से बनाए जा रहे हैं। अब इसके ऊपर रामलला के मंदिर निर्माण के लिए कार्यशाला में तराश कर रखे गए पत्थरों को लगाया जाएगा। गर्भ गृह पर ऊंचे चबूतरे के निर्माण के साथ ही फर्श का काम आरंभ होगा। शेष मंदिर निर्माण स्थल के बड़े भाग पर फर्श के निर्माण का कार्य अंतिम चरण में चल रहा है।

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इस प्रकार से श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट दिसंबर 2023 में दर्शनार्थियों के लिए राम मंदिर खोलने के अपने लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है। इसके लिए अयोध्या ही नहीं अपितु बंसी पहाड़पुर में भी स्थापित कार्यशाला से तराशे गए पत्थर राम जन्मभूमि स्थल पर पहुंचाए जा रहे हैं। बता दें कि श्रीराम जन्मभूमि परिसर के 70 एकड़ भूमि में राम मंदिर के अतिरिक्त बहुत कुछ होगा। नक्षत्र वाटिका होगी, जिसमें नक्षत्रों के अनुरूप वृक्षारोपण भी होगा। एक म्यूजियम होगा, जिसमें खुदाई के समयावधि में मिले अवशेषों को रखा जाएगा। इसमें एक पुस्तकालय होगा जहां श्रीराम मंदिर और उसके लिए संघर्ष के अतिरिक्त सनातन धर्म से जुड़ी किताबों और साहित्य उपलब्ध होंगे। राम जन्मभूमि में दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को इसे दिखाया जाएगा।

यही नहीं राम जन्मभूमि परिसर में यज्ञशाला और सत्संग स्थल भी होगा। श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण के लिए वहीं पर एक रसोई का भी निर्माण होगा, जबकि कॉरीडोर में श्रीराम के जीवन चरित्र पर आधारित मूर्तियां होंगी। श्रीराम के अनन्य भक्त और सेवक हनुमानजी और भगवान शंकर का एक मंदिर भी राम मंदिर के साथ बनाया जाएगा।

बता दें कि अभी भले ही दो लेयर का निर्माण हुआ है, किंतु ग्रेनाइट से आच्छादित होकर राम मंदिर का अधिष्ठान अपनी आभा बिखेरने लगा है। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का मानना है कि इसी वर्ष के मध्य तक अधिष्ठान निर्माण का कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। तदुपरांत पहले से तराश कर रखी गईं शिलाएं भव्य मंदिर के आकार में शिफ्ट की जाने लगेंगी। ट्रस्ट की योजना दिसंबर 2023 तक रामलला को मूल गर्भगृह में स्थापित करने की है।

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जानकारी के लिए बता दें कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह पर फर्श निर्माण से पहले राम चबूतरा (प्लिंथ) बन रहा है। ‘प्लिंथ’ का अर्थ चबूतरा, खंभे का चौकोर निचला भाग है। सबसे बड़ी बात है कि इस चबूतरे के निर्माण का 15 प्रतिशत कार्य अब पूरा हो गया है। अब यह निर्माण रामलला का दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को रामजन्मोत्सव पर राम झरोखे से सरलता से दिखाई देगा।

मंदिर निर्माण के साथ सरयू की जलधारा से मंदिर को हजारों वर्षों तक सुरक्षित रखने के लिए भूमि के 50 मीटर नीचे रिटेनिंग वॉल बनाई जा रही है, जो रामलला के मंदिर की नींव को सरयू की जलधारा से बचाएगी.

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि श्रीराम मंदिर पूरे विश्व के हिंदुओं की आस्था का केंद्र बन चुका है। राम चबूतरा और रिटेनिंग वाल का निर्माण तीव्रता के साथ पूरी क्षमता से चल रहा है। राम चबूतरा का निर्माण कार्य 15 प्रतिशत तक पूरा कर लिया गया है। वर्षा ऋतु से पहले इस कार्य को हर परिस्थिति में पूरा किया जाना है। कुशल इंजीनियरों की देख-रेख में चल रहे राम मंदिर निर्माण का काम लगातार अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है।

बता दें कि राम चबूतरा अर्थात प्लिंथ के निर्माण में राजस्थान के बंसी पहाड़पुर के 5 फुट, 2.5 फुट और 3 फुट आकार के 17 हजार पत्थर लगाए जा रहे हैं। हर ऐसे पत्थर का भार लगभग 2.50 टन है।‌ एवं वर्तमान समय में हर दिन 80 से 100 पत्थर लगाए जा रहे हैं। राम चबूतरा कुल 7 लेयर में बनाया जाना है। तथा प्लिंथ में पत्थर लगाने का यह कार्य मई माह तक पूरा हो जाएगा।

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जानकारी के लिए बता दें कि मंदिर के अतिरिक्त अन्‍य भवनों का निर्माण भी अप्रैल 2022 से ही अर्थात इसी माह से आरंभ होना‌ है।

अयोध्या का राम मंदिर 161 फीट ऊंचा और 360 फीट लंबा होगा, जबकि इसकी चौड़ाई 255 फीट होगी। यहां पर एक साथ एक लाख श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए प्रवेश दिया जा सकेगा। श्रद्धालुओं के विश्राम और प्राथमिक चिकित्सा सहित सभी मूलभूत सुविधाएं विशाल राम मंदिर परिसर में उपलब्ध रहेंगी। भक्तों को श्रीराम से जुड़े साहित्य और मूर्तियों के माध्यम से सम्पूर्ण रामायण देखने की सुविधा भी मिलेगी। कुल मिलाकर श्री राम मंदिर धर्म-अध्यात्म के साथ शिक्षा और संस्कार का देश का बड़ा मंदिर होगा।

Ram mandir nirman

बिन्दुवार आपको यदि राम मंदिर की भव्यता को बताएं तो वह कुछ इस प्रकार से हैं।
नया प्रस्तावित मंदिर 360 फीट लंबा और 255 फीट चौड़ा होगा। 161 फीट ऊंचा बनाने को अंतिम रूप दे दिया गया है।पहले 268.5 फीट लंबाई, 140 फीट चौड़ाई और 128 फीट ऊंचाई थी।क्षेत्रफल अब 84 हजार 600 वर्ग फीट हो गया है। पहले कुल क्षेत्रफल 37 हजार 590 वर्ग फीट था।शिखर बढ़ने से मंदिर में कुछ परिवर्तन भी हुए हैं। जिसमें कि पहले अग्रभाग, सिंहद्वार, नृत्य मंडप, रंगमंडप के पश्चात गर्भगृह था। परंतु अब गर्भगृह और रंगमंडप के मध्य गूढ़ मंडप होगा।दाएं-बाएं अलग-अलग कीर्तन व प्रार्थना मंडप होगा।

इसके अतिरिक्त आपको बता दें कि श्री राम मंदिर निर्माण के साथ ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन पूजन के लिए देश-विदेश से अयोध्या आएंगे। इसको ध्यान में रखते हुए श्री राम मंदिर की सुरक्षा का खाका इस प्रकार से तैयार किया जा रहा है कि कहीं कोई चूक ना रह जाए। इसीलिए राम मंदिर निर्माण समिति में बीएसएफ के रिटायर्ड डीजी केके शर्मा को सम्मिलित किया गया है।

उनके नेतृत्व में सीआरपीएफ, आईएसएफ और सिविल पुलिस की एक संयुक्त यूनिट तैयार होगी, जिसमें खुफिया पुलिस के भी जवान सम्मिलित होंगे। सूत्रों की माने तो दिसंबर 2023 में जब श्री राम जन्मभूमि मंदिर दर्शनार्थियों के लिए खोला जाएगा उसी समय से सुरक्षा का दायित्व यही खास यूनिट संभालेगी।

अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर किस प्रकार से बन रहा है तथा निर्माण कार्य कहां तक पहुंचा इत्यादि जानने की जिज्ञासा आज हर किसी को है। इसीलिए वीडियो के माध्यम से हम आपके सभी जिज्ञासाओं समाप्त करने का प्रयास करते हैं। आप हमारे इस पून्य कर्म में सहयोग देना चाहें तो अपनी इच्छा व श्रद्धा अनुसार कर सकते हैं।

मित्रों यदि आपको उपरोक्त अयोध्या के श्री राम मंदिर निर्माण की विशेष जानकारी पसंद आई हो तो जय श्री राम कमेंट बाॅक्स में अवश्य लिखें।

अधिक जानकारी के लिए वीडियो देखें:

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