शुरू हुआ Ayodhya Ram Mandir के मुख्य शिखर का तूफानी निर्माण कार्य
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Ayodhya Ram Mandir Nirman : भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या में उनके जन्मस्थान पर लगभग 5 शताब्दियों के पश्चात ऐसा पल आने वाला है, जिसका साक्षी संपूर्ण विश्व बनेगा।
सबसे पहले बात करते हैं अयोध्या में राम मंदिर निर्माण कार्य की तो आपको हम बता दें कि मंदिर के मुख्य शिखर निर्माण की पहली लेयर बनकर तैयार हो गई है। इसमें 29 लेयर में शिखर का निर्माण किया जाएगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने विजय दशमी की पूर्व संध्या पर राम मंदिर के शिखर निर्माण की तस्वीर जारी की।
अधिक जानकारी हेतु बता दें कि इस शिखर निर्माण का कार्य नवरात्र के प्रथम दिन से आरंभ हुआ था। तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपत राय ने पहली शिला का पूजन किया। तत्पश्चात पूरे लेयर में तराशी गई शिलाओं को उनके निर्धारित स्थान पर रखकर सेट किया गया।
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बता दें कि राम मंदिर नींव की ही प्रकार से शिखर निर्माण भी वन बाई वन लेयर में किया जा रहा है। और इसमें 29 लेयर में भव्य शिखर बनेगा। 29 पॉइंट की लेयर के पश्चात अंतिम बिंदु का स्पर्श होगा। शिखर की घुमावदार परिधि/व्यास नीचे से ऊपर बढ़ते क्रम में घटती जाएगी।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अनुसार 161 फिट ऊंचा शिखर बनेगा। इसमें 45 फिट ऊंचा और पांच टन वजन का ध्वज स्तंभ भी स्थापित किया जाएगा। इस पर राम मंदिर की पताका इसके ऊपर छह फीट की कहें तो धर्म ध्वजा फहराई जाएगी। ऐसे में शिखर की कुल ऊंचाई करीब 211 फीट हो जाएगी। शिखर निर्माण के बारे में राम मंदिर के आर्किटेक्ट आशीष सोमपुरा ने बताया की निर्माण में स्थापत्य कला का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। और यह शिखर मार्च 2025 से पहले बनकर तैयार हो जाएगा।
राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बीते 3 अक्टूबर को निर्माण कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा- मंदिर में होने वाले समस्त निर्माण कार्य तीव्र गति से चल रहे हैं। जो समय सीमा तय की गई है, उस पर काम पूरा होगा।
नृपेंद्र मिश्रा के अनुसार नागर शैली में बन रहे मंदिर का शिखर भी उसी शैली का होगा। शिखर की डिजाइन आर्किटेक्ट आशीष सोमपुरा ने तैयार की है। डिजाइन को ट्रस्ट ने पहले ही फाइनल कर दिया है। खास बात यह है कि यह पहला राम मंदिर है, जिसका शिखर अष्टकोणीय है। शिखर निर्माण में 120 दिन लगेंगे। शिखर का निर्माण गुजरात व राजस्थान के 300 कुशल कारीगर कर रहे हैं।
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इसके अतिरिक्त आपको हम बता दें कि 22 सितंबर को अयोध्या पहुंचे शंकराचार्य ने रामलला के दर्शन नहीं किए। उन्होंने कहा- हमने प्रण लिया है कि जब तक राम मंदिर निर्माण पूरा नहीं हो जाता, तब तक वे दर्शन नहीं करेंगे। मंदिर के पूर्ण निर्माण के पश्चात राष्ट्रमाता (गाय) के दूध से भरा कटोरा लेकर रामलला के दर्शन करने जाएंगे।
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा- अभी मंदिर का निर्माण पूरा नहीं हुआ है। मंदिर जाने से पहले ध्वज का दर्शन करना होता है। अभी ध्वज दर्शन के लिए उपलब्ध नहीं है। कलश दर्शन के लिए उपलब्ध नहीं है। वहां जाकर क्या दर्शन करेंगे? जो दर्शन कर रहे हैं, वह श्रद्धालु हैं, हम जिम्मेदार व्यक्ति हैं।
वहीं मंदिर निर्माण कार्य की अधिक जानकारी हेतु बता दें कि राम मंदिर के दूसरे तल का निर्माण में अब शिखर का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। शिखर के प्रथम लेयर का निर्माण कार्य बीते शुक्रवार को पूरा हो गया। इसके निर्माण में मात्र 7 दिन लगे हैं। इसी के साथ ही अब परकोटा पर बनने वाले 6 देवी-देवताओं के मंदिरों का निर्माण तेजी से पूरा किया जा रहा है। इन मंदिरों के साथ ही सप्त ऋषि मंदिर का निर्माण कार्य भी अंतिम चरण में है।
परकोटा का निर्माण भी मार्च तक पूरा कर लिया जाएगा। तथा दूसरे तल पर जहां मंदिर के शिखर का निर्माण तेजी से चल रहा है। अन्य निर्माण भी साथ-साथ चल रहे हैं। बता दें कि भूतल और प्रथम तल का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। अब केवल छोटे-मोटे काम ही चल रहे है। फिनिशिंग का काम भी दिसंबर तक पूरा होगा।
इसके अतिरिक्त हम आपको बता दें कि मंदिर में इस वर्ष दीपोत्सव का भी भव्य कार्यक्रम होगा। इसकी तैयारियां आरंभ कर दी गई हैं। निर्माण कार्य में लगी निर्माण कंपनियों का दावा है कि काम में तेजी लाने के साथ ही गुणवत्ता का भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सारे निर्माण कार्य निर्धारित समय में पूरा करने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
आपको हम बता दें कि मंदिर के परकोटे और सप्त मंडप का काम भी साथ में चल रहा है। मुख्य भवन के अतिरिक्त लैंडस्केपिंग का कार्य भी किया जा रहा है।
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यही नहीं, राम मंदिर आने वालों को शीघ्र ही राम दरबार के भी दर्शन होंगे। अगले वर्ष होली से पहले प्रथम तल पर राम दरबार की स्थापना हो जाएगी। बैठक में इसको लेकर भी चर्चा हुई थी। राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया था कि राम दरबार की डिजाइन का काम पूरा हो चुका है। राम दरबार संगमरमर का होगा। राम दरबार अपने पूर्ण रूप में होगा जिसमें राम, सीता, तीनों भाई और हनुमान जी की मूर्ति होगी। मूर्तिकार वासुदेव कामथ ने इसकी डिजाइन को स्वीकृत कर दिया है, अगले वर्ष होली से पहले राम दरबार स्थापित हो जाएगा।
दीपोत्सव के लिए सज-संवर रही रामनगरी का श्रृंगार सोलर स्मार्ट लाइट के जरिये भी हो रहा है। यूपीनेडा की ओर से 300 करोड़ की लागत से प्रमुख स्थलों पर स्मार्ट सोलर लाइट लगाने का काम किया जा रहा है। इसके पूरा होते ही अयोध्या बाईपास और एयरपोर्ट मार्ग जगमग करने लगेंगे।
इनसब के अतिरिक्त आपको हम बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की घोषणा के बाद से अयोध्या को सोलर सिटी बनाने की दिशा में सोलर रूफटॉप समेत सौर ऊर्जा से संबंधित कई परियोजनाएं पहले से संचालित हैं। यहां के तमाम पार्क और सड़कें सोलर लाइट से प्रकाशमान हो रही हैं। अब यूपीनेडा ने स्मार्ट सोलर लाइट लगवाने का कार्य आरंभ किया है। महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर देश भर से पर्यटक व श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। ऐसे में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए एयरपोर्ट के पास 60 स्मार्ट सोलर लाइट लगाई जा रही हैं।
इसके अतिरिक्त यूपीनेडा की ओर से 58 सोलर स्मार्ट लाइट अयोध्या बाईपास के दोनों ओर लगाई जा रही हैं। मंडलायुक्त आवास के पास 16, धर्मपथ के पास एक पार्क में 10 और मुक्ति धाम पर छह सोलर स्ट्रीट लाइट लगाई जा रही हैं। यूपीनेडा के परियोजना अधिकारी प्रवीण कुमार पांडेय ने बताया कि प्रोजेक्ट पर तेजी से काम चल रहा है। दीपावली तक चिह्नित स्थलों पर स्मार्ट लाइट लगाने का काम पूरा कर लिया जाएगा।
मित्रों यदि दी हुई श्री राम मंदिर निर्माण की जानकारी आपको पसंद आई हो तो कमेंट बाॅक्स में जय श्री राम अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।
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